Monday, September 26, 2011



हिसार, 25 सितंबर। इनेलो सुप्रीमो एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने कहा है कि हिसार का उपचुनाव हरियाणा में सत्ता परिवर्तन करेगा। इस चुनाव के नतीजे कांग्रेस की देश-प्रदेश में बनी सरकार को उखाडऩे का काम करेंगे। वे आज हिसार में स्व. देवीलाल की 98वीं जयंती पर आयोजित सम्मान दिवस रैली में उमड़े जनसैलाब को संबोधित कर रहे थे। रैली में मुख्यरूप से पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल,सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव एबी वर्धन, तेलगुदेशम के सांसद नागेश्वर राव, सीपीएम के प्रदेश सचिव का. इंद्रजीत, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन सरदार त्रिलोचन सिंह, बसंपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष कांता आलडिय़ा इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, शेर सिंह बड़शामी, रणबीर गंगवा, इनेलो प्रत्याशी अजय सिंह चौटाला, अभय सिंह चौटाला, सिरसा से पदम जैन, अमीर चावला, विधायक कृष्ण कंबोज, चरणजीत सिंह रोड़ी, रमेश गोदारा,रणपत राम नूनियाँ,सिद्धार्थ गोदारा सहित अन्य इनेलो नेता मौजूद थे। रैली में उमड़ी भीड़ को देखकर गदगद हुए चौटाला ने कहा कि आज देश-प्रदेश में हालात खराब है। दोनों स्थानों पर कांग्रेस का शासन है जिसने लोगों को भूखमरी के कगार पर पहुंचा दिया है। कांग्रेस को जनता की भलाई से नहीं बल्कि सत्ता से प्यार है जबकि देवीलाल ने देशहित में प्रधानमंत्री का पद ठुकराकर ज्याग का अद्भूत उदाहरण दिया था। उन्होंने कहा कि हरियाणा में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, तब से हरियाणा हर क्षेत्र में पिछड़ रहा है। हर तरफ, लूट, डकैती, छीना-झपटी, हत्या की वारदातें हो रही है। भूमि अधिग्रहण के नाम पर किसानों की करोड़ों की जमीन को कोडिय़ों के भाव खरीदकर प्रॉपर्टी डीलरों को बेची जा रही है। इसलिए जनता का कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है और जनता ने सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया है। चौटाला ने कहा कि हिसार उपचुनाव में इनेलो की जीत के साथ ही पूरे देश में कांग्रेस के विरोध में लहर चल पड़ेगी और आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में इनेलो के नेतृत्व में सरकार बनेगी और हरियाणा को फिर से विकास के पथ पर अग्रसर किया जाएगा। इनेलो की सरकार बनने के बाद कोई समस्या नहीं रहेगी। हर तरफ खुशहाली होगी, इसलिए उपचुनाव में इनेलो प्रत्याशी को भारी मतों से जीताकर संसद में भेजने का काम करे। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि बहुत से ऐसे लोग हैं जिनकी लालसा राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री बनने की होती है मगर देवीलाल ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने प्रधानमंत्री का पद ठुकराया था। देवीलाल ही सही मायने में लोकनायक थे। बादल ने कहा कि वे देवीलाल को बहुत नजदीक से जानते थे। देवीलाल किसानों, कमेरों के सच्चे हितैषी थे। वे सभी से प्यार करते थे। बादल ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि आज हरियाणा की सत्ता ऐसे लोगों के हाथ में है जिन्हें प्रदेश से प्यार नहीं है। दूसरी तरह देवीलाल के पदचिन्हों पर चलते हुए ओमप्रकाश चौटाला तथा उनके दोनों पुत्र अजय सिंह व अभय सिंह हरियाणा को न सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी नंबर एक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए हिसार लोकसभा उपचुनाव में अजय सिंह को वोट देकर विजयी बनाए ताकि आने वाले समय में हरियाणा में इनेलो की सरकार बन सके। तेलगुदेशम पार्टी, वामपंथी दलों के नेता भी रैली में पहुंचे और इनेलो के पक्ष में मतदान की अपील की। मंच संचालन प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कियाहिसार में हर तरफ जाम इनेलो की सम्मान दिवस रैली में उमड़ी भीड़ के कारण आज हिसार में हर तरफ जाम लगा रहा। सिरसा, तोशाम, हांसी सहित हिसार में आने वाले सभी मार्गों पर रैली से कई घंटों पहले ही जाम लग गया था। जाम का आलम यह था कि हजारों लोग रैली स्थल तक नहीं पहुंच सके। वे अपने-अपने वाहनों में जाम में फंसे रहे।महिलाओं की अहम भागीदारीसम्मान दिवस रैली में आज पुरुषों के साथ ही महिलाओं की भी उल्लेखनीय संख्या था। पंडाल के आधे हिस्से में महिलाएं बैठी हुई थीं। अधिकांश महिलाओं ने हरे रंग के कपड़े पहले हुए थे जबकि पुरुषों ने हरे रंग की पगड़ी धारण की हुई थी। महिलाएं ढोल की थाप पर नाचते हुए रैली स्थल तक पहुंची। गर्मी के बावजूद रैली में महिलाओं का इतनी बड़ी तादाद में पहुंचना दर्शा रहा है कि इनेलो के प्रति महिलाओं की आस्था बढ़ रही है।हरे रंग में रंगा हुआ था पंडालरैली का पंडाल पूरी तरह से हरे रंग में रंगा हुआ था। मंच पर हरे रंग के झंडे लगे हुए थे। गाडिय़ों के आगे भी हरे रंग के बैनर लगाए गए थे। यहां तक की रैली में पहुंचे अधिकांश इनेलो समर्थकों ने हरे रंग के कपड़े पहने हुए थे। इसलिए हर तरफ हरियाणाली नजर आ रही थी।

Friday, September 16, 2011


हरियाणा जनहित पार्टी का हश्र भी हविपा की तरह ना हो जाये ……………?
करनाल (अनिल लांबा) : हिसार उप-चुनाव की गूंज क्या उठी धरती के धरातल पर अपना वजूद ढूंढ रही हरियाणा जनहित पार्टी व भाजपा एक साथ कदम मिला चलने को तैयार हो गयी | आज हरियाणा जनहित पार्टी ने भाजपा के साथ चलने से पहले एक क्षण भी ना सोचा की यह वही भाजपा है जिसने हरियाणा में पूर्व में चल रही स्वर्गीय बंसीलाल पूर्व मुख्यमंत्री की सरकार के पीठ में छुरा घौंप कर उनकी सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी | आपको बता दें की पूर्व स्वर्गीय मुख्यमंत्री बंसीलाल की सरकार में भाजपा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने एक ऐसा स्वप्न देख लिया था जिसकी कीमत भाजपा सहित हविपा तक को चुकानी पड़ी थी | इसके बाद से ही भाजपा हरियाणा में हाशिये पर चली गयी थी |

Thursday, September 1, 2011

चुप नहीं बैठेंगे अन्ना, फिर भरेंगे हुंकार


गुड़गांव : संसद में जन लोकपाल बिल उनकी शर्तो के अनुरूप पास हो जाने के बाद भी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे चुप नहीं बैठेंगे। उनकी अगली हुंकार भूमि सुधार, चुनाव, न्याय व पुलिस प्रणाली के सुधार के लिए होगी। इसकी रणनीति उन्होंने हरियाणा के गुड़गांव स्थित मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में इलाज के दौरान तैयार कर ली है। इसका रहस्योद्घाटन अन्ना की इलाज में लगे चिकित्सक व अन्य कर्मचारियों ने किया है। मालूम हो कि दिल्ली के रामलीला मैदान में 288 घटे तक अनशन करने वाले अन्ना को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी चिकित्सा में लगे चिकित्सक व सहायक की मानें तो अन्ना ने सोमवार को महात्मा गांधी की तस्वीर मांगी और उसके सामने बैठ गए। इसके बाद उन्होंने कुछ लिखना शुरू कर दिया। एक पुरानी डायरी को भी खोलकर बीच-बीच में पढ़ते। डायरी में वोहरा कमेटी की सिफारिश से लेकर उन आयोगों का हवाला था, जो जनहित में गठित किये गए थे। एक पैड पर उन्होंने दो दिन तक मराठी में लिखा। अस्पताल से छुट्टी वाले दिन बुधवार को चिकित्सक व सहायक ने जब अन्ना से पन्ने पर लिखी गई पंक्तियों के बारे में पूछा तो तो कहा कि, गांधी जी के उस जुमले को साकार करना है कि 'भारत गांवों में बसता है।' यह तभी संभव होगा जब भूमि सुधार, चुनाव व न्यायिक तथा पुलिस प्रणाली सुधर जाएगी। अन्ना का कहना था कि देश स्वतंत्र है, पर कई नियम-कानून अंग्रेजों के दौर के ही चल रहे हैं। इसमें बदलाव तभी आएगा जब जनता आंदोलन करेगी। जन लोकपाल बिल को लेकर चले आंदोलन ने यह साबित भी किया है।मंगलवार को अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल व किरण बेदी अस्पताल पहुंचे। अन्ना ने उनसे भी तमाम जानकारियां लेकर तीन पन्नों में लिखा। अन्ना ने बताया कि उस रणनीति को अंतिम रूप 10 व 11 सितंबर को महाराष्ट्र के रालेगांव सिद्धि में होने वाली सिविल सोसायटी की कोर कमेटी की बैठक में दिया जाएगा।
अन्ना की इच्छा के आगे डॉक्टर भी झुके
-अन्ना हजारे स्वस्थ थे। वजन भी एक किलो बढ़ा था। बावजूद इसके डॉक्टर उन्हें शुक्रवार तक अस्पताल में रोकना चाहते थे। लेकिन अन्ना को अपने गांव के गणेशोत्सव में शामिल होने की बड़ी इच्छा थी। उन्होंने बुधवार की दोपहर डॉक्टरों से अपने गांव महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगांव सिद्धि जाने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने डॉक्टर के मोबाइल फोन से सिविल सोसाइटी के सदस्यों से बातचीत की। एक घंटे बाद ही किरण बेदी व अरविंद केजरीवाल उन्हें अस्पताल से छुट्टी दिलाने में जुट गए। मेदांता मेडिसिटी के सीईओ डॉ. नरेश त्रेहन ने बताया कि जानकारी मिली तो वह तत्काल अन्ना के पास गए। अन्ना के गणेशोत्सव का हवाला देकर सभी को राजी कर लिया।
कमरे की ओर झुक जाते हैं सिर
-मेदांता के कमरा नंबर 4303 में अन्ना भले न हों, लेकिन अब वह कमरा अस्पताल प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण हो गया है।
अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि अन्ना के रहते हुए कम लोगों को ही उस ओर जाने दिया जाता था। लेकिन अन्ना गए तो कमरे के आगे सिर झुकाने का मौका मिल गया।
योग, सादा खाना व ब्रह्माचर्य अन्ना का खजाना
-12 दिन तक अनशन करने के बाद भी शेर की तरह दहाड़ने वाले अन्ना की फिटनेस के कई राज हैं। सुबह की शुरुआत योग व ध्यान से करने वाले अन्ना नाश्ते में पोहा या फल या लस्सी लेते थे। दोपहर में दाल, ज्वार व बाजरे की रोटी लेते थे। इसके चलते उनके शरीर में फाइबर व प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पहुंचती है। यही वजह थी कि 74 साल के होने के बाद भी उनका पाचन तंत्र से लेकर श्वसन तंत्र और रक्तचाप सामान्य रहता है। डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि नियम से भोजन व ब्रह्माचर्य का पालन ही अन्ना को मजबूत करता है।
अन्ना की जीत पर रालेगांव सिद्धि में आज भोज
-प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे गुरुवार को तड़के अपने गांव रालेगांव सिद्धि पहुंचे। गांव पहुंचने पर लोगों ने उनका शानदार स्वागत किया। विजयी होकर गांव लौटने की खुशी में गांव वालों ने शुक्रवार को दस हजार लोगों के लिए 'ग्राम भोजन' का आयोजन किया है। अन्ना ने गुरुवार को पूरा दिन आराम किया।
गांव के पद्मावती मंदिर स्थित 'भक्त निवास' में आराम कर रहे अन्ना ने कहा, 'मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं..तेजी से ठीक हो रहा हूं। जो लोग मेरे अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं, उनका मैं आभारी हूं' उनके निजी सहायक ने कहा कि अन्ना आज आराम करेंगे और शुक्रवार को जनता और मीडिया से मिलेंगे। जन लोकपाल विधेयक के मुद्दे को लेकर अन्ना नई दिल्ली में बारह दिनों तक अनशन पर रहे। अनशन खत्म करने के बाद उनका गुड़गांव के अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके सहायक ने बताया कि टीम अन्ना के सदस्यों की यहां 10-11 सितंबर को बैठक होनी है। बैठक में लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। बैठक में अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी को भी भाग लेना है।