Thursday, April 14, 2011

महिला को काट खाया, पुलिस बनी मूक दर्शक ?


करनाल, अनिल लाम्बा। 
चंडीगढ़ में ज्यों ज्यों अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है उसी तर्ज पर पुलिस की ज़बावदेही और जिम्मेवारी का ग्राफ भी गिरता जा रहा है। ऐसा ही कुछ इंदिरा कलोनी के मकान नम्बर 1167 की निवासी अनुराधा पत्नी सुरेन्द्र सिंह के साथ हुए वाक्यात के बाद पुलिस की कारगुजारी से सामने पेश आया है। दो बच्चों की माँ अनुराधा पर  10-11 अप्रैल 2011 की रात के तकरीबन डेढ़ बजे का वक्त किसी जानलेवा हादसे और बेआबरू करने से कम ना था। बकौल अनुराधा रविवार की रात को एक वहशी दरिन्दे ने उनके मुहल्ले के आस पास के घरों की कुण्डियाँ लगा कर उस पर उस वक्त जुल्म ढाए जब उसका पति सुरेन्द्र सिंह ऑटो चलाने की ड्यूटी पर गया था। वहशी दरिन्दे को पूरा पता था कि अनुराधा रोज रात को घर पर इस वक्त अकेली  होती है। शिक्षिता अनुराधा के घर घुसकर वहशी दरिन्दे में नन्हें बच्चों की चीख चीत्कार को भी अनसुना करते हुए उसको दांतों से काट काट कर लहूलुहान कर डाला। अनुराधा को बाजु और वक्ष स्थल पर बुरी तरह से काटा गया है। ये पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में भी हो चुकी है। अनुराधा रोती चीखती चिलाती रही पर दरिन्दे ने एक के बाद एक कई बार दांत उसके जिस्म पर गढाए और खूब जोर जबरदस्ती अनुराधा के अनुसार बेआबरू करने की हिमाकत और कोशिश करता रहा, पर अनुराधा ने जैसे तैसे खुद को दरिन्दे के  चुंगल से मुक्त करवाया और लगातार शोर मचाती रही। पर पड़ोसी भी दरवाजे बंद होने के चलते उसकी मदद को बाहर ना आ सके। दरिन्दे के भाग जाने के बाद अनुराधा ने अपने पति सुरेन्द्र को फोन पर इतला दी और पुलिस को भी सूचित किया गया! पुलिस ने डी.डी.आर. नम्बर 74 /10-11 अप्रैल 11 दर्ज  कर अनुराधा का मेडिकल करवाया। पर खबर लिखे जाने तक पुलिस दरिन्दे को काबू करने में तीन दिन बाद भी नाकाम रही। उधर अनुराधा और उसके पति को अपनी जान का भी खतरा बना हुआ हैं। मुहल्ले वालों ने ये भी बतलाया  कि ऐसा ही दरिंदगी का वाक्यात पिछले मुहल्ले में घट चूका पर पुलिस के पास ऐसी कोई रपट दर्ज हुई की पुष्टि नहीं हो पाई हैं। इंदिरा कलोनी में पहले भी छोटी सी वारदात के बाद भडके कलोनी वासियों के क्रोध और हिंसा के चलते कर्फ्यू जैसी हालत बने थे और पुलिस को काबू पाने में एडी चोटी तक खून पसीना बहाना पड़ा था। कई महीनों के बाद हालत सामान्य हो पाए थे। पुलिस अभी भी गुंडे दरिन्दे  को काबू करने के लिए छापेमारी कर रही है। इबाबत जब सम्बन्धित पुलिस इंस्पैक्टर शेर सिंह से सम्पर्क साधा गया तो कोशिश नाकाम रही। अनुराधा ह्यूमन राइट्स संस्थाओं से भी सम्पर्क साधने की बात कह रही है।

No comments:

Post a Comment