Saturday, February 18, 2012

आपके जीवन में आंवले के कितने फायदे


आपके जीवन में आंवले के कितने फायदे 
भोजन की शुद्धता मन की शुद्धता की ओर ले जाती है। भगवत गीता में आंवला देवताओं का फलकहा गया  है। भगवान विष्णु की आंवले से पूजा की जाती है। आंवला सदियों से ऋषियों का विश्वनीय है। उन्होने आंवले को कायाकल्प रसायन तथा त्रिदोषनाशक कहा है। यह खून की मात्रा सही रखता है,क्लोन को साफ रखता है, त्वचा,आँखों और बालों को चमकदार बनाता है। जीवन शक्ति को बनाता है और प्रोटीन की मात्रा को पूरा कर शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालता है। आयुर्वेद के अनुसार 40 दिन लगातार सुबह आंवला का प्रयोग तरह-तरह की शारीरिक बीमारियों को दूर करता है। इसमें विटामिन ष्ट  सबसे अधिक  मात्रा में होता है। आंवला समस्त शारीरिक कमजोरी को मूल नाश कर शरीर को नई ताजगी से भर देता है। आंवला में मौजूद ढेरों मिनरल्ज़, विटामिन व कार्बोहाइड्रेड, फास्फोरस इत्यादि शरीर के सातों धातुओं को शुद्ध कर गम्भीर रोगों को जड़ से उखाडऩे में सक्षम है। आंवला दबे हुए सैलों में स्फूर्ति प्रदान करता है व मृत कोशिकाओं को जिन्दा करता है। त्रिदोषनाशक होने के कारण यह पुरानी से पुरानी कब्ज, गैस जलन, पेचिस,अफारा, जिगर में गर्मी व भूख कम ज्यादा लगना,पेशाब कम,ज्यादा आना इत्यादि समस्त रोगों के शमन के लिए अत्यन्त लाभकारी है।   शुगर शरीर को खोखला कर देती है, शरीर बेजान और रोगग्रस्त होने लगता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण होने लगती है। शरीर की धातुएं सूखने लगती है। कफ, पित ओर वायु का संतुलन बिगड़ जाता है व कैलेस्ट्रोल का बढ़ जाना, हृदय रोग, उक्त रक्तचाप, हड्डियों की कमजोरी, यौन शक्ति, आँखों पर असर, मानसिक कमजोरी, संभोग शक्ति व संभोग में इच्छा कमी आदि कई व्याधियां पैदा हो जाती है, तो ऐसी स्थितियों में आंवला को प्रयोग इन व्याधियों के लिए रामबाण का काम करता है। आंवला का प्रयोग रोगों को जन्म देने वाले विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और शरीर को स्वस्थ रखता है। आंवला कैलेस्ट्रोल को कम करता है व वसा के कारण जम गई धमनियों को खोलता है। यह अधिरोग से बचाव करता है। यहां धमनियों की दीवारें क्षतिग्रस्त होने लग जाती है। यह हृदय को ताकत देता है। अनिद्रा रोग में भी अत्यन्त लाभकारी है। इसके नियमित सेवन से लिवर की कई व्याधियां ठीक हो जाती है। आंवले के प्रयोग से शरीर में नया रक्त बनने लगता है चेहरे की रंगत लाल होने लग जाती है। लिवर ठीक होने लग जाता है। महा चमत्कारी आंवला का प्रयोग बालों के झडऩे, टूटने से बचाता है। कील,मुंहासे, छाईयां जड़ से मिटाई जा सकती है। सभी रोगों श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर,शरीर में कमजोरी, बैचेनी व नींद न आना, रक्त न बनना, आदि रोगों में अति लाभदायक है। सप्त धातु शोधक,त्रिदोषनाशक व विटामिन सी से भरा होने के कारण आंवला में धातु पैदा करने, गाढ़ा करने और बढ़ाने की विचित्र शक्ति है। वीर्य सम्बन्धी बिमारियों में आंवलों का सेवन अमृत के समान लाभकारी है।  इसके नियमित सेवन से पित के प्रकोप से पैदा होने वाले समस्त  वीर्य दोष नष्ट हो जाते है। वीर्य क्षय वीर्य के कारण होने वाले शीघ्र पतन को रोकता है। चेहरे पर लाली आ जाती है। घुटने,टांगे व कमर सीधी होने लगती है। बाल जड़ से काले आने लगते है। यौवन का तूफान शरीर में लहरे भरने लग जाती है। चाल में तेजी आ जाती है व ढीलापन दूर हो जाता है।  आंवला का प्रयोग बच्चों के संतुलित विकास के लिए अत्यन्त जरूरी है। बच्चों को खूब भूख लगने लगती है। खून बनता है। लिवर को ताकत देता है। हडिडयां मजबूत होती है। फोड़े, फु सियां,जुकाम,एलर्जी व त्वचा के रोगों से बचाव करता है। बच्चा चुस्त रहता है। चेहरे पर लाली आ जाती है। आँखों की कमजोरी, स्मरण शक्ति,मलमूत्र की समस्या, बिस्तर गीला करने की समस्या आदि अनेक व्याधियों मे बहुपयोगी है। 
आंवलों का प्रयोग भिन्न -2 रूपों में :- आंवला चटनी: आंवला चटनी आंवला, चीनी, नमक, काली मिर्च ,मसाले अदरक, लहुसन, सूखे मेवे व सिटरिक एसिड से बनी एक बेहद स्वादिष्ट, सुपाच्च व पेट व छाती गले की बीमारियों को दूर करने वाली एक रामबाण खाद्य सामग्री है। रोटी व ब्रेड के साथ इसका नियमित प्रयोग पेट को हल्का फुलका रखता है।
इण्डिका आंवला कैण्डी : बेहद स्वादिष्ट, बच्चों की मनपसन्द टॉफी की तरह खाने वाली आंवला कै ण्डी में फैटस बिल्कुल नहीं है। प्रोटीन 0.65, कार्बोहाईड्रेट 72.16 एनर्जी 291 कैलोरिज, विटामिन ष्ट 119.52 है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक की मनपसन्द टॉफी की तरह पॉकिट में रखिए और खाते रहिए।
आंवला बर्फी व आंवला लड्डू : आंवले की खराश से थोड़ा परहेज करने वालों के लिए एक नये रूप में तैयार आंवला बर्फी व लड्डू एक नया स्वाद पेश करते है। विटामिन भी ले व स्वाद भी लें।
आंवला मुरब्बा: यह दिल को शक्ति देने के साथ-साथ यह पेट की बीमारियों से लडऩे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बढ़ती उम्र के बुरे प्रभावों व तनाव खत्म करता है। 
आंवला पाउडर : सूखे आंवलों को पीस कर यह पाउडर भिन्न-भिन्न रूपों में प्रयोग किया जाता है। इसे सीधा मिश्री मिलाकर खाया जाता है। समान मात्रा मिश्री मिलाकर खाने से यह खटा नही लगता। बालों से सम्बन्धित समस्याओं में यह बेहद गुणकारी है। आंवला पाउडर को थोड़ी सी मेंहदी व दही, लस्सी के साथ लोहे के बर्तन में रात को भिगों दे । सुबह बालों में लगाए। 3 घण्टे बाद धो लें। चमत्कारी लाभ होगा। बाल भारी होने लगते है। सफे द बाल धीरे-धीरे काले हो जाते है। इसकी सब्जी बनाकर खाई जा सकती है। 
आंवला जूस: इस उत्पादन का जूस मधुमेह के रोगों के लिए बहुत लाभकारी है। मधुमेह  के रोगियों को चीनी व चाय, कॉफी  एलकोहल आदि से दूर रहने की जरूरत होती है। आंवला जूस खोपड़ी पर लगाने से सिकरी, समय से पहले बालों क ो सफे द होना व बालों का गिरना रुक जाता है। 
आंवला स्कवैश : गर्मियों में ठंडक के लिए लोग तरह- तरह के शरबत को प्रयोग करते है। आंवला स्कवैश गुणों से भरपूर है। ठंडक पहुंचाने वाला गुणकारी स्कवैश है। इच्छानुसार व स्वादानुसार पानी डाल सकते है। विटामिन प्राप्त कर सकते हैं। 
इण्डिका बेल, श्रीफल : भगवान शिव के बारे में कहा जाता है कि उनका भोजन बेल है। यह ऐसा फल है जो भोजन का काम करता है। इसके सेवन के बाद काफी देर तक भूख नही लगती । 
विटामिन और मिनरल्जस से भरपूर , वायपन का प्रतिरोधी, पेट की गड़बड़ को खत्म करने वाला,दिल की शक्ति तथा मन को ताजा ओर स्फूर्तिवान बनाता है। यह बेल कैंडी व बेल मुरब्बा के रूप में उपलब्ध है। 
इण्डिका जामुन पाउडर, विगनेर रस: औषधीय पौधे में जामुन का पौधा एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है यह मुधुमेह व पेशाब से सम्बन्धित समस्याओं में प्रभावकारी है। यह कैल्शियम और विटामिन का बहुत बड़ा साधन है।  इसके विषैले तत्वों को बाहर निकालने का सबसे बड़ा गुण है। 
इण्डिका एलोवेरा जूस: यह प्राकृ तिक स्वास्थ्य वर्धक टॉनिक है। शरीर की रोगप्रतिकार क्षमता को बढ़ा कर बीमारियों से निजात दिलाता है। शरीर की पाचक शक्ति को ठीक करके हाजमा बढ़ाता है, जिससे गैस, पेटदर्द,तेजाब,कब्ज दूर हो जाते हैं। खून साफ करके त्वचा को सुदृढ़, कोमल,मुलायम बनाए। कील, मुहाँसे,फुंसी,अलर्जी आदि चर्म रोगों में लाभदायक है। शरीर की चर्बी को नियंत्रित करके मोटापा व पतलापन  दोनों में लाभ पहुंचाता हैं। यह सूजन एवं दर्द को मिटाता है। इससे जोड़ों  का दर्द, गठिया बाय आदि में आराम मिलता है। आँखों की नजर साफ करने व सूजन कम करने में भी लाभदायक है। महिलाओं की कई प्रकार की बीमारियों में यह वरदान है। शरीर से यह रोग उत्पन्न करने वाले विषैले तत्व बाहर निकाल कर शरीर को सुदृढ़ बनता है। स्वस्थ व्यक्ति भी इसका नित्य सेवन कर सकता है। नित्य सेवन करने से पेट गैस,पेट दर्द, कब्ज, तेजाब का बनना, अल्सर, आंतडिय़ों  में सूजन, कई प्रकार के पुराने रोग मधुमेह,चर्मरोग,कमजोरी,मोटापा, पीलिया,अलर्जी,आदि नियंत्रित होते हैं।

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