Sunday, May 6, 2012

लड़का-लड़की एक समान जैसे आदर्श विचारों का समाज में बोलबाला होना चाहिए : ड़ी. सी.


करनाल, (इंडिया विसन) : करनाल सीनियर सिटीजन एसोसिएशन, सीनियर सिटीजन काऊंसिल तथा सिविल पैंशनर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में आज स्थानीय सेक्टर 13 की मार्किट परिसर में कन्याभ्रूण हत्या की रोकथाम तथा बेटी बचाओ जागरूकता के संदेश को बढ़ाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने उपस्थित वरिष्ठ नागरिकों को सलाह दी कि वे समाज में व्याप्त बुजुर्गो के आशीर्वाद के रूप में कहे जाने वाले, दूधों नहाओ, पूतों फलो जैसी पुरानी लोकोक्तियों को बदलने का समय आ गया है क्योंकि हम 21वीं सदी में रह रहे हैं। अब इसकी जगह लड़का-लड़की एक समान जैसे आदर्श विचारों का समाज में बोलबाला होना चाहिए। बुजुगों को चाहिए कि वे नव वर वधुओं को इसी तरह का आशीर्वाद दें। 
श्रीमती कासनी ने आगे बोलते हुए कहा कि लड़का-लड़की में भेद समझने वाले लोगों की सोच से समाज में लिंगानुपात में भारी गिरावट आ गई है। ये केवल एक शहर या गांव की बात नहीं है, पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। इसे परूनिंग यानि पौधों की काट-छांट करके उन्हें बराबर साईज में लाने के तरीके से ठीक नहीं किया जा सकता, अपितु लोगों को जागरूक बनाने और उन्हें सामाजिक बुराई के खिलाफ आंदोलित करने से ही इसमें सुधार लाया जा सकता है। कोई भी बुराई कानून और डंडे के जोर से दूर नहीं हो सकती। बुराईयों का खात्मा जब ही होता है जब लोग एकजुट होकर किसी भी बुराई के खिलाफ जेहाद करें। 
दो महीने के प्रशिक्षण में व्यस्त और अंडर ट्रांसफर उपायुक्त आज 6 तारीख का दिन नहीं भूली। अवकाश होने के कारण जैसे तैसे उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए समय निकाला और उपस्थित सैंकड़ों लोगों को उस वायदे की याद दिलाई जो हर 6 तारीख को करनाल के लोग अपने इष्ट को हाजिर नाजिर मानकर अपने आपसे वायदा करते हैं कि वे लिंगानुपात में सुधार के लिए कन्याभू्रण हत्या की रोकथाम करने में अपना सहयोग करेंगे। 
उन्होंने कहा कि किसी भी घर में बच्चे का जन्म कुदरत की मर्जी के बिना नहीं हो सकता। लड़का हो या लड़की, प्रकृति का उपहार माना गया है, फिर उसमें भेद कैसा ? लड़की पैदा हो गई तो क्या हुआ, उसे भी लड़कों के समान पढ़ाने लिखाने और आगे बढने के अवसर प्रदान करें। उन्होंने आज की नारी के उच्च मुकाम पर पहुंच जाने के अनेक उदाहरण देते हुए एक ताजे उदाहरण की याद दिलाई कि संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में लड़की टापर रही है। समाज के पढे लिखे लोगों को इन बातों से सीख लेकर लड़के की चाह में कन्याभ्रूण की गर्भ में जांच करवाकर उसकी हत्या नहीं करवानी चाहिए। उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से करनाल की जनता को बताया कि इस जिला में बेटी बचाओं की जागरूकता मुहिम के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। लिंगानुपात भी सुधर रहा है और चालू मास मई में लड़कियों की संख्या एक हजार लड़को के पीछे 862 तक पहुंच गई है जबकि बीती जुलाई में ये मात्र 813 थी। उन्होंने कहा कि लड़के व लडकी के अनुपात को बराबर करना है, मंजिल अभी दूर है लेकिन यदि लोग जागरूक बने रहे तो वह दिन दूर नहीं जब इसमें अवश्य रूप से सुधार आयेगा।  
बेटी बचाओ मुहिम से अभिप्रेरित जिला के कस्बा निसिंग स्थित ब्रहमानंद पब्लिक स्कूल के पदाधिकारियों ने उपायुक्त को 100 मीटर लम्बा हस्ताक्षरयुक्त एक बैनर सौंपा और इसे देश की राजधानी दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति तक पहुंचाने का अनुरोध किया। बता दें कि उपायुक्त की अपील पर इस बैनर पर करीब 21 हजार लोगों ने बेटी बचाओं के पक्ष में अपने हस्ताक्षर कर अपना सहयोग व समर्थन दर्ज कराया है। हस्ताक्षर अभियान एक मार्च से शुरू होकर 5 मई तक जारी रहा। 
कार्यक्रम में उपायुक्त ने करनाल की तमाम सामाजिक व स्वयंसेवी संस्थाओं की यह कहकर प्रशंसा की कि यहां की जागरूक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बेटी बचाओ मुहिम को आगे बढ़ाने में अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने सीनियर सिटीजन एसोसिएशन, सिविल पैंशनर्स एसोसिएशन व सिटीजन काऊंसिल के उपस्थित सदस्यों का नाम लेकर उनकी मंच से कई बार प्रशंसा की और कहा कि इन्होंने नि:स्वार्थ भावना से समाज की सेवा की। उन्होंने भावुक हो लोगों से कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था के तहत अधिकारियों का स्थानांतरण होना स्वाभाविक है लेकिन इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रहे तो समाज में काफी सुधार हो सकता है।  
दूसरी ओर कार्यक्रम का संचालन करने वाले सीनियर सिटीजन्स लाजपत राय चौधरी, जे आर कालड़ा, पी सी गुप्ता, रूप नारायण चानना, हरगोविंद खुराना, डी.आर.लूथरा, शांतिप्रकाश आर्य, एच.पी. बब्बर, सुभाष नंदवानी तथा एस. डी. अरोड़ा ने माईक से उपायुक्त की उपलब्धियों का बार-बार जिक्र करते हुए ये भी बताया कि उन्होंने करनाल में हम लोगों के लिए डे केयर सेंटर बनवाया व हमारी कठिनाईयां सुनने के लिए भरपूर सहयोग दिया। यही नहीं उपायुक्त ने सीनियर सिटीजन्स की कठिनाईयों को प्राथमिकता देकर उनका निराकरण करवाया। 
कार्यक्रम में आज फिर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के कलाकार ईश्वर शर्मा ने गर्भ में बेटी की हत्या करने वालो पर कटाक्ष करते हुए एक मार्मिक गीत प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को भाव विभोर कर दिया। दून पब्लिक स्कूल की छात्रा रही और अब डी ए वी कालेज में अध्यन्नरत ममता आहूजा ने उपायुक्त के प्रयासों से शुरू की गई बेटी बचाओं मुहिम को खुबसूरत शब्दों में व्यक्त कर उपस्थित लोगों को सोचने व समझने पर विवश कर दिया। कार्यक्रम में लम्बे समय तक उपायुक्त का फूलमालाओं से स्वागत करने का सिलसिला चलता रहा।  आयोजकों की ओर से उपायुक्त को स्मृति-चिन्ह भी भेंट किया गया। 
आज के कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग, उपमंडलाधीश मुकुल कुमार, सिविल सर्जन डाक्टर शिव कुमार, डी डी पी ओ सी.एस. दलाल, तहसीलदार हरिओम अत्री, समाज सेवी एस.पी. आर्य, दून पब्लिक स्कूल के निदेशक कुलजिन्द्र मोहन सिंह बाठ, ब्रहमानंद स्कूल निसिंग के प्रबंधक विक्रम चौधरी व कमल चौधरी, सरपंच एसोसिएशन घरौंडा के प्रधान रमेश वर्मा, सिटीजन ग्रिवंसिज कमेटी के अध्यक्ष संदीप लाठर, नगर सुधार मंडल के पूर्व अध्यक्ष राकेश नागपाल, प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव विजय शर्मा तथा महिला उत्पीडन प्रकोष्ट की प्रदेश उपाध्यक्ष निर्मल फुल्ले भी उपस्थित थी | 

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