Thursday, May 26, 2011

किसानों और दलितों का दम भरने वाली हुड्डा सरकार संदेह के घेरे में....? हरियाणा अपराध की आग में झुलस रहा , आज कहाँ है सोनिया गांधी और राहुल गांधी धर्म की नगरी मांग रही इन्साफ , आखिर स्वीटी के हत्यारों को जमीन खा गयी या आसमान......

करनाल (अनिल लाम्बा) : बीस दिन पहले कुछ युवकों की दरिंदगी का शिकार हुईं बारहवीं कक्षा की छात्रा स्वीटी के हत्यारे अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर क्यों हैं ? स्वीटी के हत्यारों को आखिर जमीन निगल गयी या आसमान निगल गया यह सवाल आज प्रदेश की जनता पुलिस से पूछ रही है | आखिर इस बारे में सरकार हाथ पर हाथ रखकर क्यों बैठी है , यह बात भी समझ से परे की है | और ये सवाल भी समझ से परे है कि जिस दिन यह घटना हुई उसी दिन स्वीटी के परिजन तत्कालीन एस.पी. सुलतान सिंह से कारवाई के सम्बन्ध में मिले थे तब तत्कालीन एस.पी. सुलतान सिंह ने उन्हें कहा कि अब तो बहुत रात हो चुकी है सुबह देंखेंगे | यह सवाल एक ऐसा सवाल है कि जिसका जवाब आज भी अंधेरों में गुम है | आखिर तत्कालीन एस.पी. सुलतान सिंह ने ऐसा क्यों कहा ? आखिर तत्कालीन एस.पी. सुलतान सिंह ने त्वरित कारवाई क्यों नहीं की ? उसके बाद वह छुट्टी पर भेज दिए गये लगता नहीं कि दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है | आखिर कुरुक्षेत्र के एस.पी. ने रात को ही शिकायत दर्ज करवाने पहुंचे स्वीटी के पिता को जवाब क्यों दे दिया क्यों नहीं रात को ही एस.पी. ने कारवाई के आदेश दिए | आखिर सरकार ने उन्हें छुट्टी पर क्यों भेजा और क्यों अब तक हत्यारों का पता नहीं लग पाया ये सभी सवाल इस संकेत की ओर इशारा कर रहे हैं कि अपराधियों को बचाने के लिए अपराधी ही नहीं बल्कि अधिकारी भी लोगों कि आँख में धूल झोंककर उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि यह घटना उस समय हुई थी जब कुछ लोगों ने लाल बती वाली गाडी में सवार आरोपियों को बाहर निकलते हुए देखा था या एक-दो मिनट के लिए काली स्कार्पियो का नम्बर किसी ने नहीं देखा ? पुलिस जानबूझकर हत्यारों के गिरेबान पर हाथ नहीं डालना चाहती | जिससे स्पष्ट है कि स्वीटी के परिजनों को अब इन्साफ मिलने वाला नहीं | क्या मौजूदा सी.एम्.उन राजनितिक लोगों को संरक्षण दे रहे हैं जो उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले भजनलाल ओर दूसरे नेताओं के आगे सैल्यूट मारते थे क्योंकि हुड्डा की चाटूकरता वाले नेता तो बहुत हैं लेकिन आपदा पड़ने पर उनके साथ दिल से चंद ही नेता हमेशा दिखाई पड़ते हैं | उत्तर-प्रदेश में किसानों के साथ सहानुभूति रखने वाले राहुल गांधी और सोनिया गांधी व हरियाणा के नेता आज कहाँ हैं क्या उनके कानों तक यह बात नहीं पहुंची और यदि पहुंची है तो अब तक स्वीटी के हत्यारे क्यों नहीं पकडे जा सके | वहीं गर हम बात करें हरियाणा के किसानों की तो अम्बाला में किसान और फतेहाबाद में किसान अपनी जमीन को लेकर धरना धरे हुए बैठे हैं और हुड्डा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही क्या यह मान लिया जाए कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी मात्र वोटों को को लेकर ही राजनीति करते हैं यदि ऐसा नहीं है तो उन्हें यहाँ भी आना चाहिए और देखना चाहिए की हरियाणा में किसान अपनी जमीन को लेकर जदोजहद कर रहे हैं और अपराध का ग्राफ कहाँ से कहाँ पहुंच गया | सूत्रों के अनुसार स्वीटी को इन्साफ दो को लेकर धर्म की नगरी में कुरुक्षेत्र में कल राजनितिक व सामाजिक संगठनों एवं स्कूलों के छात्रों ने मिलकर बंद का प्रदर्शन किया जो की सफल रहा | यहाँ भी एक बात और सामने आई क़ि कुरुक्षेत्र के ड़ी.सी. ने बातों ही बातों इस बात से सहमती जताई क़ि पुलिस अन्डर-प्रेशर है | जब कुरुक्षेत्र में प्रदर्शनकारियों ने ड़ी.सी.से कहा क़ि प्रशासन अन्डर-प्रेशर है इसलिए उन प्रभावी लोगों के रिश्तेदारों को इंटेरौगेट नहीं कर रहा | इतना सुनते ही ड़ी.सी. ने उन्हें बीच में टोकते हुए साथ खड़े पुलिस कर्मियों क़ी और इशारा करते हुए कहा कि प्रशासन नहीं केवल पुलिस | अब प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में कुरुक्षेत्र बंद सफल को लेकर सरकार घबरा गयी और इस सारे मामले की छानबीन की जिम्मेवारी अब सी बी आई को सौंप दी गयी है जिस से ये साबित होता है कि, सरकार अपनी नाकाबलियत पर पर्दा ड़ाल कर, सी बी आई को मामला दे कर अपना पल्ला झाड लेना चाहती है

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