गणतन्त्र दिवस से पहले संविधान निर्माता का हुआ चश्मा गायब

देश-भक्त गुस्साए संविधान निर्माता क़ी उपेक्षा से
करनाल (अनिल लाम्बा) समूचा देश जब त्र्तालिस्वां गणतन्त्र दिवस मना रहा है | गणतन्त्र दिवस को लेकर तैयारियां क़ी जा रही हैं , लेकिन जिसने संविधान बनाया उसी क़ी उपेक्षा प्रशासन द्वारा क़ी जा रही हैं | संविधान लागू होने का दिवस छब्बीस जनवरी को मनाया जाता है , लेकिन संविधान निर्माता का चश्मा कहाँ गया इसकी किसी को भी खबर नहीं है | संविधान निर्माता क़ी जितनी भी प्रतिमाएँ हैं उन सभी पर चश्मा लगा हुआ है | करनाल में अम्बेडकर चौंक पर जो संविधान निर्माता क़ी प्रतिमा लगी है उस पर भी चश्मा लगा हुआ था, लेकिन यह चश्मा कुछ दिनों से गायब है | इस पर निगाह किसी क़ी भी नहीं पड़ी, जबकि यहाँ से मंत्री-संतरी, प्रशासनिक अधिकारी भी गुजरते रहते हैं, लेकिन किसी का भी ध्यान संविधान निर्माता क़ी प्रतिमा पर नहीं गया | इस पर ध्यान बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्ण कुटेल का ही गया उन्होंने जब नजदीक जाकर देखा तो वह यह देख कर अवाक रह गये क़ि संविधान निर्माता का चश्मा ही प्रतिमा पर नहीं है है | उन्होंने कहा क़ि यह तो संविधान निर्माता का अपमान है | उन्होंने साथ ही साथ प्रतिमा के पास लगे एक चावल निर्माता के बोर्ड पर भी हैरानी जताते हुए कहाकि यह बोर्ड भी तुरंत हटाया जाना चाहिए | कुटेल ने कहाकि एक तरफ तो देश गणतन्त्र दिवस क़ि तैयारियों में लगा हुआ है और दूसरी तरफ संविधान निर्माता क़ि प्रतिमा क़ि और ही किसी का ध्यान नहीं है यह बात किसी कीमत पर सहन नहीं क़ि जायेगी | उन्होंने लगे हुए चावल निर्माता के बोर्ड के बारे कहाकि संविधान निर्माता क़ि प्रतिमा का जो व्यवसायीकरण किया गया है ऐसा कदापि नहीं होना चाहिए और प्रशासन को त्वरित कारवाई करते हुए संविधान निर्माता का चश्मा अविलम्ब लगाने के साथ-साथ चावल निर्माता के बोर्ड तक को हटाना चाहिए | कुटेल ने कहाकि अगर चावल निर्माता इस तरह से मात्र बोर्ड लगा कर ही प्रतिमा क़ि देखभाल कर रहा है तो कैसी देखभाल हो रही है ये मंजर सामने है |
बॉक्स-
क्या कहते हैं ई.ओ.
करनाल- जब इस मामले में नगर-निगम के ई.ओ. से बातचीत क़ी गयी तो उन्होंने कहाकि नगर-निगम इस मामले में शीघ्र ही कारवाई करेगा |


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