नई दिल्ली ।। पाकिस्तानी सेना को परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल से कोई एतराज नहीं है। पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल अशफाक कयानी इस बारे में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की नीति से इत्तफाक नहीं रखते। यह बात ताजा विकिलीक्स खुलासों से सामने आई है।
विकिलीक्स द्वारा सार्वजनिक किए गए 19 फरवरी 2008 के एक कूटनीतिक संदेश के मुताबिक पाकिस्तान में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत एनी पैटरसन ने बताया था कि पाकिस्तान में सत्ता के दो प्रमुख स्तंभ इस बारे में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के सवाल पर एक राय नहीं रखते। एनी पैटरसन के मुताबिक ' हालांकि कयानी ने इस बारे में चुप्पी साध रखी है, लेकिन वह पिछले साल भारतीय मीडिया के सामने दिए गए जरदारी के उस बयान से सहमत नहीं हैं कि पाक परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल न करने की नीति पर चलेगा। ' उन्होंने अपने संदेश में लिखा था , बढञती आर्थिक तंगी के बावजूद ' हमारा मानना है कि सेना मिसाइल कार्यक्रम और रणनीतिक हथियार - दोनों के लगातार विस्तार में लगी है। ' संदेश के मुताबिक उनकी ' मुख्य चिंता यह है कि परमाणु हथियारों का काम देख रहा कोई शख्स धीरे-धीरे उन सामानों की तस्करी कर सकता है जिसके जरिए परमाणु हथियार बना लिए जाएं। '
विकिलीक्स द्वारा सार्वजनिक किए गए 19 फरवरी 2008 के एक कूटनीतिक संदेश के मुताबिक पाकिस्तान में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत एनी पैटरसन ने बताया था कि पाकिस्तान में सत्ता के दो प्रमुख स्तंभ इस बारे में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के सवाल पर एक राय नहीं रखते। एनी पैटरसन के मुताबिक ' हालांकि कयानी ने इस बारे में चुप्पी साध रखी है, लेकिन वह पिछले साल भारतीय मीडिया के सामने दिए गए जरदारी के उस बयान से सहमत नहीं हैं कि पाक परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल न करने की नीति पर चलेगा। ' उन्होंने अपने संदेश में लिखा था , बढञती आर्थिक तंगी के बावजूद ' हमारा मानना है कि सेना मिसाइल कार्यक्रम और रणनीतिक हथियार - दोनों के लगातार विस्तार में लगी है। ' संदेश के मुताबिक उनकी ' मुख्य चिंता यह है कि परमाणु हथियारों का काम देख रहा कोई शख्स धीरे-धीरे उन सामानों की तस्करी कर सकता है जिसके जरिए परमाणु हथियार बना लिए जाएं। '
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