दूसरों को नसीहत,खुद मियाँ फजीहत हैं राहुल गांधी
हरियाणा भी हुआ कांग्रेस की बर्बरता का शिकार
आखिर सिंचाई विभाग के तीस अफसरों का ही निलंबन क्यों... ?
करनाल , अनिल लाम्बा , लगता है क़ि बीते पांच राज्यों के विधान-सभा चुनावों से कांग्रेस ने कोई नसीहत नहीं ली | कांग्रेस पार्टी के कहे जाने वाले युवराज राहुल गांधी भले ही दूसरों को नसीहत दे रहे हों लेकिन वह खुद मियाँ फजीहत क़ी तरह नज़र आते हैं | जहां कांग्रेस क़ी सरकारें दूसरे राज्यों में हैं , वहां के मुख्यमंत्रियों को तो कोई नसीहत नहीं है लेकिन जहां सरकारें विपक्षी दलों क़ी हैं , वहां पर यह युवराज शौर मचाते हुए नज़र आ रहे हैं | इन्हें वहां जनता के लिए जेल में जाना भी गंवारा है | इन्हें यू.पी. की फ़िक्र तो है लेकिन दिल्ली और हरियाणा की फ़िक्र नहीं है | राहुल गांधी वैसे भी राजनीति में अभी बच्चे ही कहे जायेंगे क्योंकि कोई भी राजनीतिज्ञ तब तक परिपक्व नहीं माना जाता , जब तक वह पूरे देश की बात नहीं करता | यू.पी. की और ध्यान जाना और वहां के किसानों की सुध लेना एक अच्छी बात तो है लेकिन जिन दूसरे राज्यों में जहां कांग्रेस की पहले से ही मौजूदा राज्य सरकारें हैं , उनकी सुध ना लेना भी बुरी बात है | यह बचपना नहीं तो और क्या है | पांच राज्यों में जनता ने कांग्रेस के साथ क्या किया है , यह किसी को बताने वाली बात नहीं है | भले ही पश्चिम बंगाल में अपनी साथी त्रनमुल कांग्रेस के साथ सता में आने की बात तो कांग्रेस कर रही हो लेकिन वहां की जनता ने कांग्रेस पर कम और ममता बेनर्जी पर ज्यादा भरोसा किया है | बाकी के राज्यों में भी हालत पेचीदा ही है | कांग्रेस यदि चुनावों से पहले पांच रूपये पेट्रौल के दाम बडवा देती तो शायद बची-खुची सीटें भी पूरी तरह से साफ़ हो जाती | आखिर सरकार जनता के लिए होती है और जनता की देख-रेख करना सरकार का ही फर्ज है | यू.पी. में मायावती ने किसानों के साथ क्या किया है , यह तो बाद की बात है लेकिन सारा हरियाणा इस बात को जानता है कि यहाँ की कृषि भूमि को किसानों से छीनकर उद्योगपतियों के हवाले किया जा रहा है | यहाँ पर भी दौ तर्क हैं कि या तो प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा राहुल गांधी की बात नहीं मानते , या फिर हुड्डा जो कमाई कर रहे हैं | उसका हिस्सा युवराज के पास जा रहा है ? यदि इन दोनों में से कोई बात नहीं है तो राहुल गांधी यह स्पष्ट करें कि आज तक उन्होंने हरियाणा में किसानों की आवाज क्यों नहीं उठाई | क्या राहुल गांधी को हरियाणा के किसानों का दर्द नज़र नहीं आता | पहले तो मुख्यमंत्री हुड्डा और उनके मेवात के साथी कैप्टन अजय यादव एक दोस्त थे लेकिन अचानक फर्क पड़ गया | सोनिया गांधी और राहुल गांधी के समक्ष अधिकारियों की मनमानी का मामला भी पहुंचा | खुद राहुल गांधी ने इस पर टिपण्णी की | हरियाणा की एक महिला मंत्री को स्वयं सोनिया गांधी ने नसीहत दी | बदले में गाज सिंचाई विभाग के मंत्री कैप्टन अजय यादव पर पड़ी | सिंचाई विभाग के ही तीस अफसरों का निलम्बन कर दिया गया | अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी यह बताएं कि बाकी के भ्रष्ट अधिकारियों का क्या होगा | उन अधिकारियों के खिलाफ कारवाई क्यों नहीं की गई जो जनता की बात नहीं सुनते | कुरुक्षेत्र की स्वीटी का अपरहण हुआ फिर उसकी हत्या और फिर उसे नग्न फैंक दिया गया | पूरा हरियाणा इसका विरोध कर रहा है लेकिन सरकार ने किसी भी अधिकारी के खिलाफ ना तो कोई कारवाई की और ना ही आरोपी पकड़े गये | क्या यह मान लिया जाए कि आरोपी राजनीति और अफसर लॉबी से सम्बन्ध रखते हैं तो फिर दलित युवती की हत्या करने वाले लोग आखिर पुलिस की पकड़ में क्यों नहीं आये ? राहुल साहब , यहाँ पर भी जंगल राज है | जरा हरियाणा की यहाँ आकर सुध लें तब आपको भी पता चल जाएगा कि कांग्रेस की सरकार और उनके मंत्री यहाँ क्या-क्या गुल खिला रहे हैं |

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