करनाल (अनिल लाम्बा) : कम्बोपुरा के पूर्व सरपंच कर्मसिंह की हत्या के तथाकथित आरोपों से घिरे प्रदेश के परिवहन एवं पर्यटन मंत्री व मुख्य संसदीय सचिव जिलेराम शर्मा ने आज इस्तीफा दे दिया | इन दोनों पर आरोप लगने के बाद मुख्यमंत्री ने इन दोनों को दिल्ली में बुलाया था | परिवहन मंत्री ओम प्रकाश जैन का इस्तीफा मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया गया है एवं संसदीय सचिव जिलेराम शर्मा का इस्तीफा मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है | समझा जा रहा है कि मामले कि जांच निष्पक्ष हो इसलिए दोनों से इस्तीफा लिया गया है | पूर्व सरपंच कर्म सिंह हत्याकांड में इन दोनों का नाम सामने आने के बाद प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी हो रही थी व इनेलो ने भी प्रदेश सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया था | आपको बता दें कि दो दिन पहले मंगलवार को कम्बोपुरा के पूर्व सरपंच कर्मसिंह मरणावस्था में मदर डेरी के पास पड़ा मिला था | परिजन उसे अस्पताल ले गये थे लेकिन अस्पताल में उसे डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया | इसके बाद मृतक कर्मसिंह के पुत्र राजिन्द्र ने प्रदेश के परिवहन मंत्री ओम प्रकाश जैन और मुख्य संसदीय सचिव जिले राम शर्मा पर अपने पिता की हत्या कराने का सनसनीखेज आरोप लगा दिया | राजिन्द्र ने अपने आरोपों में कहा कि उनके पिता कर्मसिंह ने परिवहन मंत्री ओम प्रकाश जैन व मुख्य संसदीय सचिव जिलेराम शर्मा को तीन नौकरियां लगवाने के लिए तेरह लाख रूपये की राशि रिश्वत के तौर पर दी थी | राजिन्द्र के मुताबिक़ इस राशि में से करीब साड़े आठ लाख रूपये की राशि परिवहन मंत्री ओम प्रकाश जैन और साड़े चार लाख रूपये की राशि जिलेराम शर्मा के व्यक्तियों को दी गयी थी | नौकरी ना लगने पर जब पैसे वापिस मांगे गये तो ये व्यक्ति टरकाने लगे | सोमवार की शाम को उनके पिता की फोन पर पैसों को लेकर तकरार भी हुई थी और मंगलवार अल-सुबह जिलेराम शर्मा की कोठी से फोन आने के बाद वह पैसे लेने के लिए जिले राम शर्मा की कोठी पर पहुंचे थे और उसके बाद उन्होंने अपने फोन से अपने कारीगर को फोन कर बताया था कि उनके साथ जिले राम शर्मा के दौ आदमी व ड्राइवर हैं | उसके बाद फिर फोन मृतक कर्मसिंह के फोन से आया कि आपका बन्दा यहाँ गम्भीर हालत में पड़ा है किन्तु पीछे से आ रही आवाजें कि मार दिया , मार दिया | उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पिता के शरीर पर चोट और सुइयों के निशान थे | यहाँ बता दें कि परिवहन मंत्री ओम प्रकाश जैन ने इस बात को माना कि उनका आदमी शर्मा जो कि उनके नाम पर पैसे ले रहा था को चार महीने पहले उन्होंने निकाल दिया था यहाँ जो देखने वाली अहम बात है वो ये की जैन ने शर्मा को निकाला क्यों ? उसके विरुद्ध कानूनी कारवाई क्यों नहीं की ? उसके बाद करनाल पुलिस ने जिस प्रकार मामला दर्ज किया यहाँ भी प्रशंचिन्हं इसलिए नजर आता है कि दर्ज एफ.आई.आर में उसके पहले पन्ने पर कॉलम सात में किसी का नाम ना लिखना और दुसरे पन्ने पर तहरीर में मंत्री और संसदीय सचिव का नाम लिखना और पत्रकारों को आरोपियों बारे सवाल पूछने पर करनाल एस.पी. द्वारा अज्ञात बताना जो कि कईं दैनिक समाचार पत्रों में छपा | इसके बाद सैन समाज के लोगों ने दो दिनों तक मंत्री और संसदीय सचिव के खिलाफ मोर्चा खोल जबर्दस्त प्रदर्शन किया और इनेलौ ने भी इस मामले को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला | स्थिति को गम्भीर देखते हुए मुख्यमंत्री ने दोनों को आज दिल्ली तलब किया और इस्तीफा ले लिया वा मामले कि जांच स्टेट क्राइम ब्रांच के हवाले कर दी |
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