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Saturday, June 25, 2011
विकिलीक्स के खुलासे और हिंदुस्तान की दलाली
विकिलीक्स के खुलासे और हिंदुस्तान की दलाली
हिन्दू और विकिलीक्स के खुलासों के बाद कांग्रेस मीडिया सरकार को बचाने में लग गयी है। JUCS मीडिया की इस भूमिका पर नजर रखते हुए आज
कांग्रेस से राज्य सभा की सदस्य शोभना भारतीया के हिंदी अखबार हिंदुस्तान के 18 मार्च 2011 शुक्रवार के संपादकीय पेज पर सवाल उ
ठाता है।
अखबार ने ‘हमारी राय’ के तहत ‘विकिलीक्स के धमाके’ शीर्षक से छपी टिप्पणी से इस गंभीर मुद्दे को सनसनी तक समेटने की कोशिश की है। अखबार
कहता है कि ‘इसने विपक्ष को नया बारुद दे दिया है--
इसके आधार पर FIR दायर करने और प्रधानमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की जा रही है’ यहां हम यह पूछना चाहते हैं कि ‘हमारी राय’ के तहत छपे इस
संपादकीय में अखबार में ‘दूसरों की राय और मांग तो बता रहा है पर अपनी राय क्यों नहीं बता रहा है।
’ अखबार बड़े भोले अंदाज में सरकार को क्लीन चिट देने की शातिर कोशिश करते हुए कहता है ‘इससे बुनियादी सवाल हल नहीं होंगे’ यानी रंगे हाथ पकड़े
गए अपराधी को अमूर्त बनाकर अपराध का सामान्यीकरण करने की अपनी ‘राडिया’ वाली कोशिश को दोहराया।
इसीलिए अखबार ने परिपक्व कांग्रेसी दलाल की भूमिका के तहत दोनों पक्षों में लेन-देन और सुलह समझौते का उपदेश देता है कि ‘सांसदों की खरीद-
फरोख्त के ताजे खुलासे पर आरोप-प्रत्यारोप उछालने के बजाय सांसदों को मिलकर अपने गिरेबान में झांकना चाहिए’।
इस संपादकीय पेज पर और भी कई हथकंडे सरकार के पक्ष में अपनाए गए हैं जो अखबार की दलाल नीयत को पुष्ट करते हैं। किसी राहुल राय की टिप्पड़ी
के माध्यम से विकिलीक्स के लिए सुझाव दिया है कि वो ‘गडे़ मुर्दे न उखाड़े’।
लेख के रुप में राडिया केस में दलाली करते पकड़े जा चुके राज्य सभा सांसद और अखबार के स्तंभकार एनके सिंह का गरीबी हटाने का सटीक नुस्खा।
गौरतलब है कि हिन्दुस्तान जो SMS के जरिए ‘हिंदुस्तान की आवाज’ वाले अपने कालम में ‘आज का सवाल’ पूछता है उसमें इतना बड़ा सवाल क्यों नहीं
‘आज का सवाल’ बना।
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