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| गुडग़ांव में मानेसर और आसपास के किसानों की संघर्ष समिति के नेता पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए- अनिल लाम्बा |
गुडगाँव (अनिल लाम्बा) : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा जिले के मानेसर गांव के आसपास स्टे लागू किए जाने के बावजूद बिल्डर निर्माण कार्य कर रहे हैं। लगभग 912 एकड़ जमीन का अधिग्रहण तत्कालीन चौटाला सरकार ने किया था और भूपेंद्र हुड्डा सरकार ने बाद में इसे बिल्डरों को सौंप दिया।आज मानेसर, नखडौला, नौरंगपुर जमीन बचाओ किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष औमप्रकाश, सुरेंद्र सिंह, चांद सिंह, रामेश्वर, भरत सिंह, महेंद्र, हरपाल, देवेंद्र, जयपाल, सूरत सिंह, वीरेंद्र कुमार ने एक पत्रकार सम्मेलन में खुलासा किया कि उनके गांव की 912 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया धारा-4 के नोटिसों से तत्कालीन चौटाला सरकार ने 24 अगस्त 2004 को किया था। सरकार ने गरीबों को आवासीय सुविधा देने के लिए इस जमीन का अधिग्रहण किया। तब कांग्रेस ने चुनाव में यह वादा किया कि कांग्रेस की सरकार बनने पर इस जमीन को अधिग्रहण से मुक्त कर किसानों को वापस दे दिया जाएगा। परंतु हुड्डा सरकार ने इसमें से 688 एकड़ जमीन पर धारा-6 लागू कर उसे अधिग्रहण की कार्यवाही से आगे बढ़ा दिया। 224 एकड़ भूमि जिसका पहले ही सीएलयू हो चुका था, को छोड़ दिया गया। धारा-6 के बाद किसानों में हड़कम्प मच गया। अधिग्रहण की कार्यवाही आगे बढ़ते ही किसानों ने सस्ते दामों में बिल्डरों को जमीन बेचना शुरू कर दिया। जिन्होंने जमीन नहीं बेची हुड्डा सरकार ने धारा-9 लगाकर उन किसानों के हाथ बांध दिए और उन्हें भी जमीने बेचनी पड़ी। इस जमीन का 24 अगस्त 2007 को अवार्ड सुना दिया गया। बाद में 22 सितंबर को यह सारी जमीन अधिग्रहण मुक्त कर दी गई। किसानों का आरोप है कि बिल्डरों ने एक सोची-समझी योजना के तहत हुड्डा सरकार ने अपना दांव खेलकर किसानों को ठग लिया और बाद में सरकार से जमीन को अधिग्रहणमुक्त करा लिया। किसानों की जमीन बिकते ही सरकार ने बिल्डरों को मालामाल कर दिया। किसानों का कहना है कि उन्होंने जमीन को अधिग्रहणमुक्त कर देने की कार्यवाही को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने इस पर स्टे दे दिया और वहां जमीन पर काम कर रहे बिल्डर एवीडब्ल्यू, मैट्रो पोलिस रियलेटर्स, फ्लेयर रियलेटर्स, मैट्रो पोलिस इंफ्रास्ट्रक्चर और एंजल क्यू इंटरनेशनल को वहां निर्माण कार्य रोकने का आदेश दिया। किसानों का कहना है कि स्टे के बावजूद वहां पर निर्माण कार्य जारी है लेकिन प्रशासन इस पर चुप है।

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