बेटियां सतर्क रहें... नहीं तो फंसेंगी
हम तहजीब और संस्कारों के शहर में रहते हैं और इसी सुखानुभूति में यह भी नहीं देख पाते कि हमारा लखनऊ रोजगार की तलाश में लगीं भोली-भोली लड़कियों को कुलीन-वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेलने का जाल बनता जा रहा है। इस काम को जोर-जबरदस्ती से नहीं, बल्कि बड़े शातिर पेशेवर तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। इसमें कोई मजबूरी नहीं, कोई जोर-जबरदस्ती नहीं, बस जिन्हें पैसे की जरूरत है उन्हें पैसे वालों के पास पहुंचाया जा रहा है। यह उद्योग शांत किंतु दुस्साहसिक तरीके से चल रहा है। लेकिन इन्हें गिरफ्त में लेने का पुलिस के पास कोई उपाय नहीं है। ‘कैनविज टाइम्स’ की संवाददाता शशि पांडेय ने जोखिम उठा कर इस गिरोह का सच उजागर किया और बेरोजगार युवतियों को सतर्क करने की पत्रकारीय जिम्मेदारी निभाई। अब पुलिस क्या अपना दायित्व निभाएगी? ...लेकिन क्या आप सोचते हैं कि इस घृणित-वृत्ति का पुलिस को जूठन खिलाए बगैर यह धंधा चलता होगा...? शशि पांडेय के जोखिम से भरे अनुभव और कुछ सम्बन्धित सूचनाओं को शब्दों में पिरोया है नवीन निगम ने... गिरोह के सदस्यों ने महिला संवाददाता से जो बातें कीं उसे भी हमने रिकॉर्ड किया और उसे भी पूरे क्रम में आपको सुना रहे हैं... फिर भी तो तंत्र होश में आए!
लखनऊ शहर में लड़कियों को नौकरी दिलाने के नाम पर उन्हें सेक्स रैकेट में उतारने का धंधा जोरों पर चल रहा है। कभी मजबूरी तो कभी शौक लड़कियों को इस धंधे में खींच रहा है। ये एजेंट्स जगह-जगह विज्ञापन और एजेंट्स की लंबी चेन के जरिए यह काम सफलता पूर्वक अंजाम दे रहे हैं। कैनविज टाइम्स को ऐसे ही कुछ एजेंट्स के नम्बर हाथ लगे, कुछ नम्बर दीवारों और पेपर पर निकले विज्ञापन से लिए गए तो कुछ शहर में अय्याशी के शौकीन लोगों से यह नम्बर हासिल किए गए। इसके बाद शुरू की गई खोजबीन और जो कुछ सामने आया वो हैरत में डालने वाला था। कैनविज टाइम्स की रिपोर्टर ने इन नम्बरों पर बात की तो इन एजेंट्स ने फोटो और आईडी प्रूफ मेल पर मंगवाया। ज्यादातर एजेंट्स का तरीका एक ही था। इनमें से एक एजेंट ने रिपोर्टर को फोन करके मिलने बुलाया। वह रिपोर्टर को जीपीओ के पास मिला और रिपोर्टर को रास्ते में बात करने के बहाने गाड़ी में बिठा लिया। सफारी से आए उस एजेंट ने रिपोर्टर को सहारागंज मॉल के पास छोड़ा और फोन पर क्लाइंट्स बताने को कहकर चला गया। इसके बाद रिपोर्टर ने अपना वह नम्बर बंद कर दिया।
दूर दराज फैला है तंत्र
एजेंट्स से बातचीत के दौरान जो बात सामने आई उससे पता चला चलता है कि इनका नेटवर्क सिर्फ लखनऊ ही नहीं बल्कि पूरे भारत में फैला है। एजेंट ने पूछा कि क्लाइंट्स कहां के चाहिए लोकल या बाहर के। रिपोर्टर को एजेंट ने यह भी बताया कि वो जिस एरिया या शहर में जाना चाहे क्लाइंट्स से मिलने जा सकती है। इस तरह के धंधे में लिप्त लगभग सारे एजेंट्स एक दूसरे से जुड़े है।
कैसे चलता है यह उद्योग
समाचार पत्र और ऐसी जगह जहां लडक़े-लड़कियां एकत्र होते हों वहां पर तुरंत नौकरी पाएं, जैसे विज्ञापन लगाए जाते हैं। इन विज्ञापनों में नौकरी किस प्रकार की होगी इसका जिक्र नहीं होता है।
फोन मिलाने पर एजेंट से बात होती है, फोन पर ही लडक़ी को किसी मेल पर फोटो और अपने आईडी प्रूफ को डालने के लिए कहा जाता है। बाद में एजेंट बातों-बातों में जान लेता है कि लडक़ी मीटिंग (वेश्यावृत्ति) के लिए तैयार है कि नहीं। जब लडक़ी से एजेंट को ग्रीन सिग्नल मिल जाता है तो वह अपने किसी आदमी से कहकर उस लडक़ी के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
एजेंट पहली बार लडक़ी को जिस क्लाइंट से मीटिंग के लिए भेजते हैं। वह उनका परमानेंट ग्राहक नहीं होता, उसे वह अपनी भाषा में फुटकर कहते हैं। यह ऐसा ग्राहक होता है जो एजेंट के सम्पर्क में पहली बार आता है। यदि किसी नई लडक़ी से मीटिंग के लिए फुटकर को भेजना होता है और उनके पास ग्राहक नहीं है तो वह अपने साथी एजेंटों से पता करते हैं कि कहीं किसी के पास फुटकर ग्राहक तो नहीं, ऐसा ग्राहक मिलते ही लडक़ी को उसके पास मीटिंग के लिए भेज दिया जाता है। पहली बार किसी नई लडक़ी को जो मेल भेजा जाता है वो मेल ज्यादातर तुरंत बनाया गया होता है। लडक़ी से जिस बैंक एकाउंट में पैसा डालने की बात की जाती है उसमें भी कोई पता नहीं होता (एक ऐसा स्टेट बैंक का एकाउंट कैनविज टाइम्स के पास है, जिसे एक एजेंट ने इस पत्रकार को बातचीत के दौरान दिया, सुनें बातचीत) इसमें भी एजेंट इतनी सतर्कता रखते हैं कि वो लडक़ी द्वारा डाला गया दस फीसदी पैसा जल्दी नहीं निकालते हैं और लडक़ी जब दो मीटिंग कर लेती है तब वह यह पैसा जो उनके द्वारा फंसाए गए किसी आदमी का एकाउंट होता है उसे निकालने के लिए भेजते है जो पैसा विड्रॉल फॉर्म के जरिए ही निकलता है। पैसा निकालने वाला व्यक्ति भी यह नहीं जानता है कि यह पैसा किस बात के बदले इस एकाउंट में आया है। ऐसे में यदि पुलिस पैसा निकालने वाले व्यक्ति को पकड़ती है तो भी एजेंट पकड़ में नहीं आते।
हर कदम पर सतर्कता
यदि पुलिस ने लडक़ी के साथ मिलकर जाल बिछाया हो तो ग्राहक गिरफ्तार कर लिया जाता है, क्योंकि वह फुटकर ग्राहक होता है तब भी वह एजेंट के बारे में कुछ नहीं बता पाता और यदि पुलिस ग्राहक को मोहरा बनाकर जाल बिछाती है तो पकड़ी गई लडक़ी भी कुछ नहीं बता पाती। जब कोई ग्राहक पांच से छह बार एंजेट का विश्वास जीत लेता है तो उसे परमानेंट ग्राहक की श्रेणी में डाला जाता है। इसी तरह जब कोइ
फोन पर यूं बिकती हैं लड़कियां
तारीख- 04.01.2012
दिन- बुधवार
समय- दोपहर 2 बजकर 32 मिनट
मोबाइल नंबर- 8439356049
फोन बजा : ट्रिं... ट्रिं... एक लेडी ने फोन उठाया
रिपोर्टर - हैलो
महिला - हैलो
रिपोर्टर - जी कौन बोल रही हैं?
महिला - आपको किससे बात करनी है?
रिपोर्टर - मैं लखनऊ से रुची बोल रही हूं। मुझे नौकरी चाहिए थी।
महिला - आपको यह नंबर किसने दिया?
रिपोर्टर - मेरे मुहल्ले में एक लडक़ी रहती है उसने मुझे यह नंबर दिया है।
महिला - कहां रहती है आप?
रिपोर्टर - लखनऊ में।
महिला - क्या करती हैं आप?
रिपोर्टर - जी मैंने ग्रैजुएशन किया है।
महिला- आपकी उम्र कितनी है?
रिपोर्टर- जी अभी दिसम्बर में 24 साल की हुई हूं।
महिला- आपकी हाइट कितनी है?
रिपोर्टर- 5 फुट 5 इंच
महिला- रंग कैसा है?
रिपोर्टर- गोरा
महिला- वेट
रिपोर्टर- 52 किलो
महिला- मीटिंग कर लेंगी आप?
रिपोर्टर- हां, क्यों नहीं?
महिला- मीटिंग जानती हो कि कैसी मीटिंग करनी होगी?
रिपोर्टर- जी पता है बॉस लोगों के साथ जाना होगा और मीटिंग जैसे ऑफिसों में होती है, वहीं करनी होगी न?
महिला- न... मीटिंग नहीं जानती हो? तुम बिल्कुल फ्रेशर हो?
रिपोर्टर- मतलब
महिला- मीटिंग से मतलब है हाई प्रोफाइल लोगों को खुश करना।
रिपोर्टर- उसके लिए क्या करना होगा?
महिला- इतनी भोली मत बनो... जानती नहीं हो जैसे। फिर तुम नहीं कर पाओगी।
रिपोर्टर- देखिए मुझे नौकरी की बहुत जरूरत है।
महिला- पापा क्या करते हैं?
रिपोर्टर- जी रिटायर हो गए हैं, गार्ड थे।
महिला- तुमने पहले कभी मीटिंग नहीं की है, दिक्कत हो जाएगी। पहली बार ऐसे कैसे भेजा जाए। वैसे तुम फ्रेशर हो तो ज्यादा रुपए मिलेंगे तुम्हें।
रिपोर्टर- जी मैं काम...
महिला- अच्छा रुको
(दूसरे किसी से बात करने लगी जो समझ में नहीं आ रही थी)
रिपोर्टर- जी मंै... मैं जल्दी सीख लूंगी आप बता दीजिएगा कैसे क्या करना है?
महिला- अच्छा मीटिंग के लिए तुम्हें बड़े-बड़े जो पैसे वाले लोग होते हैं उनके साथ जाना होगा और उन्हें खुश करना होगा।
रिपोर्टर- अच्छा जी तो
महिला- तुम्हें
रिपोर्टर- कितना रुपए मिल जाएंगे?
महिला- तुम रात में जा सकती हो?
रिपोर्टर- अ अ... नहीं..
महिला- तो दिन में मीटिंग करने पर पांच हजार और रात का दस से पंद्रह हजार मिल जाएगा।
रिपोर्टर- अच्छा तो लखनऊ के बाहर जाना पड़ेगा या यहीं पर क्लाइंट मिल जाएंगे?
महिला- नहीं नहीं.. कहीं नहीं जाना.. लखनऊ में ही मिल जाएंगे। तुम कर लोगी न?
रिपोर्टर- हां हां.. क्यों नहीं?
महिला- ठीक है कोई क्लाइंट आता है तो बताती हूं।
रिपोर्टर- हां बताइएगा। वैसे कितने क्लाइंट महीने में मिल जाएंगे?
महिला- हफ्ते में कम-से-कम दो और महीने में कम-से-कम आठ मीटिंग मिलेगी।
रिपोर्टर- हूं।
महिला- ठीक है। अभी तुम्हें अकाउंट नम्बर मैसेज कर दिया जाएगा उसमें तुम्हें जो मिलेगा उसका दस परसेंट डाल देना।
(मैसेज आता है। जिसमें 31695436422 अकाउंट नम्बर होता है। इसे एसबीआई का बताया जाता है। जो मिस्टर विकास के नाम पर बताया गया और क्लाइंट मिलने से पहले इस अकाउंट में साढ़े सात सौ रुपए डालने को कहा गया उसके बाद ही क्लाइंट दिए जाएंगे। दुबारा मिलाने पर फोन बंद मिला।)
तारीख- 04.01.2012
दिन- बुधवार
समय- शाम लगभग 4 बजे
मोबाइल नंबर- 8859778513
(फोन पर वेटिंग जाती रही। 5वीं बार में फोन उठा)
रिपोर्टर- हैलो
एजेंट- हां बताएं
रिपोर्टर- जी सर मैं लखनऊ से बोल रही हूं। मेरा नाम रुची है। मुझे नौकरी चाहिए। मुझे आपका नम्बर किसी से मिला है।
एजेंट- किससे?
रिपोर्टर- सर जी... जिन्होंने दिया है जी उन्होंने नाम बताने से मना किया है।
एजेंट- अच्छा तो हम नौकरी कहां से लगवा देंगे?
रिपोर्टर- अच्छा... सर मुझे जरूरत थी बहुत नौकरी की।
एजेंट- क्या काम कर लोगी?
रिपोर्टर- कोई भी जॉब कर लूंगी।
एजेंट- कितना पढ़ी हैं रुचि जी?
रिपोर्टर- जी बीए किया है।
एजेंट- अच्छा बताते हैं आपको।
रिपोर्टर- कब बताएंगे?
एजेंट- जल्दी बताते हैं। बढिय़ा नौकरी जिसमें घर बैठे खूब कमाई हो जाएगी... बस थोड़ी देर के लिए घर से निकलना पड़ेगा। कोई दिक्कत तो नहीं न घर से निकलने में?
रिपोर्टर- नहीं।
एजेंट- ठीक है... रुची जी कैसी दिखती हैं आप?
रिपोर्टर- कैसी दिखती हूं, मतलब... कैसी दिखती हूं का क्या मतलब?
एजेंट- अरे रुचि जी उसी का पैसा है।
रिपोर्टर- अच्छा दिखती हूं.. सुंदर हूं।
एजेंट- अच्छा कल फोन करते है आपको।
रिपोर्टर- ठीक है।
तारीख- 05.01.2012
दिन- गुरुवार
समय- सुबह लगभग 11 बजकर 15 मिनट
मोबाइल नंबर- 8859778513
रिपोर्टर के मोबाइल पर फोन आया।
रिपोर्टर- हैलो
एजेंट- रुची जी कहां हैं आप?
रिपोर्टर- जी बताइए।
एजेंट- लखनऊ में ही तो रहती है न आप?
रिपोर्टर- जी हां अभी रास्ते में हूं।
एजेंट- कहां पर?
रिपोर्टर- जीपीओ के पास
एजेंट- अरे बस वहीं पर हम भी हैं अभी बस वहीं रुकिए, पांच मिनट में हम आते हैं।
रिपोर्टर- ठीक है।
(रिपोर्टर ने अपने सम्पादक को मैसेज कर फोटोग्राफर को भेजने को कहा और दूसरा मैसेज यह किया कि फोटोग्राफर दूर रहे ताकि उस एजेंट को शक न हो। लगभग 10 मिनट खड़े रहने के दौरान यह फील हो रहा था कि रिपोर्टर को वॉच किया जा रहा है। तभी सामने से एक ग्रे रंग की सफारी आकर रुकती है। जिस पर आगे कोई नम्बर नहीं था और बसपा का झंडा लगा हुआ था। उस गाड़ी के शीशे हल्के ब्लैक से थे। थोड़ा सा शीशा खुलता है। आगे ड्राइविंग सीट पर एक आदमी बैठा था जो ड्राइवर की तरह लग रहा था। दूसरी सीट पर एक आदमी बैठा था। शायद वही एजेंट था। वो देखने में गोरा था उसकी उम्र 40 के आस-पास रही होगी। उसकी हाइट 6 फुट के आस-पास और थोड़ा मोटा सा था)
एजेंट- रुची?
रिपोर्टर- जी
एजेंट- आइए।
रिपोर्टर- कहां?
एजेंट- कहीं नहीं, बात कर लेते हैं।
रिपोर्टर- यहीं बताइए।
एजेंट- अरे यहां नहीं... आपको कहां जाना है?
रिपोर्टर- बस थोड़ा सहारागंज मॉल तक जा रही थी।
एजेंट- आइए छोड़ देते हैं। रास्ते में बात भी हो जाएगी।
(रिपोर्टर फोटोग्राफर के इंतजार में थी। तभी फोटोग्राफर का फोन बजा)
एजेंट- अरे फोन बंद कर दो।
रिपोर्टर- घर से है।
एजेंट- अभी 5 मिनट बाद बात कर लीजिएगा। (रिपोर्टर खड़ी रही)
एजेंट- डरिए नहीं आपको हमारे साथ काम करना है।
(रिपोर्टर गाड़ी में बैठ गई और उसने एजेंट से घर में बात करने को कहा। फोटोग्राफर को फोन लगाकर बहाने से उसे लोकेशन देनी चाही। फोटोग्राफर को कहा : हां मैं दोपहर तक घर आ जाऊंगी। अभी एक से मिलना था जीपीओ पर वो मिल गए हैं बस वो मुझे अभी सहारागंज मॉल तक छोड़ देंगे, मंै वहीं जा रही हूं)
एजेंट- अरे हम तो आपको 10-15 हजार रुपए में ही निपटा देते लेकिन एक बार मिलने का फायदा हुआ न। अब इतनी सुंदर हो तुम्हें तो 20-25 हजार रुपए एक मीटिंग के मिल जाएंगे।
रिपोर्टर- जी
एजेंट- अगर थोड़ी प्रोफाइल अच्छी कर लो तो और अच्छे क्लाइंट मिलेंगे। बाहर जा सकती हो?
रिपोर्टर- नहीं... घर वाले नहीं भेजेंगे।
एजेंट- कोई बात नहीं। तुम खूबसूरत हो बहुत ऊपर तक जा सकती हो... बस थोड़ा स्टैंडर्ड बढ़ा लो।
रिपोर्टर- जी मतलब?
एजेंट- मतलब ये कि थोड़ा हेयर कट कराकर मेकअप में रहो... और हां थोड़ा कपड़ा-वपड़ा भी अच्छा पहनो ताकि क्लाइंट खुद-ब-खुद अक्ट्रैक्ट होकर ऊंचे दाम दे।
(इतने में मॉल आ गया रिपोर्टर गाड़ी से उतरी)
एजेंट- अच्छा ठीक है... अब हम फोन पर क्लाइंट बताते है।
रिपोर्टर- ओके।
(रिपोर्टर सहारागंज मॉल के अंदर आ गई... यहां आकर वो थोड़ी देर अंदर बैठी रही। वहां से उसने एक और नम्बर पर फोन लगाया।)
तारीख- 05.01.2012
दिन- गुरुवार
समय- सुबह लगभग 11 बजकर 15 मिनट
मोबाइल नंबर- 8948845943
फोन बजा : ट्रिंग ट्रिंग...
रिपोर्टर- हैलो
एजेंट- हैलो
रिपोर्टर- जी कौन बोल रहे हैं?
एजेंट- आप काम बताइए।
रिपोर्टर- जी मुझे आपका नम्बर मिला था नौकरी के लिए।
एजेंट- मीटिंग कर लेंगी आप?
रिपोर्टर- मीटिंग किस तरह की?
एजेंट- फिजिकल रिलेशनशिप
रिपोर्टर- किसके साथ करना होगा?
एजेंट- क्लाइंट के साथ।
रिपोर्टर- भइया मंैने... लेकिन यह तो नौकरी के लिए। मुझे तो पता चला था कि नौकरी इसमें लग जाएगी इस नम्बर पर?
एजेंट- इसमें नौकरी नहीं लगती है।
रिपोर्टर- अच्छा कोई प्रॉब्लम तो भइया नहीं होगी न?
एजेंट- क्या करती हैं आप?
रिपोर्टर- अभी तो मैंने ग्रेजुएशन किया है और नौकरी ढूंढ़ रही हूं।
एजेंट- नौकरी तो नहीं है...अ अ अ... अपनी फोटो भेज सकती हैं मेरे यहां मेल पे?
रिपोर्टर- मेल पे? फोटो?
एजेंट- हां।
रिपोर्टर- अच्छा... मेल आईडी बताइए आप
एजेंट- अ अ अ मेल आईडी? आपके मोबाइल पर मैसेज कर दे रहे हैं। अपनी फोटो और आईडी प्रूफ भेज दीजिए आप। फिर हम सर से बात कर लेते हैं। फिर कोई नौकरी होगी तो हम आपको बता देंगे।
रिपोर्टर- अच्छा... वो जो मीटिंग वाली आप बता रहे थे उसमें क्या करना होता है?
एजेंट- फोन पर चैटिंग वगैरह अगर करती हैं, केवल चैटिंग वगैरह फोन पर करनी होती है उसमें आपको यही है पर मात्र पांच से दस हजार मिल जाएगा आपको।
रिपोर्टर- अच्छा-अच्छा और कितने घंटे काम करना पड़ेगा।
एजेंट- अपने घर पर रहिए अपना जब भी फोन आए उसको अटेंड करते रहिए... बातचीत करते रहिए।
रिपोर्टर- अच्छा... और अगर वो मीटिंग करूंगी तो कितना मिल जाएगा?
एजेंट- उसका अलग से है आप जितना चाहें क्लाइंट से ले लीजिए उससे हमलोग से कोई मतलब नहीं है। दस परसेंट हमलोग का होता है 90 परसेंट आपका होता है।
रिपोर्टर- अच्छा तो क्लाइंट...
एजेंट- सपोज करिए आपने एक मीटिंग की... आपको क्लाइंट ने दस हजार रुपए दिए
रिपोर्टर- दस हजार एक बार का मिल जाएगा?
एजेंट- हां हां... मिल जाता है। दस हजार, पांच हजार... अच्छे अच्छे क्लाइंट होते हैं जो काफी रिच फैमिली से होते हैं। बहुत से हमारे क्लाइंट हैं।
रिपोर्टर- और कितना टाइम उनको देना पड़ेगा?
एजेंट- दो घंटे। मीटिंग समझती हैं आप, जो हसबैंड-वाइफ में होती है मीटिंग।
रिपोर्टर- हां आपने बताया न फिजिकल रिलेशनशिप बनाने होते हंै।
एजेंट- यस
रिपोर्टर- दो घंटे में बहुत है अगर दस हजार रुपए मिल जाते हैं तो बहुत अच्छी बात है ये तो
एजेंट- हां... मिल जाएगा।
रिपोर्टर- तो पर-डे मतलब रोज क्लाइंट मिलेंगे मुझे?
एजेंट- रोज मीटिंग करेंगी क्या आप?
रिपोर्टर- क्यूं? उसमें कुछ होता है क्या?
एजेंट- अरे अपना फीगर... फीगर खराब नहीं हो जाएगा आपका?
रिपोर्टर- कितनी कर सकती हूं फिर ? अगर मतलब महीने में जो फीगर न खराब हो मेरा?
एजेंट- आपकी मर्जी आप जितनी चाहे उतनी करिए (हंसते हुए)
रिपोर्टर- अच्छा तो आपको मान लीजिए फिर तो क्लाइंट मतलब आप मुझे भेज देंगे न... फोन पर बता देंगे तो?
एजेंट- हां
रिपोर्टर- तो जो पैसे वो मुझे देंगे तो वो मुझे कैश आपको देना पड़ेगा।
एजेंट- दस परसेंट हमारा होगा 90 परसेंट आपका होगा।
रिपोर्टर- नहीं तो वो मतलब 10 परसेंट जो आपको दूंगी वो कैश आपको देना पड़ेगा?
एजेंट- और क्या?
रिपोर्टर- तो मुझे कैसे वो कैश पेमेंट करेंगे ? कैश न? और इसकी श्योरिटी है कि वो मुझे पैसे देंगे न? कहीं ऐसा तो नहीं कि वो मतलब...
एजेंट- पैसे वो आपको दे तभी आप हमें पैसा दीजिएगा वर्ना मत दीजिएगा।
रिपोर्टर- अच्छा... नहीं मैं मान लीजिए उनके साथ मीटिंग करूंगी वो भाग गए... पैसा नहीं दिया तो?
एजेंट- ऐसा नहीं होता है।
रिपोर्टर- पैसा देंगे पक्का?
एजेंट- हूं...
रिपोर्टर- और वो जो बुकिंग-वुकिंग मतलब करेंगे वो पैसा उन्हीं का खर्च होगा मेरा तो नहीं खर्च होगा न?
एजेंट- उन्हीं का होगा।
रिपोर्टर- मेरे पूरे दस हजार मुझे मिलेंगे न?
एजेंट- जी...
रिपोर्टर- अच्छा तो रोज क्लाइंट से मिलेंगे दस हजार... तो मैं बहुत सारे पैसे कमा लूंगी?
एजेंट- जी...
रिपोर्टर- अच्छा तो फिर ठीक है आप मुझे मेल आईडी मैसेज कर दीजिए तो मैं मतलब आपको मेल कर दूंगी। फोटो और क्या-क्या?
एजेंट- फोटो, आईडी प्रूफ, करेंट फोटो भेजिएगा लेटेस्ट फोटो।
रिपोर्टर- अरे लेटेस्ट फोटो भेजूंगी तो आईडी प्रूफ भी चाहिए होगा आपको?
एजेंट- जी...
रिपोर्टर- आईडी प्रूफ फिर तो मेरे घर का एड्रेस आपको पता चल जाएगा... मेरे घर तक बात पहुंच गई तो?
एजेंट- घर पर कोई जाएगा थोड़ी न...
रिपोर्टर- अच्छा..
एजेंट- ये आईडी प्रूफ तो जैसे क्लाइंट से आपने पेमेंट ले लिया और हमारी कम्पनी को नहीं दिया तो दिक्कत होगी।
रिपोर्टर- अच्छा तो फिर मैं भेज दूंगी तो क्लाइंट मुझे कब से मिलने शुरू हो जाएंगे?
एजेंट- आज भेज देंगी आप, आज से ही मिलने शुरू हो जाएगे आपको।
रिपोर्टर- ठीक तो आप मुझे मैसेज करिए मैं अभी थोड़ी देर में आपको भेज देती हूं।
एजेंट- ठीक...
(इसके बाद एजेंट के मोबाइल नंबर 8948845943 से एक मेल आईडी आरके राहुल कुमार 848 एट द रेट ऑफ जी मेल डॉट कॉम आता है।
हम तहजीब और संस्कारों के शहर में रहते हैं और इसी सुखानुभूति में यह भी नहीं देख पाते कि हमारा लखनऊ रोजगार की तलाश में लगीं भोली-भोली लड़कियों को कुलीन-वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेलने का जाल बनता जा रहा है। इस काम को जोर-जबरदस्ती से नहीं, बल्कि बड़े शातिर पेशेवर तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। इसमें कोई मजबूरी नहीं, कोई जोर-जबरदस्ती नहीं, बस जिन्हें पैसे की जरूरत है उन्हें पैसे वालों के पास पहुंचाया जा रहा है। यह उद्योग शांत किंतु दुस्साहसिक तरीके से चल रहा है। लेकिन इन्हें गिरफ्त में लेने का पुलिस के पास कोई उपाय नहीं है। ‘कैनविज टाइम्स’ की संवाददाता शशि पांडेय ने जोखिम उठा कर इस गिरोह का सच उजागर किया और बेरोजगार युवतियों को सतर्क करने की पत्रकारीय जिम्मेदारी निभाई। अब पुलिस क्या अपना दायित्व निभाएगी? ...लेकिन क्या आप सोचते हैं कि इस घृणित-वृत्ति का पुलिस को जूठन खिलाए बगैर यह धंधा चलता होगा...? शशि पांडेय के जोखिम से भरे अनुभव और कुछ सम्बन्धित सूचनाओं को शब्दों में पिरोया है नवीन निगम ने... गिरोह के सदस्यों ने महिला संवाददाता से जो बातें कीं उसे भी हमने रिकॉर्ड किया और उसे भी पूरे क्रम में आपको सुना रहे हैं... फिर भी तो तंत्र होश में आए!
लखनऊ शहर में लड़कियों को नौकरी दिलाने के नाम पर उन्हें सेक्स रैकेट में उतारने का धंधा जोरों पर चल रहा है। कभी मजबूरी तो कभी शौक लड़कियों को इस धंधे में खींच रहा है। ये एजेंट्स जगह-जगह विज्ञापन और एजेंट्स की लंबी चेन के जरिए यह काम सफलता पूर्वक अंजाम दे रहे हैं। कैनविज टाइम्स को ऐसे ही कुछ एजेंट्स के नम्बर हाथ लगे, कुछ नम्बर दीवारों और पेपर पर निकले विज्ञापन से लिए गए तो कुछ शहर में अय्याशी के शौकीन लोगों से यह नम्बर हासिल किए गए। इसके बाद शुरू की गई खोजबीन और जो कुछ सामने आया वो हैरत में डालने वाला था। कैनविज टाइम्स की रिपोर्टर ने इन नम्बरों पर बात की तो इन एजेंट्स ने फोटो और आईडी प्रूफ मेल पर मंगवाया। ज्यादातर एजेंट्स का तरीका एक ही था। इनमें से एक एजेंट ने रिपोर्टर को फोन करके मिलने बुलाया। वह रिपोर्टर को जीपीओ के पास मिला और रिपोर्टर को रास्ते में बात करने के बहाने गाड़ी में बिठा लिया। सफारी से आए उस एजेंट ने रिपोर्टर को सहारागंज मॉल के पास छोड़ा और फोन पर क्लाइंट्स बताने को कहकर चला गया। इसके बाद रिपोर्टर ने अपना वह नम्बर बंद कर दिया।
दूर दराज फैला है तंत्र
एजेंट्स से बातचीत के दौरान जो बात सामने आई उससे पता चला चलता है कि इनका नेटवर्क सिर्फ लखनऊ ही नहीं बल्कि पूरे भारत में फैला है। एजेंट ने पूछा कि क्लाइंट्स कहां के चाहिए लोकल या बाहर के। रिपोर्टर को एजेंट ने यह भी बताया कि वो जिस एरिया या शहर में जाना चाहे क्लाइंट्स से मिलने जा सकती है। इस तरह के धंधे में लिप्त लगभग सारे एजेंट्स एक दूसरे से जुड़े है।
कैसे चलता है यह उद्योग
समाचार पत्र और ऐसी जगह जहां लडक़े-लड़कियां एकत्र होते हों वहां पर तुरंत नौकरी पाएं, जैसे विज्ञापन लगाए जाते हैं। इन विज्ञापनों में नौकरी किस प्रकार की होगी इसका जिक्र नहीं होता है।
फोन मिलाने पर एजेंट से बात होती है, फोन पर ही लडक़ी को किसी मेल पर फोटो और अपने आईडी प्रूफ को डालने के लिए कहा जाता है। बाद में एजेंट बातों-बातों में जान लेता है कि लडक़ी मीटिंग (वेश्यावृत्ति) के लिए तैयार है कि नहीं। जब लडक़ी से एजेंट को ग्रीन सिग्नल मिल जाता है तो वह अपने किसी आदमी से कहकर उस लडक़ी के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
एजेंट पहली बार लडक़ी को जिस क्लाइंट से मीटिंग के लिए भेजते हैं। वह उनका परमानेंट ग्राहक नहीं होता, उसे वह अपनी भाषा में फुटकर कहते हैं। यह ऐसा ग्राहक होता है जो एजेंट के सम्पर्क में पहली बार आता है। यदि किसी नई लडक़ी से मीटिंग के लिए फुटकर को भेजना होता है और उनके पास ग्राहक नहीं है तो वह अपने साथी एजेंटों से पता करते हैं कि कहीं किसी के पास फुटकर ग्राहक तो नहीं, ऐसा ग्राहक मिलते ही लडक़ी को उसके पास मीटिंग के लिए भेज दिया जाता है। पहली बार किसी नई लडक़ी को जो मेल भेजा जाता है वो मेल ज्यादातर तुरंत बनाया गया होता है। लडक़ी से जिस बैंक एकाउंट में पैसा डालने की बात की जाती है उसमें भी कोई पता नहीं होता (एक ऐसा स्टेट बैंक का एकाउंट कैनविज टाइम्स के पास है, जिसे एक एजेंट ने इस पत्रकार को बातचीत के दौरान दिया, सुनें बातचीत) इसमें भी एजेंट इतनी सतर्कता रखते हैं कि वो लडक़ी द्वारा डाला गया दस फीसदी पैसा जल्दी नहीं निकालते हैं और लडक़ी जब दो मीटिंग कर लेती है तब वह यह पैसा जो उनके द्वारा फंसाए गए किसी आदमी का एकाउंट होता है उसे निकालने के लिए भेजते है जो पैसा विड्रॉल फॉर्म के जरिए ही निकलता है। पैसा निकालने वाला व्यक्ति भी यह नहीं जानता है कि यह पैसा किस बात के बदले इस एकाउंट में आया है। ऐसे में यदि पुलिस पैसा निकालने वाले व्यक्ति को पकड़ती है तो भी एजेंट पकड़ में नहीं आते।
हर कदम पर सतर्कता
यदि पुलिस ने लडक़ी के साथ मिलकर जाल बिछाया हो तो ग्राहक गिरफ्तार कर लिया जाता है, क्योंकि वह फुटकर ग्राहक होता है तब भी वह एजेंट के बारे में कुछ नहीं बता पाता और यदि पुलिस ग्राहक को मोहरा बनाकर जाल बिछाती है तो पकड़ी गई लडक़ी भी कुछ नहीं बता पाती। जब कोई ग्राहक पांच से छह बार एंजेट का विश्वास जीत लेता है तो उसे परमानेंट ग्राहक की श्रेणी में डाला जाता है। इसी तरह जब कोइ
फोन पर यूं बिकती हैं लड़कियां
तारीख- 04.01.2012
दिन- बुधवार
समय- दोपहर 2 बजकर 32 मिनट
मोबाइल नंबर- 8439356049
फोन बजा : ट्रिं... ट्रिं... एक लेडी ने फोन उठाया
रिपोर्टर - हैलो
महिला - हैलो
रिपोर्टर - जी कौन बोल रही हैं?
महिला - आपको किससे बात करनी है?
रिपोर्टर - मैं लखनऊ से रुची बोल रही हूं। मुझे नौकरी चाहिए थी।
महिला - आपको यह नंबर किसने दिया?
रिपोर्टर - मेरे मुहल्ले में एक लडक़ी रहती है उसने मुझे यह नंबर दिया है।
महिला - कहां रहती है आप?
रिपोर्टर - लखनऊ में।
महिला - क्या करती हैं आप?
रिपोर्टर - जी मैंने ग्रैजुएशन किया है।
महिला- आपकी उम्र कितनी है?
रिपोर्टर- जी अभी दिसम्बर में 24 साल की हुई हूं।
महिला- आपकी हाइट कितनी है?
रिपोर्टर- 5 फुट 5 इंच
महिला- रंग कैसा है?
रिपोर्टर- गोरा
महिला- वेट
रिपोर्टर- 52 किलो
महिला- मीटिंग कर लेंगी आप?
रिपोर्टर- हां, क्यों नहीं?
महिला- मीटिंग जानती हो कि कैसी मीटिंग करनी होगी?
रिपोर्टर- जी पता है बॉस लोगों के साथ जाना होगा और मीटिंग जैसे ऑफिसों में होती है, वहीं करनी होगी न?
महिला- न... मीटिंग नहीं जानती हो? तुम बिल्कुल फ्रेशर हो?
रिपोर्टर- मतलब
महिला- मीटिंग से मतलब है हाई प्रोफाइल लोगों को खुश करना।
रिपोर्टर- उसके लिए क्या करना होगा?
महिला- इतनी भोली मत बनो... जानती नहीं हो जैसे। फिर तुम नहीं कर पाओगी।
रिपोर्टर- देखिए मुझे नौकरी की बहुत जरूरत है।
महिला- पापा क्या करते हैं?
रिपोर्टर- जी रिटायर हो गए हैं, गार्ड थे।
महिला- तुमने पहले कभी मीटिंग नहीं की है, दिक्कत हो जाएगी। पहली बार ऐसे कैसे भेजा जाए। वैसे तुम फ्रेशर हो तो ज्यादा रुपए मिलेंगे तुम्हें।
रिपोर्टर- जी मैं काम...
महिला- अच्छा रुको
(दूसरे किसी से बात करने लगी जो समझ में नहीं आ रही थी)
रिपोर्टर- जी मंै... मैं जल्दी सीख लूंगी आप बता दीजिएगा कैसे क्या करना है?
महिला- अच्छा मीटिंग के लिए तुम्हें बड़े-बड़े जो पैसे वाले लोग होते हैं उनके साथ जाना होगा और उन्हें खुश करना होगा।
रिपोर्टर- अच्छा जी तो
महिला- तुम्हें
रिपोर्टर- कितना रुपए मिल जाएंगे?
महिला- तुम रात में जा सकती हो?
रिपोर्टर- अ अ... नहीं..
महिला- तो दिन में मीटिंग करने पर पांच हजार और रात का दस से पंद्रह हजार मिल जाएगा।
रिपोर्टर- अच्छा तो लखनऊ के बाहर जाना पड़ेगा या यहीं पर क्लाइंट मिल जाएंगे?
महिला- नहीं नहीं.. कहीं नहीं जाना.. लखनऊ में ही मिल जाएंगे। तुम कर लोगी न?
रिपोर्टर- हां हां.. क्यों नहीं?
महिला- ठीक है कोई क्लाइंट आता है तो बताती हूं।
रिपोर्टर- हां बताइएगा। वैसे कितने क्लाइंट महीने में मिल जाएंगे?
महिला- हफ्ते में कम-से-कम दो और महीने में कम-से-कम आठ मीटिंग मिलेगी।
रिपोर्टर- हूं।
महिला- ठीक है। अभी तुम्हें अकाउंट नम्बर मैसेज कर दिया जाएगा उसमें तुम्हें जो मिलेगा उसका दस परसेंट डाल देना।
(मैसेज आता है। जिसमें 31695436422 अकाउंट नम्बर होता है। इसे एसबीआई का बताया जाता है। जो मिस्टर विकास के नाम पर बताया गया और क्लाइंट मिलने से पहले इस अकाउंट में साढ़े सात सौ रुपए डालने को कहा गया उसके बाद ही क्लाइंट दिए जाएंगे। दुबारा मिलाने पर फोन बंद मिला।)
तारीख- 04.01.2012
दिन- बुधवार
समय- शाम लगभग 4 बजे
मोबाइल नंबर- 8859778513
(फोन पर वेटिंग जाती रही। 5वीं बार में फोन उठा)
रिपोर्टर- हैलो
एजेंट- हां बताएं
रिपोर्टर- जी सर मैं लखनऊ से बोल रही हूं। मेरा नाम रुची है। मुझे नौकरी चाहिए। मुझे आपका नम्बर किसी से मिला है।
एजेंट- किससे?
रिपोर्टर- सर जी... जिन्होंने दिया है जी उन्होंने नाम बताने से मना किया है।
एजेंट- अच्छा तो हम नौकरी कहां से लगवा देंगे?
रिपोर्टर- अच्छा... सर मुझे जरूरत थी बहुत नौकरी की।
एजेंट- क्या काम कर लोगी?
रिपोर्टर- कोई भी जॉब कर लूंगी।
एजेंट- कितना पढ़ी हैं रुचि जी?
रिपोर्टर- जी बीए किया है।
एजेंट- अच्छा बताते हैं आपको।
रिपोर्टर- कब बताएंगे?
एजेंट- जल्दी बताते हैं। बढिय़ा नौकरी जिसमें घर बैठे खूब कमाई हो जाएगी... बस थोड़ी देर के लिए घर से निकलना पड़ेगा। कोई दिक्कत तो नहीं न घर से निकलने में?
रिपोर्टर- नहीं।
एजेंट- ठीक है... रुची जी कैसी दिखती हैं आप?
रिपोर्टर- कैसी दिखती हूं, मतलब... कैसी दिखती हूं का क्या मतलब?
एजेंट- अरे रुचि जी उसी का पैसा है।
रिपोर्टर- अच्छा दिखती हूं.. सुंदर हूं।
एजेंट- अच्छा कल फोन करते है आपको।
रिपोर्टर- ठीक है।
तारीख- 05.01.2012
दिन- गुरुवार
समय- सुबह लगभग 11 बजकर 15 मिनट
मोबाइल नंबर- 8859778513
रिपोर्टर के मोबाइल पर फोन आया।
रिपोर्टर- हैलो
एजेंट- रुची जी कहां हैं आप?
रिपोर्टर- जी बताइए।
एजेंट- लखनऊ में ही तो रहती है न आप?
रिपोर्टर- जी हां अभी रास्ते में हूं।
एजेंट- कहां पर?
रिपोर्टर- जीपीओ के पास
एजेंट- अरे बस वहीं पर हम भी हैं अभी बस वहीं रुकिए, पांच मिनट में हम आते हैं।
रिपोर्टर- ठीक है।
(रिपोर्टर ने अपने सम्पादक को मैसेज कर फोटोग्राफर को भेजने को कहा और दूसरा मैसेज यह किया कि फोटोग्राफर दूर रहे ताकि उस एजेंट को शक न हो। लगभग 10 मिनट खड़े रहने के दौरान यह फील हो रहा था कि रिपोर्टर को वॉच किया जा रहा है। तभी सामने से एक ग्रे रंग की सफारी आकर रुकती है। जिस पर आगे कोई नम्बर नहीं था और बसपा का झंडा लगा हुआ था। उस गाड़ी के शीशे हल्के ब्लैक से थे। थोड़ा सा शीशा खुलता है। आगे ड्राइविंग सीट पर एक आदमी बैठा था जो ड्राइवर की तरह लग रहा था। दूसरी सीट पर एक आदमी बैठा था। शायद वही एजेंट था। वो देखने में गोरा था उसकी उम्र 40 के आस-पास रही होगी। उसकी हाइट 6 फुट के आस-पास और थोड़ा मोटा सा था)
एजेंट- रुची?
रिपोर्टर- जी
एजेंट- आइए।
रिपोर्टर- कहां?
एजेंट- कहीं नहीं, बात कर लेते हैं।
रिपोर्टर- यहीं बताइए।
एजेंट- अरे यहां नहीं... आपको कहां जाना है?
रिपोर्टर- बस थोड़ा सहारागंज मॉल तक जा रही थी।
एजेंट- आइए छोड़ देते हैं। रास्ते में बात भी हो जाएगी।
(रिपोर्टर फोटोग्राफर के इंतजार में थी। तभी फोटोग्राफर का फोन बजा)
एजेंट- अरे फोन बंद कर दो।
रिपोर्टर- घर से है।
एजेंट- अभी 5 मिनट बाद बात कर लीजिएगा। (रिपोर्टर खड़ी रही)
एजेंट- डरिए नहीं आपको हमारे साथ काम करना है।
(रिपोर्टर गाड़ी में बैठ गई और उसने एजेंट से घर में बात करने को कहा। फोटोग्राफर को फोन लगाकर बहाने से उसे लोकेशन देनी चाही। फोटोग्राफर को कहा : हां मैं दोपहर तक घर आ जाऊंगी। अभी एक से मिलना था जीपीओ पर वो मिल गए हैं बस वो मुझे अभी सहारागंज मॉल तक छोड़ देंगे, मंै वहीं जा रही हूं)
एजेंट- अरे हम तो आपको 10-15 हजार रुपए में ही निपटा देते लेकिन एक बार मिलने का फायदा हुआ न। अब इतनी सुंदर हो तुम्हें तो 20-25 हजार रुपए एक मीटिंग के मिल जाएंगे।
रिपोर्टर- जी
एजेंट- अगर थोड़ी प्रोफाइल अच्छी कर लो तो और अच्छे क्लाइंट मिलेंगे। बाहर जा सकती हो?
रिपोर्टर- नहीं... घर वाले नहीं भेजेंगे।
एजेंट- कोई बात नहीं। तुम खूबसूरत हो बहुत ऊपर तक जा सकती हो... बस थोड़ा स्टैंडर्ड बढ़ा लो।
रिपोर्टर- जी मतलब?
एजेंट- मतलब ये कि थोड़ा हेयर कट कराकर मेकअप में रहो... और हां थोड़ा कपड़ा-वपड़ा भी अच्छा पहनो ताकि क्लाइंट खुद-ब-खुद अक्ट्रैक्ट होकर ऊंचे दाम दे।
(इतने में मॉल आ गया रिपोर्टर गाड़ी से उतरी)
एजेंट- अच्छा ठीक है... अब हम फोन पर क्लाइंट बताते है।
रिपोर्टर- ओके।
(रिपोर्टर सहारागंज मॉल के अंदर आ गई... यहां आकर वो थोड़ी देर अंदर बैठी रही। वहां से उसने एक और नम्बर पर फोन लगाया।)
तारीख- 05.01.2012
दिन- गुरुवार
समय- सुबह लगभग 11 बजकर 15 मिनट
मोबाइल नंबर- 8948845943
फोन बजा : ट्रिंग ट्रिंग...
रिपोर्टर- हैलो
एजेंट- हैलो
रिपोर्टर- जी कौन बोल रहे हैं?
एजेंट- आप काम बताइए।
रिपोर्टर- जी मुझे आपका नम्बर मिला था नौकरी के लिए।
एजेंट- मीटिंग कर लेंगी आप?
रिपोर्टर- मीटिंग किस तरह की?
एजेंट- फिजिकल रिलेशनशिप
रिपोर्टर- किसके साथ करना होगा?
एजेंट- क्लाइंट के साथ।
रिपोर्टर- भइया मंैने... लेकिन यह तो नौकरी के लिए। मुझे तो पता चला था कि नौकरी इसमें लग जाएगी इस नम्बर पर?
एजेंट- इसमें नौकरी नहीं लगती है।
रिपोर्टर- अच्छा कोई प्रॉब्लम तो भइया नहीं होगी न?
एजेंट- क्या करती हैं आप?
रिपोर्टर- अभी तो मैंने ग्रेजुएशन किया है और नौकरी ढूंढ़ रही हूं।
एजेंट- नौकरी तो नहीं है...अ अ अ... अपनी फोटो भेज सकती हैं मेरे यहां मेल पे?
रिपोर्टर- मेल पे? फोटो?
एजेंट- हां।
रिपोर्टर- अच्छा... मेल आईडी बताइए आप
एजेंट- अ अ अ मेल आईडी? आपके मोबाइल पर मैसेज कर दे रहे हैं। अपनी फोटो और आईडी प्रूफ भेज दीजिए आप। फिर हम सर से बात कर लेते हैं। फिर कोई नौकरी होगी तो हम आपको बता देंगे।
रिपोर्टर- अच्छा... वो जो मीटिंग वाली आप बता रहे थे उसमें क्या करना होता है?
एजेंट- फोन पर चैटिंग वगैरह अगर करती हैं, केवल चैटिंग वगैरह फोन पर करनी होती है उसमें आपको यही है पर मात्र पांच से दस हजार मिल जाएगा आपको।
रिपोर्टर- अच्छा-अच्छा और कितने घंटे काम करना पड़ेगा।
एजेंट- अपने घर पर रहिए अपना जब भी फोन आए उसको अटेंड करते रहिए... बातचीत करते रहिए।
रिपोर्टर- अच्छा... और अगर वो मीटिंग करूंगी तो कितना मिल जाएगा?
एजेंट- उसका अलग से है आप जितना चाहें क्लाइंट से ले लीजिए उससे हमलोग से कोई मतलब नहीं है। दस परसेंट हमलोग का होता है 90 परसेंट आपका होता है।
रिपोर्टर- अच्छा तो क्लाइंट...
एजेंट- सपोज करिए आपने एक मीटिंग की... आपको क्लाइंट ने दस हजार रुपए दिए
रिपोर्टर- दस हजार एक बार का मिल जाएगा?
एजेंट- हां हां... मिल जाता है। दस हजार, पांच हजार... अच्छे अच्छे क्लाइंट होते हैं जो काफी रिच फैमिली से होते हैं। बहुत से हमारे क्लाइंट हैं।
रिपोर्टर- और कितना टाइम उनको देना पड़ेगा?
एजेंट- दो घंटे। मीटिंग समझती हैं आप, जो हसबैंड-वाइफ में होती है मीटिंग।
रिपोर्टर- हां आपने बताया न फिजिकल रिलेशनशिप बनाने होते हंै।
एजेंट- यस
रिपोर्टर- दो घंटे में बहुत है अगर दस हजार रुपए मिल जाते हैं तो बहुत अच्छी बात है ये तो
एजेंट- हां... मिल जाएगा।
रिपोर्टर- तो पर-डे मतलब रोज क्लाइंट मिलेंगे मुझे?
एजेंट- रोज मीटिंग करेंगी क्या आप?
रिपोर्टर- क्यूं? उसमें कुछ होता है क्या?
एजेंट- अरे अपना फीगर... फीगर खराब नहीं हो जाएगा आपका?
रिपोर्टर- कितनी कर सकती हूं फिर ? अगर मतलब महीने में जो फीगर न खराब हो मेरा?
एजेंट- आपकी मर्जी आप जितनी चाहे उतनी करिए (हंसते हुए)
रिपोर्टर- अच्छा तो आपको मान लीजिए फिर तो क्लाइंट मतलब आप मुझे भेज देंगे न... फोन पर बता देंगे तो?
एजेंट- हां
रिपोर्टर- तो जो पैसे वो मुझे देंगे तो वो मुझे कैश आपको देना पड़ेगा।
एजेंट- दस परसेंट हमारा होगा 90 परसेंट आपका होगा।
रिपोर्टर- नहीं तो वो मतलब 10 परसेंट जो आपको दूंगी वो कैश आपको देना पड़ेगा?
एजेंट- और क्या?
रिपोर्टर- तो मुझे कैसे वो कैश पेमेंट करेंगे ? कैश न? और इसकी श्योरिटी है कि वो मुझे पैसे देंगे न? कहीं ऐसा तो नहीं कि वो मतलब...
एजेंट- पैसे वो आपको दे तभी आप हमें पैसा दीजिएगा वर्ना मत दीजिएगा।
रिपोर्टर- अच्छा... नहीं मैं मान लीजिए उनके साथ मीटिंग करूंगी वो भाग गए... पैसा नहीं दिया तो?
एजेंट- ऐसा नहीं होता है।
रिपोर्टर- पैसा देंगे पक्का?
एजेंट- हूं...
रिपोर्टर- और वो जो बुकिंग-वुकिंग मतलब करेंगे वो पैसा उन्हीं का खर्च होगा मेरा तो नहीं खर्च होगा न?
एजेंट- उन्हीं का होगा।
रिपोर्टर- मेरे पूरे दस हजार मुझे मिलेंगे न?
एजेंट- जी...
रिपोर्टर- अच्छा तो रोज क्लाइंट से मिलेंगे दस हजार... तो मैं बहुत सारे पैसे कमा लूंगी?
एजेंट- जी...
रिपोर्टर- अच्छा तो फिर ठीक है आप मुझे मेल आईडी मैसेज कर दीजिए तो मैं मतलब आपको मेल कर दूंगी। फोटो और क्या-क्या?
एजेंट- फोटो, आईडी प्रूफ, करेंट फोटो भेजिएगा लेटेस्ट फोटो।
रिपोर्टर- अरे लेटेस्ट फोटो भेजूंगी तो आईडी प्रूफ भी चाहिए होगा आपको?
एजेंट- जी...
रिपोर्टर- आईडी प्रूफ फिर तो मेरे घर का एड्रेस आपको पता चल जाएगा... मेरे घर तक बात पहुंच गई तो?
एजेंट- घर पर कोई जाएगा थोड़ी न...
रिपोर्टर- अच्छा..
एजेंट- ये आईडी प्रूफ तो जैसे क्लाइंट से आपने पेमेंट ले लिया और हमारी कम्पनी को नहीं दिया तो दिक्कत होगी।
रिपोर्टर- अच्छा तो फिर मैं भेज दूंगी तो क्लाइंट मुझे कब से मिलने शुरू हो जाएंगे?
एजेंट- आज भेज देंगी आप, आज से ही मिलने शुरू हो जाएगे आपको।
रिपोर्टर- ठीक तो आप मुझे मैसेज करिए मैं अभी थोड़ी देर में आपको भेज देती हूं।
एजेंट- ठीक...
(इसके बाद एजेंट के मोबाइल नंबर 8948845943 से एक मेल आईडी आरके राहुल कुमार 848 एट द रेट ऑफ जी मेल डॉट कॉम आता है।
No comments:
Post a Comment