करनाल (इंडिया विसन) : आज हरियाणा प्रदेश के हालात बिहार और उत्तर-प्रदेश से कहीं आगे निकल गए हैं | आज हरियाणा में आम-जनमानस के साथ-साथ समाज में चौथे स्तम्भ के रूप में जाना जाने वाला पत्रकार तक सुरक्षित नहीं है और उस पर मौजूदा मुख्यमंत्री का ये नारा क़ि हरियाणा भय-मुक्त व भ्रष्टाचार मुक्त है कितना बेमानी लगता है आज भी हरियाणा भय-युक्त वा भ्रष्टाचार युक्त है करनाल में दो पत्रकारों के साथ घटी घटना पर मोहर लगाता है | करनाल जिला के कस्बा घरौंडा के पत्रकारों विवेक राणा व सुशील कोशिक पर अवैध खनन माफिया द्वारा क़िए गए गए कातिलाना हमले क़ी निंदा एच.यू.जे. के जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार गुरमीत सग्गू सहित प्रेस क्लब के अध्यक्ष विकास सुखीजा सहित जिला के सभी पत्रकारों ने क़ी | क्या इस निंदा प्रस्ताव मात्र से कुछ नया हो जाएगा ये कहना तो नामुमकिन है क्योंकि प्रशासन और सरकार नहीं चाहती क़ी उनके क्रित्य्क्लापों क़ी आवाज़ जनता तक पहुंचे इस आवाज़ को दबाने के लिए हरसम्भव कोशिश प्रशासन व सरकार क़ी और से क़ी जाती है | अब देखना ये हैकि इन पत्रकारों को न्याय मिलता है या नहीं और वो भी तब जब सब जिला के पत्रकारों क़ी आवाज इनके साथ है | और यदि अब भी इन्हें न्याय नहीं मिलता तो मौजूदा मुख्यमंत्री का दिया नारा क़ि हरियाणा भय-मुक्त और भ्रष्टाचार-मुक्त है केवल कागजों व दीवारों पर लिखा हुआ ही प्रतीत होगा | अब देखना ये होगाकि सरकार व जिला का प्रशासन इस मामले में कोई तर्कसंगत न्याय करता है या फिर चुप-चाप तमाशबीन हो तमाशा देखता है |

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