नयी दिल्ली/मुंबई, (भाषा) : एअर इंडिया प्रबंधन ने कड़ा कदम उठाते हुए आंदोलनकारी 10 पायलटों को आज बर्खास्त कर दिया और उनसे संबद्ध संगठन के दफ्तरों को सील कर दिया। करीब 160 पायलटों के काम पर नहीं आने के बाद यह कदम उठाया गया है। पायलटों के काम पर नहीं आने से एअर इंडिया को कल मध्य रात्रि से पांच अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द करना पड़ा।
नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने आंदोलन को ‘अवैध’ करार दिया है। वहीं एयरलाइन सूत्रों ने कहा है कि अगर पायलट काम पर नहीं लौटे तो और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एअर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘पायलटों के उपलब्ध नहीं होने के कारण दिल्ली-टोरंटो, दिल्ली-शिकागो, मुंबई-नेवार्क तथा दिल्ली के रास्ते मुंबई-हांगकांग उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।’ सूत्रों ने कहा कि करीब 160 पायलट काम पर नहीं आए। इसको देखते हुए आंदोलन में शामिल कम से कम 10 पायलटों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसमें आंदोलन का नेतृत्व करने वाले इंडियल पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) के पदाधिकारी भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक आईपीजी की मान्यता रद्द कर दी गई है और उसके मुंबई तथा दिल्ली में दफ्तर सील कर दिए गए हैं। इंडियन पायलट्स गिल्ड से संबद्ध एअर इंडिया पायलटों का एक तबका बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्रशिक्षण कार्यक्रम के पुनर्निर्धारण तथा करिअर से जुड़े मामले को लेकर विरोध कर रहा है। नागर विमानन मंत्री ने एअर इंडिया के पायलटों की हड़ताल को ‘अवैध’ करार देते हुए कहा कि सार्वजनिक विमानन सेवा प्रदाता का प्रबंधन आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करेगा। मंत्री ने कहा कि पायलटों की प्रबंधन के साथ बातचीत चल रही थी। बातचीत के बीच में ही वे चिकित्सा अवकाश पर चले गए जिसके कारण उड़ानों को रद्द करना पड़ा।
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘उन्होंने बीमार होने की खबर दी है। उन्होंने हड़ताल को लेकर कोई नोटिस नहीं दिया है। ऐसे में एअर इंडिया प्रबंधन के जो भी नियम एवं कानून होंगे, उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।’ सूत्रों ने कहा कि प्रबंधन ने उन पायलटों के घर डाक्टरों की टीम भेजने का फैसला किया है, जिन्होंने चिकित्सा अवकाश लिया है। इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) समर्थित पायलटों के निकाय ने कहा है कि वे प्रबंधन के साथ बातचीत करने को तैयार हैं। इंडियन पायलट्स गिल्ड के अध्यक्ष तथा राकांपा नेता जितेन्द्र अवध ने कहा, ‘हम किसी भी समय बातचीत करने के लिए तैयार हैं।’
नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने आंदोलन को ‘अवैध’ करार दिया है। वहीं एयरलाइन सूत्रों ने कहा है कि अगर पायलट काम पर नहीं लौटे तो और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एअर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘पायलटों के उपलब्ध नहीं होने के कारण दिल्ली-टोरंटो, दिल्ली-शिकागो, मुंबई-नेवार्क तथा दिल्ली के रास्ते मुंबई-हांगकांग उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।’ सूत्रों ने कहा कि करीब 160 पायलट काम पर नहीं आए। इसको देखते हुए आंदोलन में शामिल कम से कम 10 पायलटों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसमें आंदोलन का नेतृत्व करने वाले इंडियल पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) के पदाधिकारी भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक आईपीजी की मान्यता रद्द कर दी गई है और उसके मुंबई तथा दिल्ली में दफ्तर सील कर दिए गए हैं। इंडियन पायलट्स गिल्ड से संबद्ध एअर इंडिया पायलटों का एक तबका बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्रशिक्षण कार्यक्रम के पुनर्निर्धारण तथा करिअर से जुड़े मामले को लेकर विरोध कर रहा है। नागर विमानन मंत्री ने एअर इंडिया के पायलटों की हड़ताल को ‘अवैध’ करार देते हुए कहा कि सार्वजनिक विमानन सेवा प्रदाता का प्रबंधन आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करेगा। मंत्री ने कहा कि पायलटों की प्रबंधन के साथ बातचीत चल रही थी। बातचीत के बीच में ही वे चिकित्सा अवकाश पर चले गए जिसके कारण उड़ानों को रद्द करना पड़ा।
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘उन्होंने बीमार होने की खबर दी है। उन्होंने हड़ताल को लेकर कोई नोटिस नहीं दिया है। ऐसे में एअर इंडिया प्रबंधन के जो भी नियम एवं कानून होंगे, उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।’ सूत्रों ने कहा कि प्रबंधन ने उन पायलटों के घर डाक्टरों की टीम भेजने का फैसला किया है, जिन्होंने चिकित्सा अवकाश लिया है। इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) समर्थित पायलटों के निकाय ने कहा है कि वे प्रबंधन के साथ बातचीत करने को तैयार हैं। इंडियन पायलट्स गिल्ड के अध्यक्ष तथा राकांपा नेता जितेन्द्र अवध ने कहा, ‘हम किसी भी समय बातचीत करने के लिए तैयार हैं।’
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