
रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने इन संभावनाओं को खारिज कर दिया कि सियाचिन से भारत अपनी फौजें हटा सकता है। रक्षा मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में हुई चर्चा के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि इस मुद्दे पर हमारा रवैया न नरम पड़ा है और न ही सख्त हुआ है। हमारा रुख जस का तस है और यह सरकार नहीं बल्कि राष्ट्र का रुख है कि हम बिना जमीनी स्थिति पर निशानदेही किए हुए वहां से अपनी फौजें नहीं हटाएंगे। पाकिस्तान और चीन के बीच लगातार प्रगाढ़ होते सामरिक रिश्तों को ङ्क्षचताजनक बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सैन्य बलों ने इस साल के बजट में 45 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त जरूरतों का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि नए खतरों को देखते हुए सरकार और संसद को रक्षा बजट पर नए सिरे से विचार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2012-13 के लिए रक्षा बजट एक लाख 93 हजार करोड़ रुपये से ऊपर तय किया गया है लेकिन सैन्य बलों ने अनुमान लगाया है कि यह मौजूदा खतरों से निपटने के लिए होने वाली तैयारियों के हिसाब से करीब 15 प्रतिशत कम है।
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