Friday, January 29, 2016

अजय पंडित वा एफ सी आई मामला

अजय पंडित ने लगाया 13 लोगों को ठगी का चूना

15 से 20 करोड़ की ठगी की थी

करनाल, 29 जनवरी (लाम्बा/जैन):  हाई प्रोफाईल नटवर लाल को आखिरकार लंबी पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया। 9 दिन में पुलिस कुछ खास नही उगलवा पार्ई। इस दौरान यह बात जरूर साफ हो गई कि अजय पंडित ने 13 लोगों को ठगी का चूना लगाया। उसने 15 से 20 करोड़ रुपए की ठगी की थी। ऊंची राजनीतिक पहुंच का दावा करने वाले अजय पंडित पर आज ही पुलिस काफी हद तक न्यायालय परिसर में ले जाने के लिए मेहरबान रही। उसके चेहरे को टोपी से ढकने की परमिशन भी दे दी गर्ई। उसे आज जेल भेज दिया गया। 9 दिन के दौरान पुलिस ने उसके कई ठिकानों के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली। अजय पंडित के पास बी.एम. डब्लयू. ओढी और अन्य मंहगी कारें भी थी। जिनकी कीमत डेढ़ से 2 करोड़ रूपए भी थी। उसके करोड़ों रूपए का आर्थिक सम्राज्य भी था। पुलिस इसकी जानकारी आयकर विभाग और इंफोर्रमैंट विभाग को भी दे रही है। अजय पंडित को सबसे पहले दूनार राईस मिल के एम.डी. सुरेंद्र गुप्ता की शिकायत पर गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसके खिलाफ 11 शिकायतें दर्ज की गर्ई। जिनमें पूना का व्यवसायी और शिक्षाविद राजेंद्र यादव ओर करनाल के सैक्टर-9 निवासी वीरेंद्र  भी थे। राजेंद्र यादव को राष्ट्रीय सिक्योरिटी कौसिंल में सदस्य बनाने का झांसा देकर 50 लाख रुपए ठगे थे तो करनाल निवासी वीरेंद्र को गैस एजैंसी दिलवाने के नाम पर डेढ करोड़ रुपए ठग लिए थे। लुधियाना के एक व्यवसायी से 50 लाख रूपए ठगे थे। तो दिल्ली के व्यवसायी से 5 करोड़ रुपए ठगे थे। इससे पहले सुरेंद्र गुप्ता से साढ़े-4 करोड रुपए लोन दिलवाने के नाम पर ठगे थे। एस.पी. ने बताया कि  पूछताछ के दौरान उसने अपनी बैंक डिटेलस और साथियों की जानकारी भी ली है। पुलिस अब तक उसके 3 साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है। उसकी 25 एकड़ जमीन सिरसा में है। इसके अलावा पुलिस अब ओर भी जानकारियां जुटाने का प्रयास कर रही है। डी.एस.पी. को कहा गया है कि वह जिन राज्यों से अजय पंडित और उसके साथियों के तार जुड़े हुए हैं। उन राज्यों से संपर्क कर जांच तेज करें। यहां पर उन्होंने बताया कि पुलिस इस संबध में कई ओर जानकारियां जुटा रही है। पुलिस ने उस फार्म हाऊस के मालिक को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। जिसमें वह किराए पर रहता था। अभी तक उससे ऐसी जानकारी नही मिली है कि उसके किसी राजनेता से गहरे प्रमाणिक संबध हो। वह कई बार सवालों को भी टालते हुए दिखाई दिए।

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हाई प्रोफाईल सिक्योरिटी की जांच होगी उच्चस्तरीय :-

हाई प्रोफाईल नटवर लाल अजय पंडित को अच्छी ओर संवेदनशील सिक्योरिटी किस आधार पर मिली। किसके आदेश पर मिली। इसकी जांच हरियाणा के सिक्योरिटी आई.जी. संदीप खिरवार करेंगे। यह जानकारी देते हुए एस.पी. पंकज नैन ने बताया कि उसे 3 राज्यों की सिक्योरिटी मिली हुई थी। उन्होने उन राज्यों का नाम बताने से  इन्कार कर दिया। उन्होंने बताया कि यह जांच से जुड़ा हुआ मामला है। उनसे पूछा गया कि सिक्योरिटी क्या किसी प्रदेश सरकार को मूर्ख बनाकर ली गई तो इस पर वह सवाल टाल गए और बोले कि यह जांच का विषय है। इस मामलें में तो खिरवार ही जांच करेंगे। लेकिन यह बात साफ रही कि अजय पंडित के  ब्यूरो क्रेटस में भी गहरे तार जुड़े हो सकते है। जिसकी छानबीन आई.जी. सिक्योरिटी करेंगे। आई.जी. सिक्योरिटी इस बात का भी पता लगाने का प्रयास करेंगे कि कहीं सिक्योरिटी अजय पंडित के राजनैतिक आकाओं के दबाव से तो नही दी गई। क्योंकि उसकी सिक्योरिटी में हरियाणा पुलिस का जैमर शामिल होता था। जबकि यह सिक्योरिटी हरियाणा के मुख्यमंत्री या जैड-प्लस सिक्योरिटी प्राप्त को ही मिलती है। इसके लिए विशेष तौर पर गृह मंत्रालय को आदेश देना पड़ता है। जबकि यहां पर अजय पंडित के साथ ऐसा कुछ  खास नही था। फिर भी उसे इतनी महत्त्वपूर्ण सिक्योरिटी किसके आदेश पर मिली हुई थी। यह एक बड़ा सवाल है।


क्या सरकार को मूर्ख बनाकर ली अजय पंडित ने सिक्योरिटी

करनाल, 29 जनवरी (लाम्बा/जैन): हाई प्रोफाईल नटवर लाल अजय पंडित लोगों को मूर्ख बनाकर पैसे ऐंठता रहा। इसके लिए सरकारें भी दोषी हैं। जिन्होंने गुण दोष के बिना उसे हाई प्रोफाईल सिक्योरिटी मुहैया करवा दी। जिसके बल पर वह लोगों को अपने ऊंचे रूतबे का झांसा देता रहा और लोग झांसे में आते चले गए। इसके पीछे कहीं न कहीं राजनैतिक लोगों के साथ-साथ ब्यूरो क्रेटस भी दोषी रहे।  इस मामले में वह लोग भी दोषी है। जिन्होंने उसे इतनी महत्त्वपूर्ण सिक्योरिटी देकर उसका रूतबा बढ़ा दिया। जिसके बल पर वह लोगों को ठगता रहा। इस समूचे मामले में अजय पंडित के साथ-साथ उन लोगों को भी सलाखों के पीछे होना चाहिए। जिन लोगों ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया। यहां पर सरकार और अधिकारियों को उन लोगो ंके खिलाफ भी जांच शुरू की जानी चाहिए। जिन लोगों ने  गलत ढंग से काम करवाने के लिए इतनी बड़ी मात्रा में नगद रूपए इस व्यक्ति को काम के लिए सौंप दिए। जिसका खुलासा होना जरूरी है। यह पैसा किन स्त्रोतों से आया। कानून में गलत काम करने वाले के साथ-साथ गलत काम करवाने वाले भी दोषी होते है। इनमें एक आदमी तो वह भी था जो सरकार ओर लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामले में जेल में गया। उसके खिलाफ अभी भी मामला चल रहा है। ऐसे ही कई लोग भी थे जो अपने राजनैतिक रूतबे को बढ़ाने के लिए अजय पंडित को अपना रास्ता बनाते गए ओर उसे भारी मात्रा में पैसा दिया गया। यह किस माध्यम से दिया गया। यह जांच का विषय है।



पुलिस अभी तक हाथ नही डाल पाई फर्जी मजदूर पर

एफ.सी.आई. के डी.एम. और मजदूर के खिलाफ नही हुई कार्रवाई

करनाल, 29 जनवरी (लाम्बा/जैन):  करनाल पुलिस ने दूनार राईस मिल के संचालक के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले को तो हाथों-हाथ लिया और आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे रूपए भी बरामद कर लिया। लेकिन करनाल के एफ.सी.आई. में फर्जी मजदूर के मामले में अभी तक डी.एम. और एफ.सी.आई. के उस मजदूर को गिरफ्तार नही कर पाई। जो किसी और मजदूर की जगह नौकरी कर रहा है। पुलिस अलग-अलग मामलों में अलग-अलग मानदंड निर्वाह करती है। जहां एक तरफ आर्थिक घोटाले में पुलिस बड़े लोगों की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करती है। लेकिन मजदूर की शिकायत पर पुलिस 4 महीनें तक हाथ पर हाथ रखकर बैठी रहती है। एफ.आई.आर. मुश्किल से दर्ज की गई। एफ.आई.आर. दर्ज करने के बाद पुलिस अभी तक मजदूर और डी.एम. को गिरफ्तार नही कर पाई। जबकि मजदूर गंगा राम लगातार अपने हक के लिए पुलिस के चक्कर काट रहा है। लेकिन आर्थिक अपराध शाखा को कोई भी परवाह नही है। इसके अलावा एफ.सी.आई. में मजदूरों के रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ करने वाला लेबर आफिसर भी अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। जबकि अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर करनाल के मजदूर 15 महीनें से धरने पर बैठे हुए हैं। लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. के साथ-साथ कुछ खास लोगों का आश्रय प्राप्त है। यही कारण है कि जिन मजदूरों ने तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी को मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचाने के लिए समर्थन जुटाने के लिए लड़ाई लड़ी। वही मजदूर अब 15 माह से धरने पर न्याय की आस लिए बैठे हुए है।

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