Saturday, February 6, 2016

करनाल अब तक

अब गाय और भैंस करेंगी रैम्प पर करेंगी केटवाक
गाय और भैंसों की होंगी सौंदर्य प्रतियोगिता
करनाल,6 फरवरी (लाम्बा/जैन):अब देसी गाय और देसी भैंंस भी सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भग लेंगी। इसके रहते भैंस और गाय भी रैम्प पर केट वाक करती नजर आएंगी। प्रदेश सरकार देसी गाय और भैंस की किस्मों को बढ़ावा देने के लिए उनकी मार्कींटंग करेगी। यह जानकारी प्रदेशके कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने दी। उन्होंने बताया कि फरवरी के अंतिम दिनों में देसी गायों की किस्मों की सौंदर्य प्रतियोगिता रोहतक में होगी। इसके अलावा भैंसो के लिए इस तर की प्रतियोगिता अक्तूबर में आयोजित की जाएगी। देसी गाय की किस्मों की बेहतर किस्मों की गाय तथा भैंसों की बेहतर किस्म को प्रोत्साहित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ गाय और सर्वश्रेष्ठ भैंस प्रतियोगिताएं होंगी। आने वाले समय में देसी किस्मों की गाय और भैंसों की मार्कींटंग के लिए इनकी व्यूटी प्रतियोगिताएं होंगी। उन्होंने बताया कि सरकार दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने क ेलिए छहकरोड़ रुपए के पुरस्कार देते ळैं। सरकार चाहती हैंकि आने वाले दिनों में प्रदेश में दूध का उत्पादन अढाई करोड़ लीटर प्रति दिन हो। उन्होंने कहा कि एनडीआरआई के सभी चौकों का नाम देसी दुधरू पशुओं के नाम पर रखे जाने चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि गाय और भैंसों के पालन के लिए सकार इंटनेशिव दे रही हैंं। 

अब मादा पशुओं की प्रिग्नैंसी का पता लगाने के लिए विकसित होगी खास किट
करनाल, 6 फरवरी (लाम्बा/जैन): एन.डी.आर.आई के डायरेक्टर डा. ए.के श्रीवास्तव ने कहा कि एन.डी.आर.आई में पशुओं में गर्भ ठहरने की पुष्टि करने के लिए जल्द ही एक ऐसी किट विकसित की जा रही हैं। जिससे यह पता चल सकेगा कि मादा पशु गर्भवती हैं या नहीं। इस पर काम शुरू कर दिया गया हैं। इसके अलावा एक ऐसी किट भी विकसित की जाएगी जिससे पता चल सकेगा कि मादा पशु हीट पर हैंं या नहीं। अब तक साठ से सत्तर प्रतिशत हीट काल जानकारीके अभाव में व्यर्थ चला जाता था। उन्होंने बताया कि अब तक देश में महिलाओं की प्रिग्रेंसी का पता लगाने के लिए ही किट विकसित की गई हैं। इसके अलावा एनडीआरआई तरावड़ी के एक बगांव मं फार्मिंग स्कूल चला रहा हैं। उन्होंने बताया कि देश में इस समय 36 प्रतिशत हरे चारे की कमी है। घटती जोत के कारण यहां पर मात्र चार फीसदी कृषि भूमि पर हरे चारे का उत्पादन किया जाता है। लेकिन वैज्ञानिक सर्वे के अनुसार कुल कृषि भूमि में से 9 प्रतिशत जमीन पर हरे चारे की पैदावार होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर जीडीपी 7 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ती रही तो हमें 2050 तक 50 से 52 प्रतिशत ज्यादा हमें अनाज की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पशुओं के रख रखाव में 70 प्रतिशत से ज्यादा खर्च फीड फोडर पर होता है। इसलिए हम 2050 का विजन रखते हुए कि पशुओं के फीड फोडर पर रिसर्च करे रहे हैं ताकि हमें आने वाले समय पर फीड की कमी महसूस न हो। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में फीड से जुड़ी आधुनिक टेक्नोलोजी के बारे में गहन मंथन किया जाएगा। निश्चित रूप से यह डेरी जगत सेेेे जुड़े लोगों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। डा. गुरबचन सिंह ने कहा कि देश में कुल 140 मिलियन कृषि भूमि है और 120 मिलियन वेस्ट भूमि है। अगर इस वेस्ट भूमि को चारा उगाने के लिए प्रयोग करे तो चारे की कमी से कुछ हद तक कम किया जा सकता है। डा. एच रहमान ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान के निर्देशन में 109 संस्थान चल रहेे हैं। जिसमें से 19 संस्थान पशुओं पर रिसर्च कर रहे हैं। विश्व में भारत पशुधन के मामले में प्रथम स्थान पर है। डा. सीएस प्रसाद ने कहा कि पशुओं के चारे की गुणवता सुधार के लिए फीड रेगुलेटरी अथोरिटी की जरूरत है।

कांगेस बेजुवान कुत्तों को अपनी अवाज देगी: पूनिया
कांग्रेस के प्रदर्शन में कुत्ते शामिल होकर मांगेगे 70 लाख का हिसाब
करनाल (लाम्बा/जैन) : मुख्यमंत्री की गृह नगरी में कांग्रेस सोमवार को एक अनूठा प्रदर्शन करेगी। इसमें कुत्ते अपनी नसबंदी पर हुए 70 लाख रुपए का हिसाव मांगेगे। इस तरह के प्रदर्शन में कांग्रेस नेताओं के साथ कुत्ते भी शामिल होंगे। यह जानकारी कांग्रेस के प्रदेश सचिव पंकज पूनिया ने दी। वह पंजाब केसरी के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री की गृहनगरी में अब तो अफसर कुत्तों के नाम पर पैसा खा रहे हैं। कुत्ते तो बेजुवान हैं। वह किस तरह से सरकार की पोल खोल सकते हैं। उनकी बेजुवानी को कांग्रेस अपनी अवाज देंगी। उन्होंने बताया कि सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद करनाल आ रहे हैं। कांग्रेस का प्रदर्शन सुबह 11 बजे कमेटी चौक पर किया जाएगा। इस प्रदर्शन में कुत्ते अपे गले में पट्टा और तख्तियां लटका कर चलेंगे। इनके माध्यम से गूंगी और बहरी सकार से बेजुवानजानवर हिसाब मांगेगे। पूनिया ने बताया कि करनाल जिस तरह से स्मार्ट सिटी की स्पर्धा से बाहर हुआ हैं। उसके लिए नगरनिगम के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारी जिम्म्ेावार हैं। पूनिया ने बताया कि शहर में अवैध निर्माण के साथ साथ अतिक्रमण जोरों पर हैं। नगरनिगम अभी तक पांच सौ मीटर की आदर्श सडक नहीं बनवा पा रही है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपया कागजों में खर्च किया गया। आम लोगों को सरकार ने मूर्ख बनाया हैं। करनाल के लोग अब मुख्यमंत्री और अफसरों से हिसाब मांगेगे। यहां पर जो कुछ हुआ हैं उसके लिए मुख्यमंत्री को अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेना चाहिए।

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