करनाल, 11 फरवरी (अनिल लाम्बा) : अखिल की मौत पर बवाल थमने का नाम नही ले रहा। मंगलवार को सैंकड़ों लोग आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। पहले अखिल के परिजन और उनके समाज के लोग अस्पताल स्थित मर्चरी हाऊस के सामने इकट्ठे हुए। लोगों ने अचानक प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया। देखते ही देखते सैंकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। पींडित परिवार और उनके समाज के लोग गांधी चौंक से होते हुए बस स्टैंड पहुंचे और फिर कमेटी चौंक। कमेटी चौंक पर पींडित समाज के लोगों ने खाकी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जाम लगा दिया। लोगों ने हाथ पकड़ कर चैन बना ली और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। खास बात यह रही कि इस विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ भारी पुलिस दल तो चला ही, साथ ही साथ डी.एस.पी. जोगेंद्र राठी, डी.एस.पी. राजकुमार, तहसीलदार हरिओम अत्री व अन्य अधिकारी भी साथ-साथ पैदल ही चलते रहे। भारी पुलिस दल भी साथ चलता रहा। इसके बाद पींडित समाज के लोग सब्जी मंडी होते हुए अस्पताल चौंक पहुंच गए। यहंा ग्रामीणों और परिजनों ने अस्पताल चौंक का घेराव करते हुए सड़क को जाम कर दिया। कुंजपूरा रोड़, लघु सचिवालय, माडल टाऊन तथा अस्पताल जाने वाली सड़क ब्लाक हो गई। करीब एक घंटे तक जाम लगा रहा और लोग पुलिस प्रशासन के खिलाफ मूर्दाबाद के नारे लगाते रहे। बाद में एस.पी. अभिषेक गर्ग खुद लोगों को समझाने पहुंच गए। लोगों ने एस.पी. को देखते ही नारेबाजी शुरू कर दी, लेकिन एस.पी. चौंक पर मौजूद एक चबूतरे पर चढ़ गए। उन्होंने लोगों को शांत किया और कहा कि वह अभी-अभी करनाल आए है। इसके बाद यह मामला घटित हो गया। एस.पी. अभिषेक गर्ग ने लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि सोमवार को पुलिस प्रशासन ने साफ कर दिया था कि आरोपियों को बख्शा नही जाएगा। उन्होंने लोगों को कहा कि अभी भी पुलिस की 6 टीमें हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में छापे मारकर आरोपियों को पकडऩे में लगी है। उन्होंनें लोगों से निवेदन किया कि वह मान जाएं और मृतक का अंतिम संस्कार करें। उन्होंने परिजनों से यह भी कहा कि पुलिस के हाथ कुछ सुराग लगे हैं और कुछ लोगों का अता-पता लगा हैं। पुलिस हाथ पर हाथ रखकर नही बैठी है, बल्कि आरोपियों को पकडऩे के लिए जी-जान कोशिश कर रही है। इसलिए वह पुलिस पर भरोसा करें। जल्दी ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। पुलिस प्रशासन ने 15 फरवरी तक का समय मांगा है और इस दौरान आरोपी हर हाल में पुलिस के हत्थे चढ़ जाऐंगे। गुस्साए समाज के लोग एस.पी. से बार-बार यह कहते रहे कि जिन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया हैं उन्हें तुरंत डिसमिस किया जाए, ताकि लोगों पर अत्याचार करने वाले पुलिस कर्मियों को सबक मिल सके। लोगों ने एस.पी. पर सवाल दागा कि जब इंस्पैक्टर मनोज वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज हो गया था, तो उसे छुट्टी किस अधिकारी ने दी। उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। उसे वहीं क्यों नही दबोचा गया। इसके बाद एस.पी. ने अश्वस्त किया कि जो फरार हैं उन्हें पकड़ा जाएगा ओर पकड़े जाने के बाद आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभाग कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगा। इसके बाद पींडित समाज अस्पताल लौट गया। एस.पी. के आश्वासन के बाद भी परिजनों ने मृतक अखिल का अंतिम संस्कार नही किया। पिछले 3 दिनों से अखिल का शव मर्चरी हाऊस में पड़ा हुआ है।
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सामाजिक लोगों ने की निर्णायक बैठक :- आरोपियों की गिरफ्तारी न होने को लेकर मृतक अखिल के परिवार को समर्थन देने के लिए समाज के सैंकड़ों लोग आज अस्पताल में पहुंच गए। सड़कों पर प्रदर्शन करने के बाद समाज के लोगों की ओर से एक निर्णायक बैठक मर्चरी हाऊस के बाहर की गई। बैठक के दौरान अखिल के संस्कार को लेकर कई लोगों ने कहा कि संस्कार कर देना चाहिए। क्योंकि परिजन भूखे हैं और घर में चूल्हा तक नही जला। कई लोगों ने अपने तर्क पेश किए,लेकिन कुछ लोगों ने बैठक के दौरान इस बात का जमकर विरोध कर दिया कि यदि अखिल का संस्कार कर दिया गया तो पुलिस पर से दबाव हट जाएगा और आरोपी छूट जाऐंगे। बैठक में एक व्यक्ति ने पुलिस द्वारा दिए गए एक मामले में इस तरह के भरोसे को पेश किया और कहा कि आश्वासन देने के बाद उन्होंने भी शव का संस्कार कर दिया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की। बाद में मृतक के परिजनों पर यह फैसला छोड़ दिया गया कि जो भी परिजन समाज के लोगों को आदेश देंगें। वह अमल में लाया जाएगा। मृतक के पिता बलवान सिंह ने अपने करीबियों से विचार-विर्मश किया और फैसला किया कि किसी भी हालत में अखिल का संस्कार नही किया जाएगा। क्योंकि अखिल की मां ने साफ कह दिया है कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नही होते, तब तक शव को घर लाने की जरूरत नही है। बाद में समाज के लोगों ने एक कमेटी का गठन कर परिजनों की मदद करने का ऐलान किया और कहा कि पूरा समाज मृतक के परिजनों के साथ खड़ा है।
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आज हो सकता है चक्का जाम :- मृतक अखिल के परिजनों और समाज के लोगों में इस बात का रोष पनप रहा है कि पिछले 3 दिनों से न तो फरार पुलिस अधिकारियों का पता है और न ही प्रिया और उसके परिजनों का। पींडित लोगो का यह भी कहना है कि पुलिस यह भी पता नही लगा पाई कि आखिर प्रिया का पूरा परिवार कहां है। अब बैठक में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई है। यह कहा गया है कि जब तक आरोपी पकड़े नही जाते। तब तक आंदोलन तो जारी रहेगा। इसके लिए प्रत्येक गांव में लोगों से संपर्क साधा जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को बुलाकर अपने पक्ष में किया जा रहा है। माना जा रहा है कि जिस तरह के आज तेवर परिजन और समाज दिखा रहा है। उससे आभास हो रहा है कि बुधवार को मृतक के परिजन और पींडित समाज के लोग जी.टी. रोड़ पर चक्का जाम कर सकते हैं।
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बढ़ सकती है प्रशासन की मुश्किलें :- मरने से पहले अखिल द्वारा लिखे गए सुसाईड नोट में पुलिस प्रशासन के बड़े-बड़े अधिकारियों के नाम आने के बाद प्रशासन की मुश्किलें बड़ी हुई हैं। पुलिस विभाग को खुद समझ नही आ रहा है कि वह क्या करें। अभी तक पींडितों का आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा है, लेकिन आगे प्रशासन की मुश्किले बढ़ सकती हैं। क्योंकि समाज के लोगों को बढ़ी संख्या में इकट्ठा करने के लिए आहवान किया गया है। माना जा रहा है कि बुधवार को यह संख्या हजारों में पहुंच सकती है। हालांकि पिछले 2 दिनों से पुलिस प्रशासन के बड़े-बड़े अधिकारी, कई थानों के एस.एच.ओ. तथा भारी मात्रा में तैनात किया गया पुलिस दल पींडितों की कार्रवाई पर नजर रखे हुए है, लेकिन बुधवार को यदि पींडित समाज ने चक्का जाम किया तो प्रशासन की मुश्किलें भी बढ़ जाऐंगी। प्रशासन पर इस समय आरोपियों को पकडऩे का दबाव है।, लेकिन पिछले तीन दिनों से पुलिस किसी भी एक आरोपी को पकड़ नही पाई है। 9 आरोपी धारा-306 में नामजद है। ऐसे में बुधवार को पुलिस प्रशासन ने पींडित समाज के सामने कोई रिजल्ट नही रखा तो गुस्साए लोग बड़ा कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं।
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