Monday, February 10, 2014

विरोध में सैंकड़ों लोग उतरे सड़कों पर,सचिवालय का घेराव


 प्रशासन ने मांगा 15 फरवरी तक का समय, मगर परिजन बोले जब होगी कार्रवाई तभी होगा संस्कार
जाने से रोका पुलिस ने, लेकिन धक्का-मुक्की कर बढ़ गए लोग आगे
लघु सचिवालय पर पुलिस प्रशासन के खिलाफ हुई जमकर नारेबाजी
लघु सचिवालय बना पुलिस छावनी कई स्थानों पर लगाया पुलिस ने प्रतिबंध, नही निकल पाए सैंकड़ों वाहन
करनाल, 10 फरवरी (अनिल लाम्बा) : अंर्तजातीय विवाह बंधन में बंधे अखिल की मौत का मामला अब बेहद पेचीदा हो गया है। रविवार अलसुबह अखिल की एक निजी अस्पताल में मौत हो जाने के बाद  भी परिजनों ने उसके शव को आज मर्चरी हाऊस से लेने से इन्कार कर दिया। हालांकि प्रशासन देर शाम तक उन्हें मनाता रहा, लेकिन परिजन और सग्गे संबधी नही माने। आज सुबह सैंकड़ों लोग पहले अस्पताल में इक्ट्ठे हुए। लोगों ने आज सुबह शव को लेने से मना कर दिया और उसके बाद सैंकड़ों लोग पुलिस प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। इस बीच पुलिस ने वहीं नाकेबंदी कर दी।  सैक्टर-12 पहुंचने से पहले प्रदर्शनकारियों को रोकने के प्रयास भी किए गए, लेकिन प्रदर्शनकारी नही माने। इस मौके पर सुरक्षा से तैनात काफी पुलिस बल मौजूद था। जिसने मृतक के परिजनों और सगे संबधियों को लघु सचिवालय से पहले रोकने का बहुतेरा प्रयास किया, लेकिन गुस्साए परिजन पुलिस को धक्का-मुक्की देकर आगे बढ़ गए। लघु सचिवालय पहुंचते ही मृतक के सग्गे-संबधियों और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। पींडितों ने लघु सचिवालय का घेराव कर दिया। लोगों ने वहां धरना दे दिया और बीच में ही बैठ गए। देखते ही देखते सैंकड़ों पुलिस कर्मी जिनमें महिलाएं भी शामिल थी। उन्हें लघु सचिवालय के निकट तैनात कर दिया गया। कई थानों के एस.एच.ओ. भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैनात कर दिए गए। पींडितों से मिलने पहले एस.डी.एम. मुकुल कुमार और तहसीलदार हरिओम अत्री उन्हें मनाने पहुंचे, लेकिन पींडितों का प्रदर्शन जारी रहा। उन्होनें कहा कि जब तक डी.सी. और एस.पी. उनकी बात नही सुनते और उनकी मांगे नही मानी जाती, तब तक उनका विरोध लघु सचिवालय में जारी रहेगा। पीडितों ने एस.डी.एम. और तहसीलदार की कोई बात नही मानी। बाद में पींडितों को संदेशा दिया गया कि कुछ लोगों का प्रतिनिधि मंडल ऊपर डी.सी. कार्यालय में आ जाए। प्रशासन बातचीत करने को तैयार है, लेकिन प्रदर्शनकारी पींडितों ने प्रशासन की इस मांग को भी ठुकरा दिया। पींडितों ने साफ-साफ कहा कि यदि प्रशासन ने उनसे बात करनी है तो सैंकड़ों लोगों के बीच में आए। आखिरकार डी.सी. बलराज सिंह और एस.पी. अभिषेक गर्ग को अपने-अपने कार्यालयों से बाहर निकलना पड़ा और नीचे आना पड़ा। प्रशासनिक अधिकारियों को देखते ही पींडितों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उस समय वहां सारा प्रशासन और कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे। आखिरकार डी.सी. और एस.पी. ने उनसे बातचीत की और उन्हें समझाया कि वह युवक का अंतिम संस्कार कर दें। क्योङ्क्षक प्रशासन ने तीन पुलिस अधिकारियों समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी जल्दी ही गिरफ्तारी कर ली जाएगी। प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ मजबूरियों का हवाला देते हुए कहा कि प्रशासन को लोग 15 फरवरी तक का समय दें। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा, लेकिन पींडित प्रदर्शनकारी इस मांग पर अड़े रहे कि उन्हें आज शाम तक गिरफ्तार किया जाए, लेकिन प्रशासन ने 15 फरवरी तक का ही समय मांगा। लेकिन पींडित राजी नही हुए। बाद में उन्होंने कहा कि पुलिस ने परिजनों के साथ मिलकर अखिल को मार डाला। यदि पुलिस ने इंसाफ किया होता तो आज अखिल जिंदा होता। पुलिस की मिलीभगत से ही अखिल पर दबाव बनाया गया। जिससे उसने मौत को ही गले लगाना बेहतर समझा। बाद में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें प्रशासन से अब कोई बात नही करनी। इसलिए वह दोबारा अस्प्ताल को लौट गए। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी तरह परिजनों को समझा-बुझा कर आधा दर्जन लोगों को बातचीत के लिए अपने पास बुलाया। जिसमें उन्होंने सी.बी.आई. मांग को आगे रखते हुए कहा कि पहले आरोपियों को गिरफ्तार करों और फिर इस मामले की सी.बी.आई. जांच करवाओ। क्योंकि सोसाईड नोट में एस.पी. शशांक आन्नद का नाम भी शामिल है।
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सोसाईड नोट में यह लिखा था अखिल ने :- मैं अखिल चौहान बहुत ज्यादा परेशान हुं। मेरे को परेशान कर रखा है। मेरी पत्नी प्रिया वर्मा ने उसके पिता विजय वर्मा, स्नेह वर्मा, ए.एस.आई. रामभजन वर्मा, वकील सुमेर मोहन वर्मा, राहूल वर्मा, इंस्पैक्टर मनोज वर्मा, इन्होंने मेरे को बहुत ज्यादा परेशान कर दिया। जिसके कारण मैंं आत्महत्या कर रहा हुं। मेरी मौत के ये सब जिम्मेदार है। इन्हें कड़ी सजा दी जाए। लव मैरिज करना गुनाह नही। दूसरी साईड में अखिल ने लिखा कि इनको कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इनसे एस.एच.ओ. अजीत राम, एस.पी. शशांकं आन्नद, अजय वर्मा, प्र्रिया का चाचा, वकील मोहन, रामभजन वर्मा, राहूल वर्मा, स्नेह वर्मा, प्रिया वर्मा, मनोज वर्मा जिम्मेदार हैं। इनको कड़ी सजा दी जाए। मेरी आत्महत्या करने का कारण ये सब हैं। इन्होंने मुझे बहुत परेशान कर दिया है। जिसके कारण मैं आत्महत्या कर रहा हुं। अखिल ने अपने हस्ताक्षर कर अपने मकान का हवाला भी दिया।
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मनाने गए एस.पी. फिर लौटे बैरंग :- शाम-4 बजे के बाद अस्पताल स्थित मर्चरी हाऊस के बाहर तैनात परिजनों को मिलने एस.पी. अभिषेक गर्ग दोबारा पींडितों के पास मनाने पहुंचे। उन्होंने पींडितों से कहा कि पुलिस जल्दी ही कार्रवाई कर रही है। इसलिए वह बिल्कुल हताश न हो और वह मृतक अखिल का अंतिम संस्कार कर लें, लेकिन परिजनों ने साफ मना कर दिया। खबर लिखे जाने तक  प्रशासनिक अधिकारी मर्चरी हाऊस के बाहर तैनात थे।
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कई टीमें कर रही है छापेमारी : एस.पी. 
एस.पी. अभिषेक गर्ग ने पंजाब केसरी को बताया कि 9 लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर 10 टीमें गठित कर दी गई है। यह टीमें अलग-अलग स्थानों पर छापे मार रही है। एफ.आई.आर में जिनके नाम दर्ज किए गए हैं। चाहे वह पुलिस अधिकारी है या परिजन। किसी को नही छोड़ा जाएगा। एस.पी. से जब पूछा गया कि मामला दर्ज होने के बाद किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ क्या विभागीय कार्रवाई अमल में लाई गई है के जवाब में एस.पी. ने कहा कि पहले उन्हें पकड़ा जाएगा और फिर जांच की जाएगी। इसके बाद उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी।
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सी.बी.आई. की मांग नही आई सामने :- डी.सी.
डी.सी. बलराज सिंह ने पंजाब केसरी को बताया कि दोपहर बाद दोबारा हुई बातचीत में परिजनों ने प्रशासन के समक्ष सी.बी.आई. से जांच करने की बात नही की है। एस.पी. भी यहाँ मौजूद थे। लेकिन  जो मांगे पीङ्क्षडतों ने प्रशासन के समक्ष रखी हैं। हमने उनको पूरी तरह से आस्वस्थ किया है कि पूरी मुस्तैदी के साथ जांच होगी और प्रशासन कोई ढील नही बरतेगा। बातचीत के दौरान पींडितों के प्रतिनिधि आस्वस्थ होकर गए थे, लेकिन पता नही क्यों बाद में उन्होंने शव का संस्कार करने से मना कर दिया।
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कई स्थानों पर लगाया पुलिस ने प्रतिबंध, नही निकल पाए सैंकड़ों वाहन
पींडितों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए आज पुलिस ने अस्पताल रोड़ पर जाने से मनाही कर दी। अस्पताल रोड़ से लेकर लघु सचिवालय के आगे तक कई स्थानों पर नाकेबंदी कर दी गई थी और वाहनों का निकलना वर्जित कर दिया गया था। अस्पताल रोड़ की तरफ जाने वाले वाहनों को माडल टाऊन की तरफ घूमा दिया गया। जबकि माडल टाऊन से लघु सचिवालय आने वाले वाहनों को यू-टर्न देकर वापिस मोड़ दिया गया। प्रशासन को ऐसा आभास हुआ कि गुस्साए परिजन कुछ भी कर सकते है। इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर इस तरह की कार्रवाई की गई, लेकिन सैंकड़ों वाहन कई सड़कों से निकल नही पाए। कई सड़कों पर जाम लग गया और लोग परेशान रहे। बाद में जब परिजन लघु सचिवालय पहुंच गए तो पुलिस ने यातायात खोल दिया।
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आम आदमी पार्टी बोली क्यों नही है एस.पी. का नाम :- आम आदमी पार्टी ने भी मृतक अखिल के पींडितों के साथ आ गई है। आम आदमी पार्टी ने आज आई.जी. बलबीर सिंह से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन-पत्र सौंपा। जिसमें कहा गया है कि जब तत्कालीन एस.पी. शशांक आन्नद का नाम सोसाईड नोट में शामिल है तो एस.पी. शशांक आन्नद को एफ.आई.आर. में क्यों नही जोड़ा गया।  आप ने मांग की है कि पींडितों को न्याय दिया जाए और दोषियों को गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि अखिल पुलिस की बबर्रता का शिकार हुआ है। उसने लव मैरिज की थी, लेकिन पुलिस ने परिजनों के साथ मिलकर उसे मरने पर मजबूर कर दिया। बाद में आम आदमी पार्टी के सदस्य अस्पताल में पहुंचे और उन्होंनेे कहा कि वह उनके साथ हैं। आप पार्टी के जिला संयोजक नीरज गौतम ने बताया कि एस.पी.  शशांक आन्नद मौके पर पुलिस अधीक्षक के पद पर थे और उनकी देखरेख में सारी जायदती हुई। इसलिए उन्हें उच्च पद पर रहने का अधिकार नही। उन्हें तुरंत निलंबित किया जाए। क्योंकि वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं और उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करके गिरफ्तार किया जाए। आप ने 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है। आप ने कहा कि यदि 3 दिन तक कोई कार्रवाई नही हुई तो आप कार्यकत्र्ता आंदोलन करेंगे।



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