करनाल, 10 फरवरी (अनिल लाम्बा) : युवक द्वारा आत्महत्या के बाद छोड़ा गया सोसाइड नोट पुलिस प्रशासन के लिए फांस बनता जा रहा है। सोसाईड नोट में करनाल के पूर्व एस.पी. एवं आई.पी.एस. अधिकारी शशांक आन्नद का नाम सामने आने पर पुलिस महकमे ने दर्ज किए गए मामले में एस.पी. के नाम को बाहर रखा है, लेकिन अब मृतक के परिजनों ने साफ-साफ चेतावनी दी है कि जब तक आरोपी पकड़े नही जाते और इस मामले की जांच सी.बी.आई. को नही दी जाती। तब तक वह चुप नही बैठेंगे। सोमवार को भी मृतक के परिजनों ने शव का संस्कार करने से साफ मना कर दिया। सुबह बवाल काटने के बाद मृतक की ओर से आधा दर्जन लोगों की कमेटी को जिला प्रशासन ने बातचीत के लिए लघु सचिवालय बुलाया। करीब एक घंटे तक चली प्रशासन से बातचीत के बाद कोई ठोस नतीजा नही निकला। डी.सी. के कार्यालय में हुई बातचीत के दौरान मृतक अखिल के मामा नरेश कुमार, रितेश चौधरी, बलजीत सिंह, रामकुमार कल्याण, बलवान और कृष्ण सिंह को बातचीत के लिए बुलाया गया। उन्होंने मांग की है कि पहले सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए फिर इस मामले की जांच सी.बी.आई. को सौंपी जाए। मृतक के परिजनों की ओर से साफ कहा गया है कि पुलिस प्रशासन ने सोसाईड नोट में दिए गए नामों में से सभी के खिलाफ 306 के तहत मामला तो दर्ज कर लिया है, लेकिन उस सोसाईड नोट में करनाल में रहे एस.पी. शशांक आन्नद का नाम भी था। उसे पुलिस ने कैसे छोड़ दिया। हालांकि इस बीच डी.सी. बलराज सिंह और एस.पी. अभिषेक गर्ग ने बार-बार परिजनों से कहा कि प्रशासन हर संभव कार्रवाई कर रहा है, लेकिन पहले वह मृतक का संस्कार कर लें। प्रशासन ने लाख मन्नतें की, लेकिन कमेटी में शामिल लोग नही माने। कमेटी में शामिल मृतक अखिल की ओर से गए रितेश चौधरी ने को बताया कि उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की जांच सी.बी.आई. को जरूर सौंपी जाए, क्योंकि सोसाईड नोट में तत्कालीन एस.पी. शशांक आन्नद समेत अन्य तीन पुलिस अधिकारियों के नाम है। ऐसे में पुलिस अपने ही महकमे के अधिकारियों की जांच किस निष्पक्षता से कर पाएगी। रितेश ने बताया कि मृतक अखिल तत्कालीन एस.पी. शशांक आनन्द के पास भी अपनी गुहार लेकर पहुंचा था, क्योंकि बार-बार पुलिस अखिल और उसकी मां को परेशान कर रहे थे। रितेश के मुताबिक अखिल ने एस.पी. से यह भी कहा था कि उसे हाईकोर्ट द्वारा सुरक्षा भी प्रदान करने के आदेश हैं, लेकिन पुलिस कर्मी दीवार फांद कर रात को उन्हें धमकाने आ जाते हैं। रितेश के मुताबिक एस.पी. ने अखिल को बताया था कि वह घर जाए। उसे पुलिस परेशान नही करेगी। बावजूद इसके पुलिस कर्मी घर जाकर लगातार धमकाते रहे। इसलिए एस.पी. यदि उस समय अखिल की गुहार पर कार्रवाई करते तो यह नौबत नही आती, क्योकि पुलिस की गाडिय़ां बार-बार अखिल का पीछा कर रही थी। रितेश ने खुलासा किया कि बातचीत के दौरान डी.सी. और एस.पी. ने इतना आश्वासन दिया है कि वह सरकार से सी.बी.आई.की मांग को लेकर बातचीत करेंगे। इधर परिजनों ने कहा कि यदि कोई कार्रवाई नही होती तो वह अपने पूरे समाज को एकत्र कर एक बड़ा आंदोलन करेंगे और फिलहाल शव का संस्कार तब तक नही किया जाएगा। जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नही हो जाती।
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