Sunday, March 23, 2014

अपराधिक मामले चल रहे हैं दिल्ली कोर्ट में भाजपा प्रत्याशी के 2 न्यायालयों में हो चुके हैं चार्ज फ्रेमड कैसे लगाऐगी जनता ऐसे प्रत्याशी को गले, यह सबसे बड़ा सवाल

करनाल, 23 मार्च (अनिल लाम्बा): भारतीय जनता पार्टी हमेशा से यही राग अलापती रही है कि वह बागी ओर दागी को चुनाव मैदान में नही उतारेगी। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने करनाल लोकसभा सीट से जिस प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है। वह भले ही बागी न हो, लेकिन दागी जरूर हैं। उन पर दिल्ली की कड़कडड़ूमा और रोहिणी अदालत में दो अपराधिक मामले विचाराधीन है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधीश बलराज सिंह को भाजपा प्रत्याशी ने जो नामांकन सौंपा हैं उनमें भाजपा प्रत्याशी ने एक कालम में यह लिखा है कि दिल्ली के प्रीत बिहार और केशवपूरम थाने में उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए थे। यह मामला 2000 और 2005 को दर्ज हुआ था। इस मामले में झूठे कागजात बनाकर फ्राड करना तथा डयूटी के दौरान अधिकारियों से र्दुव्यवहार करना शामिल है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड सहिंता की धारा 469, 500,  447 तथा 186 धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मुकद्दमा नंबर 446 तथा 150 अंकित किया गया है। मुकद्दमा नंबर-446 दिल्ली की कड़कडड़ूमा तथा रोहिणी की अदालत में चल रहा है। यही नही  दोनों अदालतों में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ चार्ज भी फ्रेमड हो चुके हैं। अदालत में यह चार्ज 2009 और 2013 में फ्रेमड किए गए थे। इस मामले में अभी सुनवाई चल रही है। जिस पर फैसला आना बाकी है। अब सवाल यह उठता है कि साफ और स्वच्छ नेताओं के प्रति  लगातार राग अलापने वाली भाजपा हमेशा दागी और बागी से बचने का संकेेत देती रही है, लेकिन इस मामले में भाजपा ने यह साबित कर दिया है कि सता हासिल करने के लिए यदि उसे दागियों और बागियों को भी चुनाव मैदान में उतारना पड़े तो वह पीछे हटने वाली नही है। आपको बता दें कि हाल ही में हरियाणा भाजपा ने कांग्रेस से भागकर आए धर्मबीर सिंह, रमेश कौशिक और राव इंद्रजीत जैसे नेताओं को लोकसभा का टिकट थमाया है। भाजपा ने सता के लालच में इन बागियों को टिकट तो थमा दिया, लेकिन इन स्थानों पर भाजपा के स्थानीय वर्करों का आक्रोश भी लगातार झेलना पड़ रहा है। करनाल में भी पैराशूट से भाजपा प्रत्याशी को उतारा गया। नतीजे में कई भाजपा नेताओं ने जहां भाजपा प्रत्याशी से किनारा कर लिया।  वहीं हजकां के कार्यकत्र्ताओं ने भी दूरी बना ली। हालांकि भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ न्यायालय में कोई दोष साबित नही हुआ है, लेकिन अभी फैसला आना बाकी है।, लेकिन जिस तरह उन पर गंभीर धाराएं लगी हैं उस पर अदालत सबूतों के आधार पर कड़ा निर्णय भी ले सकती है, लेकिन यह समय बताऐगा कि भाजपा प्रत्याशी आरोपमुक्त होंगें या फिर दोषी साबित होंगे। यह भी सच है कि भाजपा प्रत्याशी चुपचाप नामांकन दाखिल करने आए और कागज प्रस्तुत कर चुपचाप निकल गए, लेकिन यह बात फिर तेजी से बाहर आ गई कि भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ अपराधिक मामले  अदालत में विचाराधीन है। एक तो यह बात तय हो गई है कि भाजपा का अपना कोई स्टैंड नही है। भाजपा ने यह साबित कर दिया है कि वह सता की लालची है और दागियों और बागियों से कोई परहेज नही करती। अब सवाल यह उठता है कि क्या करनाल लोकसभा  क्षेत्र की जनता ऐसे दागियों को मुंह लगाऐगी। क्या मोदी के नाम पर  ऐसे लोगों को संसद में भेजा जाएगा। जिनके खिलाफ दिल्ली की अदालतों में अपराधिक मामले चल रहे हों। फैसला जनता करेगी जिसका पता 17 मई को लगेगा
150 कार्यकर्ताओं का भी आंकड़ा नही हो पाया पूरा
नीलोखेड़ी, 23 मार्च (अनिल लाम्बा) : नीलोखेड़ी में भी भाजपा की दुगर्ति दिखाई दी। यहां पर पार्टी कार्यालयों का उदघाटन तो हुआ, लेकिन यह कार्यक्रम भीड़ के लिए तरसते रहे। नीलोखेड़ी में कार्यालय के उदघाटन के समय फिका-फिका सा दिखाई दे रहा था। 200 का आंकड़ा भी पूरा नही हो पाया था। कुछ कार्यकत्र्ता ही दिखाई दे रहे थे। भाजपा के निष्ठावान कार्यकत्र्ता नदारद थे। वहीं पर हजकां नेताओं ने भी दूरी बनाकर रखी।
भाजपा प्रत्याशी के समारोह से हजकां नेताओं ने बनाए रखी दूरी
हजंका नेता घरौंडा क्षेत्र में भाजपा का बिगाड़ सकते हैं समीकरण
करनाल/घरौंडा, 23 मार्च (अनिल लाम्बा) : भारतीय जनता पार्टी के करनाल लोकसभा प्रत्याशी के घरौंडा कार्यालय के शुभारम्भ का क्षेत्र के हजंका कार्यकर्ताओं ने बायकाट रखा। इस दौरान हजंका का कोई भी नेता व कार्यकर्ता समारोह में शामिल न हुआ। समारोह मात्र भाजपा कार्यकर्ताओं तक सिमट कर रह गया। समारोह में एक भी पीला झंडा दिखाई न पड़ा। जिससे विरोध स्पष्ट झलक रहा था। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों में इस बात की चर्चा रही कि घरौंडा क्षेत्र में हजंका के नेता जो मजबूति से सक्रिय हैं, वे समारोह से गायब हैं, वे मजबूति से भाजपा प्रत्याशी के विरोध में कहीं ने कहीं खड़े हैं। भाजपा प्रत्याशी द्वारा समारोह में मौजूद किसी भी भाजपा स्थानीय नेता का अपने भाषण में नाम न लेना चर्चा का विषय रहा, जिसका भाजपा कार्यकर्ताओं को पूरा मलाल रहा। गौरतलब है कि घरौंडा क्षेत्र में हजंका के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री जयसिंह राणा, प्रवीन जैन, कोसर अली बलहेड़ा, पवन शेखपूरा, शहर से नरेश चुघ, महेन्द्र कैमला, राजेश गुप्ता सहित अन्य कुछ वरिष्ठ नेता जो कि घरौंडा क्षेत्र में हजंका के मजबूत स्थानीय नेता हैं, इन सभी का एकजुटता से समारोह से गायब रहना, स्पष्ट रूप से हजंका का विरोध दर्शाता है। जो कि भाजपा प्रत्याशी के लिए एक बड़ा झटका है। जयसिंह राणा एक ऐसे हजंका में मजबूत नेता है जो प्रदेश के मंत्री रह चुके हैं व कुछ समय पहले कांग्रेस छोड़कर हजंका में शामिल हुए थे। जयसिंह राणा राजपूत समाज के साथ पूरे क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते हैं, ऐसे में उनका विरोध भाजपा प्रत्याशी पर भारी पड़ सकता है। इसके अलावा घरौंडा विधानसभा के ही निवासी वेदपाल एड़वोकेट जो कि लम्बे समय से भाजपा में सक्रिय हैं व लोकसभा ओर घरौंडा विधानसभा को प्रभावित करते हैं, वे भी समारोह से गायब रहे। पहले भाजपा नेताओं द्वारा हजंका के चन्द्रमोहन का करनाल में जो विरोध किया था, उसका खामियाजा भाजपा प्रत्याशि को पूरी तरह से भरना पड़ रहा है।
भाजपा प्रत्याशी के कार्यालय के उदघाटन के समय हुई जमकर अफरा-तफरी
करनाल/असंध, 23 मार्च (अनिल लाम्बा) : करनाल से भाजपा प्रत्याशी ने आज नगर में अपने चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करने पंहुचे तो भारी अफरातफरी और सामंजस्य की कमी के बीच पूरा माहौल उलझन भरा लगा। पत्रकारों और कार्यकर्ताओं में जमकर धक्का मुक्की हुई और मौके पर मौजुद लोगों को भाजपा प्रत्याशी के चुनावी आगाज की हालत देख अंजाम की चिंता सताने लगी। आज असन्ध पंहूचते ही नए-नए नेता जी को समझ में आ गया कि राजनीति करना बहुत टेढ़ी खीर है और दिल्ली अभी दूर है। दोपहर दो बजे का समय देने के बावजूद शाम चार बजे जब प्रत्याशी कार्यालय में पंहुचे तो इतने कंन्फयूज दिखाई दिए कि हवन यज्ञ में आहूति के लिए दिए गए छुहारे को मुंह में डाल लिया,गलती का अहसास होते ही नया छुहारा लेकर अग्रि को समर्पित किया। हालात उस वक्त और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए जब पत्रकारों से कार्यक्रम में बदसलूकी की गई और बाद में मामला बिगड़ता देख कार्यकर्ता पत्रकारों को मनाने में जुट गए। कार्यक्रम की खास बात यह रही कि जिला के पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी वहीं हजकां कार्यकर्ता तो मानो प्रत्याशी के बहिष्कार पर तुले हुए हैं। पार्टी कार्यकर्ता हजकां नेताओं की बाट जोहते रहे परन्तु उन्हे सिवाये निराशा के कुछ हाथ नही आया। आज के कार्यक्रम से बात साफ हो गई कि भाजपा प्रत्याशी को कार्यकर्ताओं को मनाने और सभी को एक मंच पर लाने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ेगा। जिला कार्यकारिणी के नेताओं की दूरी व हजकां कार्यकर्ताओं की भाजपा प्रत्याशी के प्रति उदासीनता से कार्यक्रम की रौनक फीकी नजर आई और भाजपा प्रत्याशी का बाहरी कहकर विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि करनाल संसदीय क्षेत्र इतना बड़ा है और पार्टी प्रत्याशी को इनके गांवों तक की जानकारी सही ढंग से नही है ऐसे में इस तरह के आयातित उम्मीदवार पार्टी व इलाके का भला नही कर सकते। वहीं कुछ मायूस कार्यकर्ताओं को यह कहते सुना गया कि वे मोदी के सामर्थक तो हैं परन्तु भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में नही हैं लिहाजा वे ऐसे विकल्प तलाश रहे हैं जिससे मोदी प्रधानमंत्री तो बन जाए परन्तु भाजपा प्रत्याशी के कारवां को रोका जा सके।

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