Thursday, March 3, 2011

भ्रष्टाचार के आरोप में अपनों व विपक्ष में घिरी हुड्डा सरकार : HARIYANA NEWS


भ्रष्टाचार के आरोप में अपनों व विपक्ष में घिरी हुड्डा सरकार : HARIYANA NEWS

क्या इनेलो के बढते जनाधार से हुड्डा सरकार बौखला गयी ?

करनाल (अनिल लाम्बा) :

प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के मुद्दे को लेकर जहां हुड्डा सरकार अपनों के बीच में घिरी हुई नज़र आ रही है वहीँ विपक्ष के ताबड़-तौड़ हो रहे वाक्-युद्ध व आगामी तीन मार्च को संसद के घेराव से लगता है कि हुड्डा सरकार बौखला गयी है | और बौखला कर अनाप-शनाप बयानबाजी तक सीमित हो कर रह गयी है | जमीन के अंधा-धुंध अधिग्रहण को लेकर अब प्रदेश के मुखिया को टीम के अन्दर से भी चुनौती मिलने लगी है | समूचे देश में भूमि अधिग्रहण को लेकर जो बहस छिड़ी हुई है,उसमे कई लोग परेशानी में फंसते दिखाई दे रहे हैं |
महाराष्ट्र में आदर्श सोसायटी घोटाले के बाद वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की विदाई के बाद प्रदेश में अब हुड्डा विरोधियों के तेवर भी तल्ख होने लगे हैं | जमीन अधिग्रहण को लेकर सबसे पहले हजकां सुप्रीमों कुलदीप बिश्नोई ने मोर्चा खोला था | जिनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकार कर ली |
अब इनेलो ने भी इस मुद्दे को लेकर जो आवाज उठाई है उससे हुड्डा सरकार बुरी तरह घबराई हुई नज़र आ रही है | कांग्रेस सरकार में रहे पूर्व वित् मंत्री तथा राज्य सभा सांसद विरेंद्र सिंह तथा केंद्रीय राज्य मंत्री शैलजा ने भी जमीन के अंधा धुंध अधिग्रहण के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया | जिस तरह से हुड्डा राज में बेशकीमती उपजाऊ जमीन एस.ई.ज़ेड की भेंट चड़ी और सरकार की छवि प्रोपर्टी डीलर के रूप में दूषित हुई | जमीन के अधिग्रहण को लेकर अब करनाल में मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ सदस्य कैप्टेन अजय यादव भी खुलकर बोले | उन्होंने इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री को दो टूक बात कह डाली | पिछले दिनों करनाल की जाट महासभा के कार्यक्रम में यहाँ तक कह दिया क़ि मंत्री पद उन्हें पहली बार नहीं मिला | वह छ: बार विधायक और तीन बार मंत्री रह चुके हैं | वह सम्मान के साथ मंत्री रहना ज्यादा पसंद करेंगे | उन्होंने अप्रय्तक्ष तौर पर यह कह भी दिया क़ि उनके सम्मान को कहीं न कहीं आघात पहुंच रहा है और साथ ही यह संकेत भी दिया क़ि मंत्री पद के लिए उन्हें हरियाणा में किसी सहारे क़ि जरुरत नहीं है | उन्होंने साफ़ तौर पर कह दिया क़ि बहुत हो गया गुडगाँव, फरीदाबाद और सोनीपत में उद्योग के लिए अधिग्रहण | अब बैकवर्ड क्षेत्रों में भी उद्योग लगने चाहियें | उन्होंने जमीन अधिग्रहण नीति में संशोधन क़ि वकालत तक कर डाली | जिस मुद्दे को पूर्व वित् मंत्री विरेंद्र सिंह ने उठाया था | उन्होंने भी किसानों के लिए रोयल्टी क़ि बात कही थी | लेकिन कैप्टेन अजय यादव ने अधिग्रहित जमीन के एवज में संबंधित उद्योग में बाईस प्रतिशत किसान के शेयर क़ि बात कर डाली | इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जींद के साथ अन्य स्थानों पर सावर्जनिक सभाओं में अपने विरोधियों को नसीहत तक दे डाली | पार्टी से बाहर विरोधी तो समझ में आते हैं | लेकिन पार्टी के भीतर भी मुख्यमंत्री को चुनौती मिलने लगी है | अब मुख्यमंत्री को अपनी ही सरकार के भीतर से चुनौती मिलने लगी है | अब कैप्टेन के बागी तेवर मुख्यमंत्री के लिए गले क़ी फांस बन सकते हैं |
यहाँ उलेखनीय है क़ि जिस तरह से सोनिया गांधी विवादित नेताओं से पल्ला झाड़ने के लिए उन्हें चलता कर रही है | इस श्रेंणी में कहीं प्रदेश के नेताओं का नाम नहीं आ जाए | जमीन अधिग्रहण को ले कर कांग्रेस क़ी काफी किरकिरी हुई है | विपक्ष इस मुद्दे को ले कर कईं बार कांग्रेस को आड़े हाथों ले चुका है | सुप्रीम कोर्ट में भी यह मामला पहुँच चुका है | आने वाला समय हरियाणा के मुख्यमंत्री के लिए परेशानी वाला भी हो सकता है | उन्हें महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण व् कोमन्वेल्थ गेम्स के आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी के साथ हुए घटनाक्रम से सबक लेना चाहिए |

No comments:

Post a Comment