Saturday, April 9, 2011

गंगानगर राजस्थान के व्यक्ति ने लगाये धोखाधड़ी, मारपीट-जान से मारने की धमकी देने के आरोप सी.एच. ड़ी. सिटी के निदेशक सहित नौ के विरुद्ध मामला दर्ज करने के आदेश अब तक मामला दर्ज ना करना, करनाल पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में

गंगानगर राजस्थान के व्यक्ति ने लगाये धोखाधड़ी, मारपीट-जान से मारने की
धमकी देने के आरोप
सी.एच. ड़ी. सिटी के निदेशक सहित नौ के विरुद्ध मामला दर्ज करने के आदेश
अब तक मामला दर्ज ना करना, करनाल पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में
करनाल ( अनिल लाम्बा ) : जी. टी. रोड कर्ण-लेक के सामने सी. एच. ड़ी.
सिटी के नाम से सुविधाओं से सुसज्जित फ्लेट देने और विला बेचने वाली
कंपनी सी. एच. ड़ी. डिवेलपर्स लिमिटेड के सामने नई मुसीबत आन खड़ी हुई है
| जिला करनाल की एक अदालत ने राजस्थान के व्यक्ति की शिकायत पर सुनवाई
करते हुए करनाल पुलिस को सी. एच. ड़ी. कंपनी के चेयरमेन राजेंदर मितल,
निदेशक गौरव मितल, मनोज बिष्ट, कंपनी के ड़ी. जी. एम्. नलिन छाबडा, रोहित
तिवारी, गौरव वर्मा, व दीपक सहित नौ लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी,
मारपीट-जान से मारने  का मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं | माननीय
अदालत ने करनाल पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दस दिन से दिए हुए हैं
किन्तु अब तक करनाल पुलिस द्वारा मामला दर्ज ना करना करनाल पुलिस की
भूमिका पर भी सवाल उठाने लगा है | इस मामला में जब करनाल के पुलिस
अधीक्षक व डिप्टी सुपरिडेंट पुलिस से संपर्क किया गया तौ दोनों अधिकारी
कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके | मामला दर्ज किये जाने के दिए आदेश की
खबर जैसे ही मार्केट में आई तौ प्रोपर्टी डीलरों में हडकंप मच गया | समझा
जा रहा है कि इस आदेश के बाद यहाँ प्रोपर्टी के दामों में काफी गिरावट
देखने को मिल सकती है | यही नहीं इस खबर के बाद कुछ फाइनेंसरों के होश
फाख्ता हो गए हैं | जानकारी के मुताबिक़ राजस्थान के श्री गंगा नगर में
रहने वाले रविन्द्र पाल ने करनाल की स्थानीय अदालत में शिकायत की थी कि
कंपनी के चेयरमेन, निदेशक, ड़ी. जी. एम्. व अन्य कर्मचारियों ने जी. टी.
रोड के निकट दौ सौ स्क्वेयर यार्ड के विला उपलब्ध करवाने की बात कही थी |
आरोपियों ने यह भी कहा था कि इस विला में तमाम सुविधाएं होंगी, मौके पर
नक्शा तक दिखाया गया और यह भी कहा गया कि विला में सबसे बढिया सामान भी
लगाया जाएगा | उन्होंने इसकी कीमत बतीस लाख के आसपास मांगी थी और बाद में
कुछ छुट की बात भी कही गई थी | रविन्द्र पाल ने अदालत को बताया कि उसने
दौ विला की बुकिंग करवाई थी और दस प्रतिशत राशि भी जमा करवा दी थी |
कंपनी के अधिकारियों ने वायदा किया था कि सोलह मार्च के भीतर कब्जा दे
दिया जाएगा मगर नवंबर दौ हज़ार आठ में कंपनी ने कुछ और राशि मांग ली |
उसने अदालत को बताया कि उसने जब एतराज जताया तो कंपनी ने कहा कि पैसे तो
देने ही होंगे | बाद में रविन्द्र पाल ने बताया कि उसे लगा कि उससे ठगी
की जा रही है लेकिन फिर भी दौ हज़ार नौ तक उसने करीब अठारह लाख रूपए की
राशि अदा कर दी थी | इसके बाद जब वह अचानक करनाल आया तौ उसने देखा कि
यहाँ किसी किस्म का कोई विकास नहीं चल रहा था | बाद में उसने जब कंपनी से
सम्पर्क साधा तो उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी | इसके बाद उसे
फिर सूचित किया गया कि यदि कंपनी की शर्तों के मुताबिक़ उसने भुगतान ना
किया तो विला का आबंटन बिना किसी सूचना के रद्द कर दिया जाएगा | उसने
अदालत को बताया कि उससे मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी भी दी गई |
अदालत ने उसकी शिकायत सुनने के बाद पुलिस को मामला दर्ज करने के निर्देश
दस दिनों से दिए हुए हैं | किन्तु अब तक मामला दर्ज ना करना करनाल पुलिस
की भूमिका पर भी प्रशन-चिन्ह लगा रहा है |  पिछले काफी समय से करनाल में
बिल्डरों ने तरह-तरह के सब्जबाग उपभोग्ताओं को दिखा कर उन्हें अपनी और
आकर्षित करने का अभियान जोरों पर चलाया हुआ है | ऐसा नहीं की जिला
प्रशासन को इन सब का ना पता हौ पता तौ है किन्तु करनाल का प्रशासन
तमाशबीन बन कर तमाशा ही देख रहा है | और बिल्डर्स हैं कि उप्भौग्ताओं को
दोनों हाथों से लुटने में लगे हैं | करनाल नूर-महल के सामने भी बिल्डरों
द्वारा कालौनियाँ जम कर काटी जा रही हैं और जब इस बारे करनाल ड़ी. टी.
पी. विभाग से सूचना मांगी गई तौ उसे देख बड़ी हैरानी हुई ड़ी. टी. पी.
विभाग ने कहा कि नूर-महल के सामने किसी कौ कालोनी काटने का लाइसेंस नहीं
दिया गया | इस के बाद आज भी नूर-महल के सामने कालोनियां काटने का धंधा
बादस्तूर पर जारी है |

No comments:

Post a Comment