130 करोड़ से ऊना या हमीरपुर में बनेगा आईआईटी
शिमला || प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर के आईआईटी के बाद अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है । केंद्र सरकार ने 130 करोड़ रुपए के आईआईआईटी संस्थान को मंजूरी दे दी है । प्रदेश सरकार को केंद्र की ओर से मांग पत्र (लेटर ऑफ इंडेंट) मिल चुका है । केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार तथा प्राइवेट पार्टनरों तीनों को इस संस्थान में क्रमश: 50:35:15 के अनुपात धन खर्च करना होगा । प्रदेश का पहला आईआईआईटी संस्थान नौ साल के अंतराल में बनकर तैयार होगा, जिसमें अनुपात के आधार पर केंद्र सरकार 65 करोड़, प्रदेश सरकार 46 करोड़ तथा प्राइवेट पार्टनरों को 19 करोड़ रुपए व्यय करने होंगे । पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलिल भंडारी ने प्रदेश सरकार को आईआईआईटी के निर्माण में विभिन्न उद्योगपतियों के सहयोग से 19 करोड़ के प्रबंध का आश्वासन भी दे दिया है । सरकार को दो माह में केंद्र को इस बारे में अंतिम जवाब देना है । प्रदेश सरकार ने सरकार के स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं लेकिन अभी तक संस्थान के निर्माण के लिए प्राइवेट पार्टनरों के नाम मिलने में ही अड़चन आ रही थी । प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर के आईआईआईटी संस्थान को खोलने के लिए ऊना प्रदेश सरकार की पसंदीदा जगहों में से एक बताई जा रही है । हमीरपुर भी आईआईआईटी की संभावित जगहों में से एक है । हालांकि अभी तक प्रदेश सरकार ने आईआईआईटी निर्माण के लिए जगह की आधिकारिक घोषणा नहीं की है । आईआईटी मंडी में हिमाचली छात्रों के लिए 25 फीसदी का आरक्षण है उसी तर्ज पर आईआईआईटी में भी स्थानीय छात्रों को तरजीह मिलेगी । हालांकि शैक्षणिक प्राथमिकताओं का खाका प्रदेश सरकार बाद में तय करेगी । शनिवार को पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स के एकेडमिक एक्सीलेंस इन मैनेजमेंट एंड टेक्निकल एजुकेशन इन हिमाचल प्रदेश ‘अ रोड टू इंप्लॉयबिलिटी’ नामक कार्यक्रम में इस बात का खुलासा हुआ । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने केंद्र सरकार से प्रदेश में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) के निर्माण की मांग की। वहीं पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से 19 करोड़ के आश्वासन से उत्साहित सचिव तकनीकी शिक्षा दलजीत सिंह डोगरा ने कहा कि केंद्र सरकार से प्राप्त मांग पत्र के अनुसार केंद्र और प्रदेश के हिस्सों के अलावा प्राइवेट पार्टनरों के नाम भी प्रस्ताव में दिए जाना अनिवार्य है । ऐसे में 19 करोड़ रुपए के आश्वासन मिलने से आईआईआईटी निर्माण की एक बड़ी बाधा का समाधान हो गया है ।
हर जिले में खोलेंगे निजी विवि
पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स के एकेडमिक एक्सीलेंस इन मैनेजमेंट एंड टेक्निकल एजुकेशन इन हिमाचल प्रदेश ‘अ रोड टू इंप्लॉयबिलिटी’ नामक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार हर जिले में निजी विश्वविद्यालय खोलने का प्रयास कर रही है और अब प्रदेश में अब कोई भी निजी विश्वविद्यालय कुल्लू, बिलासपुर और चंबा जिले में ही खुलेगा ताकि इन जिलों में उच्च शिक्षा समेत पर्यटन जैसे दूसरे उद्योगों को भी बढ़ावा मिल सके।
हर जिले में खोलेंगे निजी विवि
पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स के एकेडमिक एक्सीलेंस इन मैनेजमेंट एंड टेक्निकल एजुकेशन इन हिमाचल प्रदेश ‘अ रोड टू इंप्लॉयबिलिटी’ नामक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार हर जिले में निजी विश्वविद्यालय खोलने का प्रयास कर रही है और अब प्रदेश में अब कोई भी निजी विश्वविद्यालय कुल्लू, बिलासपुर और चंबा जिले में ही खुलेगा ताकि इन जिलों में उच्च शिक्षा समेत पर्यटन जैसे दूसरे उद्योगों को भी बढ़ावा मिल सके।
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