नई दिल्ली/चंडीगढ (अनिल लाम्बा) : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में स्वामी असीमानंद सहित 5 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है । पंचकूला की अदालत में 12 सौ पन्नों की इस चार्जशीट में कहा गया है कि हिंदू संगठनों ने ही समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट किया था । चार्जशीट में असीमानंद के अलावा सुनील जोशी , संदीप डांगे , रामजी कलसांगरा और अश्विनी चौहान का नाम है। एनआईए ने चार्जशीट में असीमानंद के करीबी और मामले के मुख्य गवाह भरत रातेश्वर के बयान को भी पेश किया है । असीमानंद इस वक्त अंबाला जेल में न्यायिक हिरासत में है । वहीं दिसंबर 2007 को जोशी की हत्या कर दी गई थी , जबकि तीन अन्य फरार हैं । एनआईए ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि असीमानंद गुजरात में अक्षरधाम मंदिर, जम्मू में रघुनाथ मंदिर और वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में हुए आतंकी हमलों से बेहद दुखी थे । वह सुनील जोशी और अन्य साथियों ने जब इन घटनाओं का जिक्र करते थे तो अपनी भावनाएं व्यक्त करते थे । कुछ समय बाद असीमानंद के मन में न सिर्फ जिहादी आतंकवादियों बल्कि पूरे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत का भाव भर गया । इसी वजह से असीमानंद ने 'बम का बदला बम' से लेने की ठानी । चार्जशीट के मुताबिक समझौता ट्रेन को खासकर इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि इसमें सफर करने वाले अधिकतर लोग पाकिस्तानी नागरिक हैं । असीमानंद ने समझौता एक्सप्रेस में धमाकों के लिए न सिर्फ धन और साजो-सामान मुहैया कराए बल्कि अपने साथियों को इस वारदात को अंजाम देने के लिए उकसाने में अहम भूमिका निभाई । समझौता ब्लास्ट मामले में आरोपी स्वामी असीमानंद ने इस घटना में अपना हाथ होने से हमेशा इनकार किया है । पिछले महीने असीमानंद ने इस आधार पर जमानत याचिका दायर की थी कि एनआईए 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दायर करने में असफल रही है । हालांकि दिल्ली की एक अदालत ने असीमानंद की याचिका खारिज कर दी है । 2007 में हरियाणा में पानीपत के दीवाना गांव के पास समझौता एक्सप्रेस में हुए बम धमाके में 68 लोग मारे गए थे । इनमें 43 पाकिस्तानी थी । 2010 में इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी । इसी के तहत पिछले साल दिसंबर में असीमानंद को गिरफ्तार किया गया था । असीमानंद अजमेर बम धमाके में भी आरोपी हैं । समझौता एक्सप्रेस दिल्ली से लाहौर के बीच चलती है ।
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