पंजाब-उतराखंड में आज मतदान
चंडीगढ़ (अनिल लाम्बा) : पंजाब और पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में विधानसभा के लिए कल होने वाले मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शांतिपूर्ण और सुचारू मतदान के लिए सुरक्षा एजेन्सियां भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हैं। पंजाब में कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच होने जा रहे विधानसभा चुनाव में 1.76 करोड़ मतदाता 117 सीटों पर खड़े 1078 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे जिनमें मुख्यमंत्री पद के दावेदार सत्तारूढ़ शिअद-भाजपा के प्रकाश सिंह बादल और विपक्षी कांग्रेस पार्टी के कैप्टन अमरेंद्र सिंह भी शामिल हैं। चुनाव कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि 19841 मतदान केंद्रों पर चुनाव को स्वतंत्र और शांतिपूर्ण ढंग से सुनिश्चित कराने के लिए पंजाब पुलिस के जवानों के अलावा केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों की करीब 200 कंपनियां तैनात की गई हैं। इन मतदान केंद्रों में पांच की पहचान ‘अतिसंवेदनशीलÓ और 32 की संवेदनशील के रूप में की गई है। सत्तारूढ़ शिअद-भाजपा गठबंधन, कांग्रेस और बसपा सभी 117 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि हाल ही में गठित पंजाब पीपुल्स पार्टी 92 सीटों पर और पूर्व आईपीएस अधिकारी सिमरनजीत सिंह मान की अध्यक्षता वाला शिअद (अमृतसर) 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। चुनाव मैदान में कुल 1078 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं जिनमें 93 महिलाएं हैं। राज्य में कांग्रेस, अकाली दल-भाजपा गठबंधन, बहुजन समाज पार्टी, पीपल्स पार्टी आफ पंजाब के नेतृत्व वाले साझा मोचा, अकाली दल(अमृतसर)और कुछ सीटों पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन मुख्य मुकाबला अकाली दल-भाजपा गठबंधन तथा कांग्रेस के बीच है। हालांकि कुछ सीटों पर सांझा मोर्चा भी टक्कर देने की स्थिति में है। कुछ सीटों पर अकाली दल तथा कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के चुनाव में उतरने से समीकरण बदलने की संभावना है। हालांकि चुनाव प्रचार कल शाम ही थम गया था लेकिन अंतिम समय में भी नेता घर- घर जाकर मतदाताओं को रिझाने और अपने पक्ष में करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सभी दलों ने चुनाव जीतने के लिये अपनी सारी ताकत झोंक दी। हालांकि पिछले बार की तरह न झंडी, होर्डिंग, काफिल, बैनर शोर शराबा। चुनाव आयोग के सख्त रवैये के चलते काफी हद तक चुनाव में अनाप शनाप खर्च,शराब,नशा,पैसा पर काबू पाया जा सका। मतदान प्रात: आठ बजे इलेक्ट्रॉनिक वोङ्क्षटग मशीनों पर शुरू होगा तथा सायं पांच बजे तक चलेगा। मतगणना छह मार्च को प्रात: आठ बजे शुरू होगी तथा दोपहर तक परिणाम आ जाने की सम्भावना है। गौरतलब है कि पिछले चुनावों के दौरान डेरा सच्चा सौदा की अहम भूमिका के कारण मालवा क्षेत्र से अकाली दल का सफाया हो गया था। इस बार डेरा के कल के फैसले के अनुसार साफ छवि, ईमानदार और नशे का विरोध करने वाले प्रत्याशियों के समर्थन में फैसला दिया है तथा यह भी कहा गया है कि संगत अपने विवेक से उम्मीदवारों को वोट देगी। इस बीच, पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में भी तीसरी विधानसभा के गठन के लिए कल होने वाले मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कल चुनाव प्रचार समाप्त हो जाने के बाद सभी दलों के प्रत्याशी घर घर जाकर प्रचार में जुटे हुए हैं ताकि अंतिम क्षणों में जहां तक हो सके अपने लिए कुछ समर्थन जुटा लें। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने बताया कि राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 63 लाख 78 हजार 292 है जिसमें 32 लाख 84 हजार 345 पुरुष और 29 लाख 93 हजार 610 महिला मतदाता हैं। इनके अतिरिक्त सेना सहित विभिन्न बलों में कार्यरत एक लाख 337 सुरक्षा बलों से जुड़े मतदाता भी पंजीकृत हैं। राज्य में 788 उम्मीदवार इस चुनाव में अपने भाग्य आजमा रहे हैं। राष्ट्रीय दलों में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। इसके अतिरिक्त अन्य पार्टियों तथा निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 578 है। राज्य में इस बार राष्ट्रीय दलों में कांग्रेस ने आठ महिलाओं को अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं भाजपा ने छह महिलाओं को ही विधान सभा में भेजने के लिए चुना है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने मात्र तीन महिलाओं को टिकट दिया है। राष्ट्रीय दलों में 25 वर्ष से लेकर 45 वर्ष के बीच के उम्मीदवारों में बसपा की ओर से सबसे अधिक 33 युवा अपना भाग्य आजमा रहे हैं जबकि भाजपा में इनकी संख्या 28 है और कांग्रेस में इस श्रेणी के 21 उम्मीदवार हैं। अन्य उम्मीदवार में 45 वर्ष से 75 वर्ष की उम्र के बीच के हैं। युवा और बुजुर्ग श्रेणी में आने वाले इन सभी उम्मीदवारों ने विधानसभा में प्रवेश के लिए इस बार कड़ाके की ठंड के बावजूद एड़ी चोटी का पसीना एक कर दिया है। रतूड़ी ने बताया कि मतदान से सम्बंधित सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। राज्य में कुल 9744 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं जिसमें 1794 को संवेदनशील तथा 1252 को अति संवेदनशील घोषित कर वहां सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं।
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