18 फरवरी को सी.बी.एस.ई व हरियाणा बोर्ड के स्कूल धारा 134-ए के उपबंद्धों के विरोध में रहेंगे बंद
करनाल (अनिल लाम्बा) : शिक्षा नियमावली के उप नियम 134-ए एवं आई.टी.ई. एक्ट के कुछ प्रावधानों को लेकर सी.बी.एस.ई. व हरियाणा बोर्ड से सम्बद्ध निजी स्कूल संचालक हरियाणा शिक्षा विभाग के विरूद्ध आंदोलन को मजबूर हुए प्रतीत होते हैं, क्योंकि हरियाणा ही देश का एकमात्र प्रदेश है जहां गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में आरक्षण के लिए दो-दो नियम एक साथ लागू किए जा रहे हैं। एक ओर जहां नियम 134-ए में भी गरीब एवं मेधावी बच्चों के आरक्षण की बात है तो दूसरी ओर आर.टी.ई. एक्ट में भी आरक्षण का प्रावधान गरीब बच्चों के लिए ही किया गया है। इन दोनों नियमों में 25-25 प्रतिशत आरक्षण की बात कही गई है। स्कूल संचालकों का कहना है कि जब आर.टी.ई. एक्ट को केंद्रीय अधिनियम के अंतर्गत मौलिक अधिकार के रूप में लागू कर दिया गया है तो नियम 134-ए को केवल हरियाणा में लागू किए जाने का क्या औचित्य है। नियम 134-ए के तहत यदि स्कूल 25 प्रतिशत गरीब बच्चों की फीस माफ करता है तो उसकी भरपाई सरकार द्वारा नहीं की जाएगी बल्कि शेष 75 प्रतिशत बच्चों के अभिभावक उस बोझ को उठाएंगे तथा इन्हीं प्रावधानों के विरूद्ध निजी स्कूल संचालक आंदोलन को मजबूर हुए हैं। सी.बी.एस.ई. एवं राज्य बोर्ड दोनों से संबंधित स्कूल ऐसे प्रावधानों के विरूद्ध हैं और सरकार को कड़ा संदेश देने के लिए एक-एक दिन का जिलावार बंद रखा गया है। 18 फरवरी को जिला करनाल के सभी स्कूल इसी कड़ी में विरोध स्वरूप बंद रहेंगे। आज सी.बी.एस.ई. एवं राज्य बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के संगठनों ने एक संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन करके जनता एवं सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का कार्य किया है। स्कूल संचालकों का कहना है कि गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी एवं जवाबदेही बनती है, क्योंकि सरकार के पास अरबों रुपए का शिक्षा बजट होता है। सरकार अपनी जिम्मेदारी निजी स्कूलों पर थोपना चाहती है और इसका खामियाजा 75 प्रतिशत सामान्य श्रेणी के बच्चों के अभिभावकों के सिर डाला जाना सरासर गलत एवं भेदभावपूर्ण हैं। 25 प्रतिशत गरीब बच्चों की फीस का बोझ यदि सरकार वहन करे तो निजी स्कूलों को कोई आपत्ति नहीं, परंतु 25 प्रतिशत को लाभ पहुंचाने के लिए 75 प्रतिशत अभिभावकों पर बोझ डालना क्या सरकार की त्रुटिपूर्ण नीति नहीं है। प्रेस कांफ्रेंस को फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल हरियाणा के प्रधान कुलभूषण शर्मा एवं राज्य महासचिव सुशील शर्मा के अलावा सी.बी.एस.ई. स्कूलों की संस्था सहोदय स्कूल काम्पलेक्स की ओर से कुलजिंद्र मोहन सिंह बाठ, राजन लांबा, जे.एस. गुलाटी एवं नवजोत सिंह वड़ैच, मेजर आर.एस. भिन्डर एवं राज्य बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के प्रतिनिधि गोपी शर्मा, संजय पठानिया, रवि शर्मा, के.एस. लाठर, धर्मवीर काजल, सुरजीत सिंह सुभरी, जसमेर सैणी, लाभ सिंह, डी.के. शर्मा एवं मदन मोहन ने अपने विचार रखे तथा सांसद करनाल अरविंद शर्मा को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी व मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल हेतु ज्ञापन दिया गया, जिसमें सांसद महोदय ने स्कूलों की आवाज को केंद्र सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। उल्लेखनीय है कि 18 फरवरी को करनाल जिला के सभी सी.बी.एस.ई व हरियाणा बोर्ड के स्कूल धारा 134-ए के उपबंद्धों के विरोध में पूर्ण बंद रखकर अपना विरोध हरियाणा सरकार के समक्ष रखेंगे तथा विधायक करनाल श्रीमती सुमिता सिंह व उपायुक्त करनाल श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी को राज्यपाल, मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री हरियाणा के नाम ज्ञापन प्रस्तुत करेंगे। 
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