Monday, February 13, 2012

कविता


                  कविता 

तेरे प्यार में खागड गैल टकराके दिखा दयूं मैं
जिस गली में ज्यादा कुते हो जाके दिखा दयूं मैं

जो भी कीमत मांगेगी. एक मिनट में दे दयूंगा
नही किसे न कहवे तो गोबर खाके दिखा दयूं मैं
थोडा बहुत मैं जैंटलमैन सूँ, निरा मोलड कोन्या
कहवे तो घर त कोट पैंट नया ल्याके दिखा दयूं मैं

झूठमूठ का कोन्या थारा, असली रिश्तेदार सूँ
कर ब्याह तेरे भाई प जीजा कुहाके दिखा दयूं मैं
खाण-पीण की शर्त इश्क में ना लावे तू श्याणी
आधा किलो हरी मिर्च भी खाके दिखा दयूं मैं

सिवा रागनी के यारां न नही आवे स कुछ भी
पर तेरे खातर तुना तुना गाके दिखा दयूं मैं
कर बेचैन महोब्बत में विश्वास मेरी बातां का
भुन्ड़े त भुन्ड़े जोहड़ में नहाके दिखा दयूं मैं
                                                
                             (वी.एम्. बेचैन)

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