उपायुक्त ने किया राजकीय स्कूलों का औचक निरीक्षण किया,साथ ही चीनी व तेल के वितरण का हिसाब-किताब मांगा
इन्द्री/करनाल 14 फरवरी, (अनिल लाम्बा) : उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने आज प्रात: इन्द्री टाऊन में जाकर राजकीय स्कूलों का औचक निरीक्षण किया तथा यहां तालीम हासिल कर रहे बच्चों से संवाद कर विभिन्न विषयों संबंधी सवालों के जवाब पूछे। हाई स्कूल में बिना टाट पटटी के प्लेन जमीन पर बैठकर पढ़ रहे बच्चों को देखकर उपायुक्त ने अध्यापकों से कहा कि सरकार की ओर से स्कूलों में मुहैया करवाई जा रही सुविधाएं बच्चों को मिलनी चाहिए। कमरों में लाईट की पर्याप्त व्यवस्था न होने से उपायुक्त ने क्षुब्ध होकर अध्यापकों को नसीहत दी, बच्चों को आगे बढऩे के लिए सुविधाएं ही नही मिलेंगी तो वे पब्लिक स्कूलों के विद्यार्थियों को कैसे कम्पीट करेंगे च्च् उन्होंने अध्यापकों से कहा कि स्कूल में बच्चों का पाठयक्रम पूरा करवाना ही काफी नहीं है, बल्कि उन्हें हाथ धोने, नहाने, साफ कपड़े पहनने तथा नैतिक बातों की भी जानकारी दें, ताकि पढ़-लिखकर वे सभ्य नागरिक बन सके और प्रतिस्पर्धा के इस युग में आगे बढ़ सके। इसी विद्यालय में सतत व्यापक मूल्यांकन के तहत चल रहे सेमिनार में भी उपायुक्त अध्यापकों से रू-ब-रू हुई और चलते चलते मिड-डे-मील रसोई में जाकर वहां तैयार भोजन को चखकर देखा। खाना अच्छा बना था, सो उपायुक्त तारीफ किए बिना नहीं रह सकी। इसके पश्चात प्राईमरी स्कूल में जाकर उन्होंने वहां के नैसर्गिक वातावरण को देखकर अध्यापकों विशेषकर महेन्द्र कुमार व अरूण कहरबा की सराहना की। इन अध्यापकों ने उपायुक्त को बताया कि स्कूल में टपरी मौहल्ले के गरीब जाति के बच्चे पढऩे आते हैं, जिनके पास घरों में शौचालय तक मुहैया नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से किसी स्कीम के तहत यहां सामुदायिक शौचालय बनवाया जा सकता है। औचक निरीक्षण के दौरान ही इन्द्री स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उपायुक्त की भेंट यहां के प्रभारी डाक्टर एच.एस. सैनी से हुई। डाक्टर सैनी ने उपायुक्त को स्वास्थ्य केन्द्र के महिला एवं पुरूषों के वार्ड, लेबर रूम, आपरेशन थियेटर, दंत चिकित्सक कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, दवाई वितरण केन्द्र तथा ओ.पी.डी. का मुआयना करवाया। प्रभारी डाक्टर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डाक्टरों व सफाई कर्मियों की कमी बताया। उपायुक्त ने बताया कि सरकार की ओर से डाक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया की जा रही है। भविष्य में अस्पतालों में डाक्टरों की कमी नहीं रहेगी। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सामने अस्थाई सब्जीमंडी में आने वाले ग्राहकों द्वारा अस्पताल के शौचालयों के प्रयोग की दिक्कत को उपायुक्त के ध्यान में लाया गया। उपायुक्त ने कहा कि इस जगह पर भी शौचालय बनवा दिया जायेगा। हालांकि उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पाई गई सफाई के लिए डाक्टर की सराहना की। इसके पश्चात उपायुक्त ने इन्द्री के साथ लगते गांव खेड़ा की ओर अपना रूख किया। गांव में पहुंचते ही उन्होंने राशन डिपो को चैक किया। डिपो का शटर बन्द था अत: घर से डिपो होल्डर को बुलाया गया। डिपो में रखी गेहूं चीनी व तेल के वितरण का हिसाब-किताब मांगा गया। इन्द्राज व वितरण रजिस्टरों को चैक किया गया। मिटटी के तेल को स्टॉक में निल दिखाया गया था, जबकि मौके पर 630 लिटर मिटटी का तेल पाया गया। चीनी भी दो महीने से नहीं बांटी गई थी। कुछ उपभोक्ताओं के राशनकार्ड भी मंगवाकर चैक किए गए। कार्डो में वितरण की एन्ट्री सही नहीं पाई गई। अनियिमितताओं के लिए डिपो होल्डर से पूछने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उपायुक्त ने निरीक्षण में साथ चल रहे जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक को निर्देश दिए कि वे इस डिपो को कैंसल करें तथा इसे किसी और को दे दें। खेड़ा गांव से निकलकर धानो खेड़ी गांव में मनरेगा के तहत गांव के मजदूर जोहड़ की खुदाई करते पाए गए। उन्होंने मजदूरों से बात की और वहां हो रहे कार्य का जायजा लिया। मजदूरों ने बताया कि उन्हें काम की मजदूरी को लेकर कोई शिकायत नहीं है। समय पर मजदूरी मिल जाती है। एक मजदूर का कहना था कि मनरेगा सरकार की अच्छी स्कीम है, कम से कम साहूकार के यहां काम करने से तो अच्छा है। बता दें कि इस गांव में गंदे पानी के ओवरफ्लो से अपने स्वरूप को खो चुके तालाब की सफाई व खुदाई करवाई जा रही थी। अतिरिक्त खंड कार्यक्रम समन्वयक विक्रम कुमार ने बताया कि तालाब की खुदाई तीन स्तर पर की जायेगी। पहले 10 फुट, उसके बाद 5-5 फुट तक खुदाई करके इसके तीन हिस्से बनाएं जायेंगे। पहले हिस्से में गंदा पानी इक्टठा होगा। उसमें केमिकल डालकर उसे साफ करके 5-5 फुट गहरे तालाबों में इक्टठा किया जायेगा ताकि ऐसे पानी से गांव में बीमारियां न फैले और खेतों में भी उसका प्रयोग किया जा सके। इसी गांव में उपायुक्त ने 100-100 गज के प्लाटों को देखा। एक प्लाट पर इंदिरा आवास योजना के तहत मकान भी बना हुआ था। उन्होंने इन प्लाटों के साथ एक अन्य तालाब की रिटेनिंग वाल का भी निरीक्षण किया। प्लाटों को देखकर उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि जिन लोगों को प्लाट दिए गए हैं, वे अभी कहां रह रहे हैं, जवाब मिला कि वे गांव में अपने मकानों में है। इस पर उपायुक्त की प्रतिक्रिया थी कि जब उनके पास मकान है तो फिर प्लाट क्यों दिए गए १ उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे प्लाटधारकों की वेरीफिकेशन की जाए। निरीक्षण से वापिस लोटते हुए उन्होंने इन्द्री करनाल मार्ग पर स्थित समोरा गांव में भी मनरेगा के तहत खोदे जा रहे तालाब को देखा, यहां भी मजदूर कार्य में व्यस्त थे। इस तालाब की प्रगति की जानकारी उन्होंने बीडीपीओ इन्द्री दिलबाग सिंह हुडडा से ली और संतोष व्यक्त किया। निरीक्षण दौरे में उपायुक्त के साथ नगराधीश सुशील कुमार, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी सी.एस.दलाल तथा डीआरडीए की सहायक परियोजना अधिकारी अमिता रानी भी थी।
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