
माता प्रकाश कौर श्रवण एवं वाणी केंद्र में आज से कान, नाक व गला(इ.एन.टी) की ओ.पी.डी शुरू
करनाल (अनिल लाम्बा) : स्थानीय माता प्रकाश कौर श्रवण एवं वाणी विकलांग कल्याण केंद्र में आज से कान, नाक व गला(इ.एन.टी) की ओ.पी.डी शुरू हो गई है। उपायुक्त नीलम पी. कासनी ने रिबन काटकर विधिवत रूप से इस सेवा का शुभारम्भ किया। इस मौके पर सिविल सर्जन डाक्टर शिवकु मार तथा सामान्य हस्पताल के इ.एन.टी स्पैशलिस्ट डाक्टर जयवर्धन भी उपस्थित थे। प्रत्येक शानिवार को दोपहर 12 बजे से लेकर 2 बजे तक डाक्टर जयवर्धन उपरोक्त केंद्र में बैठ कर यहां रह रहे बच्चों तथा सामान्य इ.एन.टी के मरीजों की ओ.पी.डी किया करेंगे। बतौर उपायुक्त श्रवण एवं वाणी विकलांग कल्याण केंद्र में इ.एन.टी की ओ.पी.डी की सुविधा से यहां के मूक एवं बधिर बच्चों के कानों की जांच आधुनिक मशीन द्वारा की जायेगी तथा हकलाहट व तुतलाहट का ईलाज भी स्पीच थे्रपी द्वारा किया जायेगा। जिन बच्चों को कानों से बहुत ही कम सुनता है। उनके लिए यह सेवा एक वरदान सिद्ध हो सकती है। उन्होंने बताया कि आम स्कूलों में जो बच्चे कम सुनने की बीमारी से ग्रस्त हैं, या जिन्हें बोलने में हकलाहट या तुतलाहट की समस्या है, उनका भविष्य में सर्वेक्षण करवाकर उनका इलाज भी यहां किया जायेगा, ताकि उनमें हीन भावना खत्म हो सके। इ.एन.टी विशेषज्ञ डाक्टर जयवर्धन ने बताया कि श्रवण दोष बच्चों व बडों किसी में भी हो सकता है। जरूरत है, विशेषज्ञ से इस दोष की जांच करवाकर उसका सही इलाज करवाना, अन्यथा यह बीमारी लम्बे समय तक रहने से कान के परदे पर विपरीत प्रभाव डाल देती है। डाक्टर जयवर्धन ने बताया कि बदलते मौसम में वायरल से गला खराब हो जाता है। ऐसी स्तिथी मे भी कान के परदे पर सूजन आ जाती है। यदि सही समय पर इसका इलाज न किया जाये तो कान के परदे के पीछे नजले का पानी इक्कठा हो जाता है, जो श्रवण दोष का कारण बन जाता है। उन्होंने कहा कि आंख, नाक व गला महत्वपूर्ण अंग है। इनके लिए सावधानी व संभाल जरूरी है। माता प्रकाश कौर वाणी एवं विकलांग केंद्र में ओ.पी.डी सुविधा शुरू हो जाने के संदर्भ में डाक्टर जयवर्धन ने बताया कि बधिर बच्चों में न सुनने की बीमारी की आडीयोमिट्री करने से श्रवण मे कितना दोष है, यह पता चल जाता है। इसके बाद उसका ईलाज करने से कुछ ना कुछ सुनाई देना संभव हो जाता है। उन्होंने बताया कि श्रवण दोष, कान के भीतर स्थित नसों के खराब होने तथा रूकावट के कारण होता है । ज्यादातर रोगी रूकावट से प्रभावित होते है। इस पर ध्यान देने से इसका इलाज संभव हो जाता है। उन्होंने बताया कि न सुनना बीमारी तो है लेकिन असमान्य स्थिती नही है। इस अवसर पर उपायुक्त ने श्रवण एवं वाणी विकलांग केंद्र के बच्चों को फल वितरित किये। मूक एवं बधिर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में सरस्वती वंदना, पंजाबी लोक नृत्य तथा सर्व धर्म एकता पर नाटक प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए वाह-वाही लूटी।
इस कार्यक्रम में माता प्रकाश कौर श्रवण एवं वाणी विकलांग केंद्र के सहायक निदेशक जे.पी. गौड़, अध्यापिका अनिता वर्मा, नीलम बत्तरा, निशा सक्सेना, अनिता तथा अन्य अध्यापक भी उपस्थित थे।
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