कृषि बीमा योजना के विरोध में किसानों का प्रदर्शन
करनाल,13 फरवरी (अनिल लाम्बा)। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के विरोध में किसानों ने आज प्रदर्शन किया और विधायक सुमिता सिंह के आवास के सामने पंचायत की। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रतनमान की अगुवाई में आयोजित इस पंचायत से पहले रोड धर्मशाला में बैठक कर विचार-विमर्श किया गया और आगामी रणनीति बनाई गई। इस मौके पर रोहतक मंडल के अध्यक्ष प्रेम चंद शाहपुर और अंबाला मंडल के अध्यक्ष जियालाल मुख्य रूप से मौजूद रहे। किसान रोड धर्मशाला में इकट्ठे हुए और जलूस के रूप में न्यायपुरी में विधायक सुमिता सिंह के निवास के सामने पहुंचे। किसान नेता रतनमान ने कहा कि विधायक निवास पर किसी ने किसानों की नहीं सुनी और किसान वहीं बैठ गए। किसान पंचायत ने इसे किसानों का अपमान करार दिया और चुनाव में उन्हें सबक सिखाने का ऐलान किया। मान ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन कृषि बीमा योजना का विरोध कर रही है। उन्होंने गताया कि सितंबर 2011 में जिले के सभी विधायकों को ज्ञापन सौंपे गए थे और विधानसभा में मुद्दा उठाने और योजना रद्द करने या संसोधित करने की मांग की गई थी, लेकिन किसी भी विधायक ने किसानों का पक्ष नहीं किया। इसके बाद 7 फरवरी को निर्णय किया था कि सभी विधायकों के घर के आगे किसान पंचायत बैठेगी। आठ तारीख को सफीदों के विधायक और करनाल इनेलो प्रभारी इनेलो की तरफ से जुंडला पहुंचे और भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों से बात की। उन्होंने वायदा किया कि बजट सत्र में इस मुद्दे को इनेलो उठाएगी, इसलिए फैसला किया गया कि इनेलो विधायकों के घर के आगे किसान पंचायत नहीं बैठेगी।
प्रेम चंद शाहपुर और जियालाल ने कहा कि यह योजना प्रदेश के दो जिलों कैथल और करनाल में लागू है और धान की फसल के लिए बीमा राशि के लिए किस्त करीब 400 रुपए प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि बीमा पाने की शर्तें कोई किसान पूरी नहीं कर सकता, इसलिए किसी भी किसान को बीमा मिल ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि यह योजना पूरी तरह से बीमा कंपनी के हित में है और किसानों को लूटने की साजिश है। इसके विरोध में किसानों ने बैंकों को ताला लगाए थे व विरोध किया गया था। इसपर सहकारी बैंकों ने बीमा राशि वसूल नहीं की और वाणिज्यिक बैंकों ने किसानों की लिमिट से जबरन पैसे काट लिए। उन्होंने कहा कि जब तक रुपए वापस नहीं होंगे, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। इस अवसर पर करनाल जिला पूर्व महासचिव श्याम सिंह मान, कैथल जिला महासचिव रणदीप आर्य, पूंडरी के प्रधान श्रीराम मोहणा, रिसाल सिंह, बाबूराम बड़थल, सुल्तान सिंह, मास्टर भरत सिंह, पवन बांबरहड़ी, जोगिंद्र सिंह झिंडा, सतबीर सिंह, राम सिंह, बनारसी, भीम सिंह नरूखेड़ी, रणधीर बुढऩपुर, कैदार सिंह, अजीत सिंह काहलो, बीर सिंह जाणी, सुरेश पिचौलिया, बाबूराम डाबरथला मौजूद रहे।
प्रेम चंद शाहपुर और जियालाल ने कहा कि यह योजना प्रदेश के दो जिलों कैथल और करनाल में लागू है और धान की फसल के लिए बीमा राशि के लिए किस्त करीब 400 रुपए प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि बीमा पाने की शर्तें कोई किसान पूरी नहीं कर सकता, इसलिए किसी भी किसान को बीमा मिल ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि यह योजना पूरी तरह से बीमा कंपनी के हित में है और किसानों को लूटने की साजिश है। इसके विरोध में किसानों ने बैंकों को ताला लगाए थे व विरोध किया गया था। इसपर सहकारी बैंकों ने बीमा राशि वसूल नहीं की और वाणिज्यिक बैंकों ने किसानों की लिमिट से जबरन पैसे काट लिए। उन्होंने कहा कि जब तक रुपए वापस नहीं होंगे, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। इस अवसर पर करनाल जिला पूर्व महासचिव श्याम सिंह मान, कैथल जिला महासचिव रणदीप आर्य, पूंडरी के प्रधान श्रीराम मोहणा, रिसाल सिंह, बाबूराम बड़थल, सुल्तान सिंह, मास्टर भरत सिंह, पवन बांबरहड़ी, जोगिंद्र सिंह झिंडा, सतबीर सिंह, राम सिंह, बनारसी, भीम सिंह नरूखेड़ी, रणधीर बुढऩपुर, कैदार सिंह, अजीत सिंह काहलो, बीर सिंह जाणी, सुरेश पिचौलिया, बाबूराम डाबरथला मौजूद रहे।
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