करनाल, (इंडिया विसन) : देश में सबसे अधिक महंगी बिजली होने के बाद भी हरियाणा बिजली प्रसारण निगम तथा वितरण निगम प्रदेश को भरपूर बिजली देने में विफल साबित हो रहा है। प्रदेश सरकार की 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने का भरोसा लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। इनैलों सरकार ने जहां वायदा करते हुए 5 साल निकाल दिए वहंी पर मौजूदा सरकार भी 7 साल बीतने के बाद भी प्रदेश को 24 घंटे बिजली देने का वायदा पूरा नही कर पाई। प्रदेश में हर साल 20 प्रतिशत बिजली की खपत बढ़ रही है जबकि उत्पादन 5 प्रतिशत नही बढ़ रहा। प्रदेश में अभी भी 4 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी नही हो पा रहा। कमजोर प्रबंधन तथा बिगड़ती आर्थिक स्थिति के फेयर में बिजली वितरण निगम लगातार व्यवस्था और आर्थिक तौर पर दिवालिया होता जा रहा है। प्रदेश में नए बिजली घर तो लगे, लेकिन डिमांड के अनुरूप बिजली पैदा नही कर पाए। यमुनानगर की पन बिजली ईकाईयां पानी न होने के कारण बंद पड़ी हुई है। इसके अलावा पानीपत की थर्मल पावर यूनिट तथा यमुनानगर की थर्मल पावर यूनिटों के साथ-साथ फरीदाबाद और खेदड़ की यूनिटें भी पूरी गति से काम नही कर पा रही। प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों से बिजली लेकर अपना काम चला रही है। इन सब के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। करनाल में ही इन दिनों बिजली की खपत 50 लाख यूनिट से अधिक पहुंच चुका है। जबकि बिजली की सप्लाई काफी कम है। इस सब की वजह से लंबे बिजली के कट लग रहे है। इसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है।
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क्या कहते है उद्योगपति
करनाल : हरियाणा चैम्बर्स आफ कार्मस के प्रदेश सचिव अमित गुप्ता ने बताया कि बिजली संकट लगातार उद्योगपतियों पर भी भारी पड़ रहा है। जिसके कारण उद्योगों की लागत बढ़ रही है। यदि देखा जाए तो उद्योगिक ईकाईयों में 5 से 10 लाख रूपए का डीजल प्रतिदिन बिजली संकट की वजह से फुक रहा है। आल इंडिया राईस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान विजय सेतिया ने बताया कि प्रदेश में राईस एक्सपोर्ट, राईस मिल्र्स इन सब की वजह से परेशान है। लोगों की परेशानी लगातार बढ़ रही है। हरियाणा होटल रैस्टोरैंट एसोसिएशन के प्रधान मनवीर चौधरी ने बताया कि बिजली संकट उनके होटलों पर भी भारी पड़ रहा है। इसकी वजह से डीजल का खर्च बढ़ा है। करनाल पिं्रटर एसोसिएशन के संरक्षक चंद्र गुप्त ढींगड़ा ने बताया कि बिजली संकट की वजह से लघु उद्योगों के समक्ष परेशानियां बढ़ रही है।
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क्या कहते है राजनेता
करनाल : बिजली संकट को लेकर सरकार को घेरते हुए राजनेता सरकार से खासे नाराज है। इनैलों के वरिष्ठ नेता सतीश पोसवाल ने बताया कि बिजली संकट से गांवों के लोग भी प्रभावित हो रहे है। उन्होंने बताया कि बिजली संकट जिस तरह से किसानों पर भारी पड़ रहा है। उससे सरकार की विफलता सामने आती है। भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी नेता चंद्र प्रकाश कथूरिया ने बताया कि प्रदेश में बिजली वितरण निगम देश में सबसे ज्यादा बिजली की कीमत ले रहा है। उसके बाद भी पर्याप्त बिजली नही मिल पा रही। उन्होनें बताया कि बिजली संकट जिस तरह से बढ़ा है उसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेवार है। उन्होनें कहा कि भाजपा शासित राज्यों में एक मिनट के लिए भी बिजली नही जाती। भाजपा के मीडिया सह प्रभारी जगमोहन आंनन्द ने बताया कि बिजली संकट सभी पर भारी पड़ रहा है। प्रदेश सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
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क्या कहते है आम आदमी
करनाल : बिजली संकट से वह आम आदमी जूझ रहा है जिसके पास न तो जरनेटर है और न ही इनवर्टर। आम आदमी का दुख यह हे कि जब भी बच्चे पढऩे के लिए बैठते है तो बिजली चली जाती है। बिजली जाते ही लोग छतों और सड़कों पर चहल कदमी करने लगते है। प्रेम नगर मे रहने वाले जितेंद्र राणा ने बताया कि बिजली संकट के कारण अंधेरे में रहना पड़ता है। रात को एक तरफ तो मच्छर काटते है तो दूसरी तरफ बिजली भी नही होती। रात भर छत पर चलते रहते है। बैंक कालोनी के पवन कुमार ने बताया कि बिजली संकट की वजह से बच्चों की पढ़ाई भी नही हो पाती। सुबह बिना नहाए ओफिस जाना पड़ता है। आखिरकार क्या किया जाए। महेश शर्मा ने बताया कि अब तो इनवर्टर भी जवाब देने लगे है। तरावड़ी के पवन मुंजाल ने बताया कि गांव में बिजली न होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होनें बताया कि यहां पर लाईट जाने के बाद आने का नाम ही नही लेती। ग्रामीणों को लाईट के लिए काफी घंटों गर्मी में रहना पड़ता है।
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