मुरथल कुछ सवाल पूछ रहा है।
बिना जांच, बिना शिकायत, बिना पीड़ित, बिना गवाह-सुबूत....सब तय कर लिया देश ने??
सड़क के किनारे या झाड़ियों के आसपास कपड़े या कोई और चीजें दिल्ली में भी मिल जाएंगी। मैंने खुद देखी हैं बेहद आपत्तिजनक चीजें पॉश इलाकों की सड़कों के किनारे। क्या इसका मतलब वहां सब जगह रेप हुए हैं? और ये भी तय हो गया कि वे आंदोलनकारी ही थे, एक ही जाति के थे?
जीटी रोड की ही झाड़ियों को छान लीजिए, 20-30 जगह मिल जाएंगी ये सब चीजें। दिल्ली में तो पचासों जगह।
मैं दावा नहीं करता कि ये सब झूठ है। साजिश भी हो सकती है, घटना के रूप में, खबर के रूप में। अगर ऐसा हुआ है तो दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी ही चाहिए। लेकिन अगर ये अफवाह है तो उन्हें माफी कैसे मिलेगी जो इस आधार पर राज्य और एक जाति को बदनाम कर रहे हैं? दिल से सोचिए एक बार कि अगर सवालों में आपके गांव-जाति के लोग हों तो भी क्या इतनी जल्दी ही निष्कर्ष निकालेंगे आप?
मीडिया और अखबारों का हाल अंदर तक का जानता हूं मैं। आपको एक अखबार पर भरोसा है, किसी भी एजेंसी पर नहीं। बाकी सब अखबारों और चैनलों की रिपोर्ट ट्रिब्यून की उसी खबर के आधार पर है। अखबार में जिनके हवाले से खबर छपी थी, वे सभी लिखित में दे चुके हैं कि बलात्कार की बात उन्होंने नहीं कही।
एक बात और, हरियाणा के ही गोपाल कांडा पर बलात्कार और आत्महत्या का केस है, विनोद शर्मा के बेटे को हत्या करने पर सजा हुई है। डीजीपी एसपीएस राठौड़ ने बच्ची को छेड़ा था। क्या इस पर मैं ये कहने लगूं कि सारे बनिये और राजपूत दुराचारी होते हैं और ब्राह्मण हत्यारे?? कभी नहीं कहूंगा। हो भी नहीं सकता ऐसा।
मुरथल मामले में सच्चाई मिली तो भी गुनेहगार वे 20-30 लोग ही होंगे। ना कि पूरा हरियाणा, ना ही उनकी पूरी जाति।
दिल सच में बहुत दुखी है, प्लीज बिना सोचे समझे कुछ भी लिखकर या शेयर करके ज़हर ना घोलें। कोई और करे तो उसे टोकें, मैं करूं तो मुझे भी।
http://lamba2010-anil.blogspot.in/
Saturday, February 27, 2016
मुरथल.....😢😢😢😢😢.......😢😢😢😢........😢😢😢😢😢?
Tuesday, February 23, 2016
Saturday, February 6, 2016
करनाल अब तक
अब गाय और भैंस करेंगी रैम्प पर करेंगी केटवाक
गाय और भैंसों की होंगी सौंदर्य प्रतियोगिता
करनाल,6 फरवरी (लाम्बा/जैन):अब देसी गाय और देसी भैंंस भी सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भग लेंगी। इसके रहते भैंस और गाय भी रैम्प पर केट वाक करती नजर आएंगी। प्रदेश सरकार देसी गाय और भैंस की किस्मों को बढ़ावा देने के लिए उनकी मार्कींटंग करेगी। यह जानकारी प्रदेशके कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने दी। उन्होंने बताया कि फरवरी के अंतिम दिनों में देसी गायों की किस्मों की सौंदर्य प्रतियोगिता रोहतक में होगी। इसके अलावा भैंसो के लिए इस तर की प्रतियोगिता अक्तूबर में आयोजित की जाएगी। देसी गाय की किस्मों की बेहतर किस्मों की गाय तथा भैंसों की बेहतर किस्म को प्रोत्साहित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ गाय और सर्वश्रेष्ठ भैंस प्रतियोगिताएं होंगी। आने वाले समय में देसी किस्मों की गाय और भैंसों की मार्कींटंग के लिए इनकी व्यूटी प्रतियोगिताएं होंगी। उन्होंने बताया कि सरकार दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने क ेलिए छहकरोड़ रुपए के पुरस्कार देते ळैं। सरकार चाहती हैंकि आने वाले दिनों में प्रदेश में दूध का उत्पादन अढाई करोड़ लीटर प्रति दिन हो। उन्होंने कहा कि एनडीआरआई के सभी चौकों का नाम देसी दुधरू पशुओं के नाम पर रखे जाने चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि गाय और भैंसों के पालन के लिए सकार इंटनेशिव दे रही हैंं।
अब मादा पशुओं की प्रिग्नैंसी का पता लगाने के लिए विकसित होगी खास किट
करनाल, 6 फरवरी (लाम्बा/जैन): एन.डी.आर.आई के डायरेक्टर डा. ए.के श्रीवास्तव ने कहा कि एन.डी.आर.आई में पशुओं में गर्भ ठहरने की पुष्टि करने के लिए जल्द ही एक ऐसी किट विकसित की जा रही हैं। जिससे यह पता चल सकेगा कि मादा पशु गर्भवती हैं या नहीं। इस पर काम शुरू कर दिया गया हैं। इसके अलावा एक ऐसी किट भी विकसित की जाएगी जिससे पता चल सकेगा कि मादा पशु हीट पर हैंं या नहीं। अब तक साठ से सत्तर प्रतिशत हीट काल जानकारीके अभाव में व्यर्थ चला जाता था। उन्होंने बताया कि अब तक देश में महिलाओं की प्रिग्रेंसी का पता लगाने के लिए ही किट विकसित की गई हैं। इसके अलावा एनडीआरआई तरावड़ी के एक बगांव मं फार्मिंग स्कूल चला रहा हैं। उन्होंने बताया कि देश में इस समय 36 प्रतिशत हरे चारे की कमी है। घटती जोत के कारण यहां पर मात्र चार फीसदी कृषि भूमि पर हरे चारे का उत्पादन किया जाता है। लेकिन वैज्ञानिक सर्वे के अनुसार कुल कृषि भूमि में से 9 प्रतिशत जमीन पर हरे चारे की पैदावार होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर जीडीपी 7 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ती रही तो हमें 2050 तक 50 से 52 प्रतिशत ज्यादा हमें अनाज की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पशुओं के रख रखाव में 70 प्रतिशत से ज्यादा खर्च फीड फोडर पर होता है। इसलिए हम 2050 का विजन रखते हुए कि पशुओं के फीड फोडर पर रिसर्च करे रहे हैं ताकि हमें आने वाले समय पर फीड की कमी महसूस न हो। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में फीड से जुड़ी आधुनिक टेक्नोलोजी के बारे में गहन मंथन किया जाएगा। निश्चित रूप से यह डेरी जगत सेेेे जुड़े लोगों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। डा. गुरबचन सिंह ने कहा कि देश में कुल 140 मिलियन कृषि भूमि है और 120 मिलियन वेस्ट भूमि है। अगर इस वेस्ट भूमि को चारा उगाने के लिए प्रयोग करे तो चारे की कमी से कुछ हद तक कम किया जा सकता है। डा. एच रहमान ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान के निर्देशन में 109 संस्थान चल रहेे हैं। जिसमें से 19 संस्थान पशुओं पर रिसर्च कर रहे हैं। विश्व में भारत पशुधन के मामले में प्रथम स्थान पर है। डा. सीएस प्रसाद ने कहा कि पशुओं के चारे की गुणवता सुधार के लिए फीड रेगुलेटरी अथोरिटी की जरूरत है।
कांगेस बेजुवान कुत्तों को अपनी अवाज देगी: पूनिया
कांग्रेस के प्रदर्शन में कुत्ते शामिल होकर मांगेगे 70 लाख का हिसाब
करनाल (लाम्बा/जैन) : मुख्यमंत्री की गृह नगरी में कांग्रेस सोमवार को एक अनूठा प्रदर्शन करेगी। इसमें कुत्ते अपनी नसबंदी पर हुए 70 लाख रुपए का हिसाव मांगेगे। इस तरह के प्रदर्शन में कांग्रेस नेताओं के साथ कुत्ते भी शामिल होंगे। यह जानकारी कांग्रेस के प्रदेश सचिव पंकज पूनिया ने दी। वह पंजाब केसरी के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री की गृहनगरी में अब तो अफसर कुत्तों के नाम पर पैसा खा रहे हैं। कुत्ते तो बेजुवान हैं। वह किस तरह से सरकार की पोल खोल सकते हैं। उनकी बेजुवानी को कांग्रेस अपनी अवाज देंगी। उन्होंने बताया कि सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद करनाल आ रहे हैं। कांग्रेस का प्रदर्शन सुबह 11 बजे कमेटी चौक पर किया जाएगा। इस प्रदर्शन में कुत्ते अपे गले में पट्टा और तख्तियां लटका कर चलेंगे। इनके माध्यम से गूंगी और बहरी सकार से बेजुवानजानवर हिसाब मांगेगे। पूनिया ने बताया कि करनाल जिस तरह से स्मार्ट सिटी की स्पर्धा से बाहर हुआ हैं। उसके लिए नगरनिगम के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारी जिम्म्ेावार हैं। पूनिया ने बताया कि शहर में अवैध निर्माण के साथ साथ अतिक्रमण जोरों पर हैं। नगरनिगम अभी तक पांच सौ मीटर की आदर्श सडक नहीं बनवा पा रही है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपया कागजों में खर्च किया गया। आम लोगों को सरकार ने मूर्ख बनाया हैं। करनाल के लोग अब मुख्यमंत्री और अफसरों से हिसाब मांगेगे। यहां पर जो कुछ हुआ हैं उसके लिए मुख्यमंत्री को अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेना चाहिए।
Tuesday, February 2, 2016
सी. एम. सिटी में आज भी कानून अमीरों की चौखटों का रखवाला✒गरीबों के लिए कानून और अमीरों के लिए कानून जांच के नाम पर लीपापोती
करनाल, 3 फ़रवरी (अनिल लाम्बा) : भारतीय जनता पार्टी बड़े जोर शोर से भ्र्ष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है और बखान करती नहीं थकती किन्तु हरियाणा में भाजपा के विधायक मनोहर लाल खट्टर अपने निर्वाचन क्षेत्र यानि करनाल जो कि अब सी एम सिटी के नाम से जाना जाता है यहां पर कानून अमीरों के घरों की चौखटों का रखवाला और गरीबों को कानून का पाठ पढ़ाने पर लगा है क्या इस और सी एम खट्टर अपना ध्यान देंगे?
सी एम सिटी में मुकदमा दर्ज होना अलग बात है और उस पर कार्यवाही होना अलग बात जांच के नाम पर अमीरों को फायदा देने के लिए सी एम सिटी में कानून के रखवाले कार्य कर रहे हैं और गरीब व्यक्ति या ईमानदार व्यक्ति जिसकी कोई पहुँच नहीं होती उस पर मुकदमा दर्ज हो जाए तो उसे तुरन्त फुरन्त जेल के भीतर ठूंस दिया जाता है और अमीर लोग या अफसरशाही पर आरोप लगे या एफ आई आर दर्ज हो जाए तो वह सिर्फ और सिर्फ एफ आई आर तक ही सिमित हो कर रहती है और इन मामलों में कानून के रखवाले एक ही रटा रटाया जवाब देते हैं कि जांच चल रही है क्या जांच चल रही है इसका जवाब देना भी सीधे मुंह उचित नहीं समझते अब यदि सी एम ये सोचते हैं कि यह व्यर्थ में लिखा गया है तो वह अपने निर्वाचन क्षेत्र करनाल के थानों में दर्ज 1-1 मुकदमों की जांच किसी भी स्वतन्त्र एजेंसी से करवा फिर देखें कि आपकी सी एम सिटी में बैठे कानून के रखवाले आखिर क्या कर रहे हैं
सवाल मुख्यमंत्री से
एक सवाल है मेरा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से कि जब मैं स्कूल पढ़ने के लिए जाता था तब होमवर्क ना करने की वजह से मुझे स्कूल में टीचर सजा देते थे जबकि मैं स्कूल में फीस भी देता था अब खट्टर साहब आपके स्टूडेंट जो मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं और आपके अधीन आपके सारे सरकारी अधिकारी और आपके ओ एस डी जब आप द्वारा दिए गए कार्यों को पूरा नहीं करते तब आप इन्हें क्या सज़ा देते हैं जबकि इन्हें सारी सहूलियतें और वेतन जनता से लिए गए टैक्सों से मिलते हैं खट्टर साहब जवाब जरूर देना
Sunday, January 31, 2016
पूर्व विधायक के पति तथा अन्य के खिलाफ आरोप तय
करनाल, 31 जनवरी (लाम्बा/जैन): जे.एम.आई.सी. उपेंद्र सिंह की अदालत ने एक मामले की सुनवाई करते हुए पूर्व विधायक सुमिता सिंह के पति जगदीप सिंह तथा अन्य के खिलाफ आरोप तय किए है। अदालत ने यह कार्रवाई डा.एस.एस. जिम्बावड़े की याचिका पर सुनवाई करते हुए की है। जानकारी के अनुसार 26 सितम्बर 2010 को पोषक एग्रीवेट कंपनी के संचालक एस.एस. जिम्बावड़े को पुलिस बल की मदद से तत्कालीन विधायक सुमिता सिंह तथा उनके पति जगदीप सिंह ने बेदखल कर दिया। इस कार्रवाई के खिलाफ वह हाईकोर्ट में एक अक्तूबर 2010 को चले गए। वहां उन्होंने याचिका दायर की। इसके बाद हाईकोर्ट ने 5 अक्तूबर 2010 को स्टेटस को के आदेश् दे दिए और निर्देश दिए कि स्थिति यथावथ रहेगी। लेकिन इसी दौरान फैक्टरी में से प्रतिवादियों ने 2 करोड़ से अधिक का स्टॉक चोरी कर लिया। जो एक बैंक मेंं बंधक के तौर पर रखा हुआ था। इस कार्रवाई के बाद डाक्टर जिम्बावड़े ने जगदीप तथा अन्य के खिलाफ कोर्ट में शिकायत की। इसके बाद 3 सितम्बर 2012 को समन जारी किए गए। इस शिकायत को क्वेश करने के लिए जगदीप तथा अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। लेकिन हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद 20 जनवरी 2016 को अदालत ने जगदीप तथा अन्य के खिलाफ धारा-451, 380 तथा 120-बी के तहत आरोप तय कर दिए।
Friday, January 29, 2016
अजय पंडित वा एफ सी आई मामला
अजय पंडित ने लगाया 13 लोगों को ठगी का चूना
15 से 20 करोड़ की ठगी की थी
करनाल, 29 जनवरी (लाम्बा/जैन): हाई प्रोफाईल नटवर लाल को आखिरकार लंबी पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया। 9 दिन में पुलिस कुछ खास नही उगलवा पार्ई। इस दौरान यह बात जरूर साफ हो गई कि अजय पंडित ने 13 लोगों को ठगी का चूना लगाया। उसने 15 से 20 करोड़ रुपए की ठगी की थी। ऊंची राजनीतिक पहुंच का दावा करने वाले अजय पंडित पर आज ही पुलिस काफी हद तक न्यायालय परिसर में ले जाने के लिए मेहरबान रही। उसके चेहरे को टोपी से ढकने की परमिशन भी दे दी गर्ई। उसे आज जेल भेज दिया गया। 9 दिन के दौरान पुलिस ने उसके कई ठिकानों के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली। अजय पंडित के पास बी.एम. डब्लयू. ओढी और अन्य मंहगी कारें भी थी। जिनकी कीमत डेढ़ से 2 करोड़ रूपए भी थी। उसके करोड़ों रूपए का आर्थिक सम्राज्य भी था। पुलिस इसकी जानकारी आयकर विभाग और इंफोर्रमैंट विभाग को भी दे रही है। अजय पंडित को सबसे पहले दूनार राईस मिल के एम.डी. सुरेंद्र गुप्ता की शिकायत पर गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसके खिलाफ 11 शिकायतें दर्ज की गर्ई। जिनमें पूना का व्यवसायी और शिक्षाविद राजेंद्र यादव ओर करनाल के सैक्टर-9 निवासी वीरेंद्र भी थे। राजेंद्र यादव को राष्ट्रीय सिक्योरिटी कौसिंल में सदस्य बनाने का झांसा देकर 50 लाख रुपए ठगे थे तो करनाल निवासी वीरेंद्र को गैस एजैंसी दिलवाने के नाम पर डेढ करोड़ रुपए ठग लिए थे। लुधियाना के एक व्यवसायी से 50 लाख रूपए ठगे थे। तो दिल्ली के व्यवसायी से 5 करोड़ रुपए ठगे थे। इससे पहले सुरेंद्र गुप्ता से साढ़े-4 करोड रुपए लोन दिलवाने के नाम पर ठगे थे। एस.पी. ने बताया कि पूछताछ के दौरान उसने अपनी बैंक डिटेलस और साथियों की जानकारी भी ली है। पुलिस अब तक उसके 3 साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है। उसकी 25 एकड़ जमीन सिरसा में है। इसके अलावा पुलिस अब ओर भी जानकारियां जुटाने का प्रयास कर रही है। डी.एस.पी. को कहा गया है कि वह जिन राज्यों से अजय पंडित और उसके साथियों के तार जुड़े हुए हैं। उन राज्यों से संपर्क कर जांच तेज करें। यहां पर उन्होंने बताया कि पुलिस इस संबध में कई ओर जानकारियां जुटा रही है। पुलिस ने उस फार्म हाऊस के मालिक को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। जिसमें वह किराए पर रहता था। अभी तक उससे ऐसी जानकारी नही मिली है कि उसके किसी राजनेता से गहरे प्रमाणिक संबध हो। वह कई बार सवालों को भी टालते हुए दिखाई दिए।
बाक्स
हाई प्रोफाईल सिक्योरिटी की जांच होगी उच्चस्तरीय :-
हाई प्रोफाईल नटवर लाल अजय पंडित को अच्छी ओर संवेदनशील सिक्योरिटी किस आधार पर मिली। किसके आदेश पर मिली। इसकी जांच हरियाणा के सिक्योरिटी आई.जी. संदीप खिरवार करेंगे। यह जानकारी देते हुए एस.पी. पंकज नैन ने बताया कि उसे 3 राज्यों की सिक्योरिटी मिली हुई थी। उन्होने उन राज्यों का नाम बताने से इन्कार कर दिया। उन्होंने बताया कि यह जांच से जुड़ा हुआ मामला है। उनसे पूछा गया कि सिक्योरिटी क्या किसी प्रदेश सरकार को मूर्ख बनाकर ली गई तो इस पर वह सवाल टाल गए और बोले कि यह जांच का विषय है। इस मामलें में तो खिरवार ही जांच करेंगे। लेकिन यह बात साफ रही कि अजय पंडित के ब्यूरो क्रेटस में भी गहरे तार जुड़े हो सकते है। जिसकी छानबीन आई.जी. सिक्योरिटी करेंगे। आई.जी. सिक्योरिटी इस बात का भी पता लगाने का प्रयास करेंगे कि कहीं सिक्योरिटी अजय पंडित के राजनैतिक आकाओं के दबाव से तो नही दी गई। क्योंकि उसकी सिक्योरिटी में हरियाणा पुलिस का जैमर शामिल होता था। जबकि यह सिक्योरिटी हरियाणा के मुख्यमंत्री या जैड-प्लस सिक्योरिटी प्राप्त को ही मिलती है। इसके लिए विशेष तौर पर गृह मंत्रालय को आदेश देना पड़ता है। जबकि यहां पर अजय पंडित के साथ ऐसा कुछ खास नही था। फिर भी उसे इतनी महत्त्वपूर्ण सिक्योरिटी किसके आदेश पर मिली हुई थी। यह एक बड़ा सवाल है।
क्या सरकार को मूर्ख बनाकर ली अजय पंडित ने सिक्योरिटी
करनाल, 29 जनवरी (लाम्बा/जैन): हाई प्रोफाईल नटवर लाल अजय पंडित लोगों को मूर्ख बनाकर पैसे ऐंठता रहा। इसके लिए सरकारें भी दोषी हैं। जिन्होंने गुण दोष के बिना उसे हाई प्रोफाईल सिक्योरिटी मुहैया करवा दी। जिसके बल पर वह लोगों को अपने ऊंचे रूतबे का झांसा देता रहा और लोग झांसे में आते चले गए। इसके पीछे कहीं न कहीं राजनैतिक लोगों के साथ-साथ ब्यूरो क्रेटस भी दोषी रहे। इस मामले में वह लोग भी दोषी है। जिन्होंने उसे इतनी महत्त्वपूर्ण सिक्योरिटी देकर उसका रूतबा बढ़ा दिया। जिसके बल पर वह लोगों को ठगता रहा। इस समूचे मामले में अजय पंडित के साथ-साथ उन लोगों को भी सलाखों के पीछे होना चाहिए। जिन लोगों ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया। यहां पर सरकार और अधिकारियों को उन लोगो ंके खिलाफ भी जांच शुरू की जानी चाहिए। जिन लोगों ने गलत ढंग से काम करवाने के लिए इतनी बड़ी मात्रा में नगद रूपए इस व्यक्ति को काम के लिए सौंप दिए। जिसका खुलासा होना जरूरी है। यह पैसा किन स्त्रोतों से आया। कानून में गलत काम करने वाले के साथ-साथ गलत काम करवाने वाले भी दोषी होते है। इनमें एक आदमी तो वह भी था जो सरकार ओर लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामले में जेल में गया। उसके खिलाफ अभी भी मामला चल रहा है। ऐसे ही कई लोग भी थे जो अपने राजनैतिक रूतबे को बढ़ाने के लिए अजय पंडित को अपना रास्ता बनाते गए ओर उसे भारी मात्रा में पैसा दिया गया। यह किस माध्यम से दिया गया। यह जांच का विषय है।
पुलिस अभी तक हाथ नही डाल पाई फर्जी मजदूर पर
एफ.सी.आई. के डी.एम. और मजदूर के खिलाफ नही हुई कार्रवाई
करनाल, 29 जनवरी (लाम्बा/जैन): करनाल पुलिस ने दूनार राईस मिल के संचालक के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले को तो हाथों-हाथ लिया और आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे रूपए भी बरामद कर लिया। लेकिन करनाल के एफ.सी.आई. में फर्जी मजदूर के मामले में अभी तक डी.एम. और एफ.सी.आई. के उस मजदूर को गिरफ्तार नही कर पाई। जो किसी और मजदूर की जगह नौकरी कर रहा है। पुलिस अलग-अलग मामलों में अलग-अलग मानदंड निर्वाह करती है। जहां एक तरफ आर्थिक घोटाले में पुलिस बड़े लोगों की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करती है। लेकिन मजदूर की शिकायत पर पुलिस 4 महीनें तक हाथ पर हाथ रखकर बैठी रहती है। एफ.आई.आर. मुश्किल से दर्ज की गई। एफ.आई.आर. दर्ज करने के बाद पुलिस अभी तक मजदूर और डी.एम. को गिरफ्तार नही कर पाई। जबकि मजदूर गंगा राम लगातार अपने हक के लिए पुलिस के चक्कर काट रहा है। लेकिन आर्थिक अपराध शाखा को कोई भी परवाह नही है। इसके अलावा एफ.सी.आई. में मजदूरों के रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ करने वाला लेबर आफिसर भी अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। जबकि अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर करनाल के मजदूर 15 महीनें से धरने पर बैठे हुए हैं। लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. के साथ-साथ कुछ खास लोगों का आश्रय प्राप्त है। यही कारण है कि जिन मजदूरों ने तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी को मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचाने के लिए समर्थन जुटाने के लिए लड़ाई लड़ी। वही मजदूर अब 15 माह से धरने पर न्याय की आस लिए बैठे हुए है।
Saturday, January 23, 2016
बस वा ट्रक की टक्कर में पांच घायल
100 रुपये लेने वाले पर कार्यवाही,अवैध निर्माणों पर मात्र मीटिंग कर साधी चुप्पी
Friday, January 22, 2016
सरकार उजागर करे नेताजी की मौत के लिए जिम्मेवार 4 गद्दारों के नाम : राजश्री
नेताजी से जुड़े हर सच को उजागर करे प्रधानमंत्री
करनाल, 22 जनवरी (लाम्बा/का.प्र): नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में 33 महत्त्वपूर्ण फाईलों के उजागर होने से एक दिन पहले उनके परिजन भी उत्साहित थे। नेता जी की दोहती राजश्री बोस ने कहा कि देश के सामने उन 4 गद्दारों के नाम भी उजागर किए जाने चाहिए। जो लोग नेता जी की गुमनामी में हुई मौत के लिए जिम्मेवार है। उन्होंने बताया कि इसके लिए वह प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और ब्रिटिश सरकार के अंतिम गर्वनर लार्ड माऊंट वेटन की साजिश को जिम्मेवार मानती है। पहले तो यह लोग नेताजी की संपत्ति के पीछे लगे रहे। अब इसके बाद इन लोगों ने पश्चिमी राष्ट्रों से संपर्क करके नेता जी की मौत की अफवाह फैला दी। जबकि नेताजी की मौत हवाई दुर्घटना में 1945 में नही हुई थी। इस बात की पुष्टि ताईवान सरकार ने भी की। पंडित जवाहर लाल नेहरू के लिए नेता जी सबसे बड़़े खतरा बने हुए थे। देश माने या न माने लेकिन देशवासियों की आत्मा मानती है कि नेता जी स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन लोगों को उजागर करें। जिन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को जीते-जी मृत घोषित कर दिया। और इनके जिंदा सच को लोगों से छिपाया। उन्होंने तो यहां तक कहा कि उन्हें लगता है कि नेताजी की मौत के लिए भी देश के चार गद्दार जिम्मेवार है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि नेताजी के सिर पर आज तक पश्चिमी राष्ट्रों ने युद्ध अपराधी का कलंक लगा रखा है। इस कलंक को धोने के लिए भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र संघ में जाए और नेताजी को इस अपराध से मुक्त करने के लिए पहल करे। वह करनाल में एक संस्था के कार्यक्रम में आई हुई थी। यहां उन्होंने पंजाब केसरी से बातचीत करते हुए बताया कि मौत के सच को लोगों के सामने लाया जाए। उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पहली बार यह पहल कर रहे हैं कि नेताजी के सच से जुड़ी हुई 33 फाईलें उजागर कर रहे है। उन्होंने कहा कि सता का हस्तांतरण हुआ था। यदि नेताजी होते तो देश का बंटवारा नही होता और न ही भारत को कॉमन वैल्थ का सदस्य बनना पड़ता। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को अंगे्रजो का एजैंट बताया। उन्होने कहा कि उस समय उनके साथ जो नेता थे। वह भी पश्चिम के एजैंट थे। जिन्होंने देश को बर्बाद करके रख दिया। देश पर काले अंग्रेज राज कर रहे हैं। आज भी ब्रिटिश सरकार के कानून चल रहे हैं। आज भारत का सेना गिरवी रखा हुआ है। इससे बडा कलंक क्या हो सकता है। आज सुभाष चंद्र बोस को देश का हर बच्चा-बच्चा याद करता है। पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्री बनने के रास्ते में सबसे बड़ी रूकावट सुभाष चंद्र बोस थे। जिन्हें गंदे तरीके से रास्ते से हटाया गया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मल्टीनैशनल कंपनियों के दबाव में आज भी सरकारें चल रही है। आज 70 साल से जो सच छिपाकर रखा हुआ था। उसके उजागर होने से देश में राजनीतिक भूचाल आ जाऐगा।